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Gorakhpur News: उर्वरक की दुकानों पर छापा, दो में अनियमितता मिलने पर एफआईआर
संवाद न्यूज एजेंसी, गोरखपुर
Updated Sun, 21 Dec 2025 12:36 AM IST
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- सहजनवां और भटहट क्षेत्र में शिकायत मिलने पर जिला कृषि अधिकारी ने की कार्रवाई
संवाद न्यूज एजेंसी
गोरखपुर। यूरिया की कालाबाजारी की मिल रही शिकायतों की जांच के लिए जिला कृषि अधिकारी ने सहजनवां और भटहट क्षेत्र में खाद के दुकानों पर छापा मारा। इस दौरान कई अनियमितताएं पाई गईं। पोर्टल पर प्रदर्शित उर्वरकों की अपेक्षा दुकानों पर काफी अंतर पाया गया। इसके अलावा दुकानदार किसानों से निर्धारित से अधिक मूल्य लेकर यूरिया ले रहे थे। इससे नाराज कृषि अधिकारी ने दो संचालकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।
जिला कृषि अधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि विकास खंड भटहट स्थित मां लक्ष्मी ट्रेडिंग कंपनी स्थान जंगल डुमरी नं-1 के प्रोपराइटर दीपचंद जायसवाल के उर्वरक की दुकान का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। मौके पर उर्वरक से संबंधित अभिलेख नहीं दिखाया गया। इस दौरान उर्वरक की उपलब्ध मात्रा, बिक्री दर का अंकन न होना, उर्वरक व्यवसाय से संबंधित अभिलेख का अवलोकन न कराए जाने के साथ ही यूरिया, एसएसपी और एमओपी उर्वरक में काफी अंतर पाए जाने के कारण कार्रवाई की गई है।
इसी अलावा सहजनवां ब्लॉक के जोगिया कोल में निषाद खाद भंडार के विरुद्ध यूरिया की बिकी निर्धारित से अधिक मूल्य पर बेचे जाने की शिकायत पर जांच की गई। जांच के दौरान प्रतिष्ठान पर पॉस मशीन में प्रदर्शित उर्वरक के स्टॉक एवं बिकी केंद्र/गोदाम पर उपलब्ध भौतिक स्टॉक के सत्यापन के दौरान अनेक अनियमितता पाई गईं। इसके अलावा यूरिया की बिक्री निर्धारित से अधिक मूल्य पर करने की लिखित शिकायत की गई थी।
उन्होंने बताया कि उर्वरक स्टॉक में अंतर पाए जाने से यह साबित होता है कि दोनों दुकान संचालकों की ओर से उर्वरकों की कालाबाजारी/जमाखोरी की जा रही हैं। उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 का स्पष्ट उल्लंघन होने के कारण आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के अधीन अपराध है। पूरे मामले को जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत करते हुए अनुमति के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
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वर्जन
सहजनवां और भटहट क्षेत्र में एक-एक निजी उर्वरक की दुकानों में अनियमितताएं पाए जाने पर कार्रवाई की गई है और संबंधित दुकानदारों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। यदि कोई दुकानदार निर्धारित मूल्य से अधिक राशि वसूल करता है या उर्वरक की कालाबाजारी करते पाया जाता है तो उसके विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी।
- देवेंद्र प्रताप सिंह, जिला कृषि अधिकारी, गोरखपुर।
संवाद न्यूज एजेंसी
गोरखपुर। यूरिया की कालाबाजारी की मिल रही शिकायतों की जांच के लिए जिला कृषि अधिकारी ने सहजनवां और भटहट क्षेत्र में खाद के दुकानों पर छापा मारा। इस दौरान कई अनियमितताएं पाई गईं। पोर्टल पर प्रदर्शित उर्वरकों की अपेक्षा दुकानों पर काफी अंतर पाया गया। इसके अलावा दुकानदार किसानों से निर्धारित से अधिक मूल्य लेकर यूरिया ले रहे थे। इससे नाराज कृषि अधिकारी ने दो संचालकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।
जिला कृषि अधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि विकास खंड भटहट स्थित मां लक्ष्मी ट्रेडिंग कंपनी स्थान जंगल डुमरी नं-1 के प्रोपराइटर दीपचंद जायसवाल के उर्वरक की दुकान का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। मौके पर उर्वरक से संबंधित अभिलेख नहीं दिखाया गया। इस दौरान उर्वरक की उपलब्ध मात्रा, बिक्री दर का अंकन न होना, उर्वरक व्यवसाय से संबंधित अभिलेख का अवलोकन न कराए जाने के साथ ही यूरिया, एसएसपी और एमओपी उर्वरक में काफी अंतर पाए जाने के कारण कार्रवाई की गई है।
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इसी अलावा सहजनवां ब्लॉक के जोगिया कोल में निषाद खाद भंडार के विरुद्ध यूरिया की बिकी निर्धारित से अधिक मूल्य पर बेचे जाने की शिकायत पर जांच की गई। जांच के दौरान प्रतिष्ठान पर पॉस मशीन में प्रदर्शित उर्वरक के स्टॉक एवं बिकी केंद्र/गोदाम पर उपलब्ध भौतिक स्टॉक के सत्यापन के दौरान अनेक अनियमितता पाई गईं। इसके अलावा यूरिया की बिक्री निर्धारित से अधिक मूल्य पर करने की लिखित शिकायत की गई थी।
उन्होंने बताया कि उर्वरक स्टॉक में अंतर पाए जाने से यह साबित होता है कि दोनों दुकान संचालकों की ओर से उर्वरकों की कालाबाजारी/जमाखोरी की जा रही हैं। उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 का स्पष्ट उल्लंघन होने के कारण आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के अधीन अपराध है। पूरे मामले को जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत करते हुए अनुमति के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
वर्जन
सहजनवां और भटहट क्षेत्र में एक-एक निजी उर्वरक की दुकानों में अनियमितताएं पाए जाने पर कार्रवाई की गई है और संबंधित दुकानदारों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। यदि कोई दुकानदार निर्धारित मूल्य से अधिक राशि वसूल करता है या उर्वरक की कालाबाजारी करते पाया जाता है तो उसके विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी।
- देवेंद्र प्रताप सिंह, जिला कृषि अधिकारी, गोरखपुर।
