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Gorakhpur News: एनईआर में दो बड़े मामलों की जांच कर रही सीबीआई
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रेलवे भर्ती बोर्ड गोरखपुर में नियुक्ति में अलग-अलग दो बार हुए फर्जीवाड़ा की चल रही जांच
निलंबन के बाद दो रेलकर्मियों की हो सकती है बर्खास्तगी, शुरू हुई विभागीय कार्रवाई
गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे में भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत गहरी हैं। रेलवे भर्ती बोर्ड गोरखपुर में भर्ती के अलग-अलग दो मामले में सीबीआई की जांच चल रही है। अब तीसरा मामला ठेके में फर्जी एफडीआर और अनुभव प्रमाणपत्र लगाने का सामने आया है। उधर, कपूरथला फैक्टरी में भर्ती के लिए फर्जी तरीके से पैनल में नाम शामिल कराने के आरोप में पूर्व चेयरमैन और उनके निजी सचिव के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू हो गई है।
रेलवे डिपो में स्क्रैप की खरीद और बिक्री के मामले में वर्ष 2013 में सीबीआई की टीम ने छापा मारा था। इसके बाद 23 मार्च 2023 को गोरखपुर स्थित पूर्वोत्तर रेलवे के स्टोर डिपो और यांत्रिक कारखाने में छापा मारा था। इन मामलों में सीबीआई ने रंगे हाथ प्रमुख मुख्य कारखाना प्रबंधक केसी जोशी को पांच लाख घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया था। इससे जुड़े मामले में ही एक रेल अधिकारी को दूसरे जोन में ट्रांसफर कर दिया था। इसके बाद रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) में सहायक लोको पायलट, तकनीशियन की भर्ती में गड़बड़ी के मामले में सीबीआई ने जांच शुरू की। अगस्त 2025 में केस दर्ज करने के बाद सीबीआई की टीम ने पूर्व चेयरमैन पीके राय के शहर स्थित आवास और उनके गांव पर छापा मारा। इसके अलावा पूर्व चेयरमैन के साथ काम करने वाले दो रेलकर्मी विनय कुमार श्रीवास्तव और वरुण राज मिश्रा के आवास पर भी सीबीआई की टीम गई थी। इस मामले की जांच अभी चल रही है।
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निलंबित हैं पूर्व चेयरमैन, गिरफ्तार हो चुके हैं दो रेलकर्मी
माडर्न कोच फैक्टरी, रायबरेली में फिटर पद पर नियुक्ति के पैनल में अपने बेटों का फर्जी तरीके से नाम शामिल कराने के आरोपी रेलवे भर्ती बोर्ड, गोरखपुर में कार्यरत पूर्व कार्यालय अधीक्षक चंद्रशेखर आर्य व चेयरमैन के निजी सचिव-द्वितीय राम सजीवन और दोनों के बेटों पर कैंट थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ था। सभी गिरफ्तार हुए थे। मामले में रेलवे भर्ती बोर्ड, गोरखपुर के चेयरमैन नूरुद्दीन अंसारी व उनके निजी सचिव राम सजीवन को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। इस मामले की भी जांच चल रही है।

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गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे में भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत गहरी हैं। रेलवे भर्ती बोर्ड गोरखपुर में भर्ती के अलग-अलग दो मामले में सीबीआई की जांच चल रही है। अब तