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Gorakhpur News: अंगूठे का क्लोन बनाकर फर्जी डिग्री व आधार बनाने वाले गिरोह पर गैंगस्टर की कार्रवाई
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- 3डी फिंगर प्रिंट मशीन और पॉलिमर स्टॉम्प मशीन के जरिये तैयार करते थे दस्तावेज
- 700 से 1500 रुपये में बनवाते थे अंगूठे का क्लोन, 5 हजार में देते थे फर्जी अंकपत्र
- वर्तमान में सभी आरोपी जेल में हैं बंद, गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त होगी संपत्ति
अमर उजाला ब्यूरो
गोरखपुर। अंगूठे का क्लोन तैयार कर फर्जी शैक्षणिक डिग्री, अंकपत्र और आधार कार्ड जैसे अहम दस्तावेज बनाने वाले गिरोह पर कोतवाली पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट में प्राथमिकी दर्ज की है। गिरोह में पांच जालसाज शामिल हैं जिसमें गैंग लीडर इमरान खान महराजगंज का रहने वाला है। सभी आरोपी वर्तमान में जेल में बंद हैं। अब गैंगस्टर एक्ट के तहत उनकी अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों की जब्ती की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
इस संगठित जालसाजी गिरोह का पर्दाफाश मई 2025 में हुआ था, जब कोतवाली पुलिस ने दबिश देकर अंगूठे का क्लोन बनाने से जुड़ा नेटवर्क पकड़ा था। जांच के दौरान पुलिस ने 3डी फिंगर प्रिंट मशीन, पॉलिमर स्टांप मशीन, ट्रेसिंग पेपर समेत कई ऐसे उपकरण बरामद किए थे, जिनका इस्तेमाल कर यह गिरोह नकली दस्तावेज तैयार करता था। पुलिस के अनुसार आरोपी 700 से 1500 रुपये में अंगूठे का क्लोन बनाते थे, जबकि फर्जी अंकपत्र और डिग्री के लिए पांच हजार रुपये तक वसूले जाते थे।
पुलिस जांच में सामने आया कि गिरोह का संचालन शाहपुर थाना क्षेत्र के बिछिया निवासी श्याम बिहारी गुप्ता उर्फ गंगाराम करता था। वहीं महाराजगंज जिले के निचलौल निवासी इमरान खान गिरोह का सरगना है। इमरान गोरखनाथ थाना क्षेत्र के हुमायूंपुर उत्तरी में किराए के मकान में रहकर 3डी प्रिंटर के माध्यम से ट्रेसिंग पेपर पर अंगूठे के फिंगर प्रिंट तैयार करता था। इसके बाद यह प्रिंट गणेश चौक क्षेत्र में एक अन्य सदस्य को दिया जाता, जो फ्लैश और पॉलिमर स्टांप की मदद से अंगूठे का क्लोन बनाता था।
जांच में यह भी पर्दाफाश हुआ कि गिरोह बेरोजगार युवकों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर फर्जी डिग्रियां और अंकपत्र उपलब्ध कराता था। इसके लिए गिरोह ने गुलरिहा क्षेत्र में बाकायदा एक कार्यालय भी खोल रखा था। फर्जी डिग्रियों पर गाजियाबाद और चेरापूंजी स्थित यूनिवर्सिटी का नाम अंकित किया जाता था, जबकि पुलिस की जांच में चेरापूंजी में इस नाम की कोई यूनिवर्सिटी अस्तित्व में नहीं पाई गई।
गिरोह के गुर्गा जयंत प्रताप सिंह ने पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए न्यायालय से स्टे भी प्राप्त कर लिया था, लेकिन एसपी सिटी ने स्पष्ट किया कि गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज प्राथमिकी में वह स्टे प्रभावी नहीं होगा। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह लंबे समय से संगठित तरीके से अपराध कर रहा था।
इन पर हुई कार्रवाई
गैंगस्टर एक्ट के तहत जिन आरोपियों पर कार्रवाई की गई है, उनमें गैंग लीडर इमरान खान, श्याम बिहारी गुप्ता उर्फ गंगाराम, संदीप चौहान, जयंत प्रताप सिंह और तबरेज शामिल हैं। पुलिस अब इनके आपराधिक इतिहास की गहन जांच कर रही है और अवैध कमाई से बनाई गई संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई तेज कर दी गई है।
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कोट
गैंग के पांच आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई है। गिरोह के एक गुर्गे ने पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए स्टे लिया था। गैंगस्टर में दर्ज प्राथमिकी में यह स्टे नहीं लागू होगा।
- अभिनव त्यागी, एसपी सिटी
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- वर्तमान में सभी आरोपी जेल में हैं बंद, गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त होगी संपत्ति
अमर उजाला ब्यूरो
गोरखपुर। अंगूठे का क्लोन तैयार कर फर्जी शैक्षणिक डिग्री, अंकपत्र और आधार कार्ड जैसे अहम दस्तावेज बनाने वाले गिरोह पर कोतवाली पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट में प्राथमिकी दर्ज की है। गिरोह में पांच जालसाज शामिल हैं जिसमें गैंग लीडर इमरान खान महराजगंज का रहने वाला है। सभी आरोपी वर्तमान में जेल में बंद हैं। अब गैंगस्टर एक्ट के तहत उनकी अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों की जब्ती की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
इस संगठित जालसाजी गिरोह का पर्दाफाश मई 2025 में हुआ था, जब कोतवाली पुलिस ने दबिश देकर अंगूठे का क्लोन बनाने से जुड़ा नेटवर्क पकड़ा था। जांच के दौरान पुलिस ने 3डी फिंगर प्रिंट मशीन, पॉलिमर स्टांप मशीन, ट्रेसिंग पेपर समेत कई ऐसे उपकरण बरामद किए थे, जिनका इस्तेमाल कर यह गिरोह नकली दस्तावेज तैयार करता था। पुलिस के अनुसार आरोपी 700 से 1500 रुपये में अंगूठे का क्लोन बनाते थे, जबकि फर्जी अंकपत्र और डिग्री के लिए पांच हजार रुपये तक वसूले जाते थे।
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पुलिस जांच में सामने आया कि गिरोह का संचालन शाहपुर थाना क्षेत्र के बिछिया निवासी श्याम बिहारी गुप्ता उर्फ गंगाराम करता था। वहीं महाराजगंज जिले के निचलौल निवासी इमरान खान गिरोह का सरगना है। इमरान गोरखनाथ थाना क्षेत्र के हुमायूंपुर उत्तरी में किराए के मकान में रहकर 3डी प्रिंटर के माध्यम से ट्रेसिंग पेपर पर अंगूठे के फिंगर प्रिंट तैयार करता था। इसके बाद यह प्रिंट गणेश चौक क्षेत्र में एक अन्य सदस्य को दिया जाता, जो फ्लैश और पॉलिमर स्टांप की मदद से अंगूठे का क्लोन बनाता था।
जांच में यह भी पर्दाफाश हुआ कि गिरोह बेरोजगार युवकों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर फर्जी डिग्रियां और अंकपत्र उपलब्ध कराता था। इसके लिए गिरोह ने गुलरिहा क्षेत्र में बाकायदा एक कार्यालय भी खोल रखा था। फर्जी डिग्रियों पर गाजियाबाद और चेरापूंजी स्थित यूनिवर्सिटी का नाम अंकित किया जाता था, जबकि पुलिस की जांच में चेरापूंजी में इस नाम की कोई यूनिवर्सिटी अस्तित्व में नहीं पाई गई।
गिरोह के गुर्गा जयंत प्रताप सिंह ने पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए न्यायालय से स्टे भी प्राप्त कर लिया था, लेकिन एसपी सिटी ने स्पष्ट किया कि गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज प्राथमिकी में वह स्टे प्रभावी नहीं होगा। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह लंबे समय से संगठित तरीके से अपराध कर रहा था।
इन पर हुई कार्रवाई
गैंगस्टर एक्ट के तहत जिन आरोपियों पर कार्रवाई की गई है, उनमें गैंग लीडर इमरान खान, श्याम बिहारी गुप्ता उर्फ गंगाराम, संदीप चौहान, जयंत प्रताप सिंह और तबरेज शामिल हैं। पुलिस अब इनके आपराधिक इतिहास की गहन जांच कर रही है और अवैध कमाई से बनाई गई संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई तेज कर दी गई है।
कोट
गैंग के पांच आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई है। गिरोह के एक गुर्गे ने पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए स्टे लिया था। गैंगस्टर में दर्ज प्राथमिकी में यह स्टे नहीं लागू होगा।
- अभिनव त्यागी, एसपी सिटी
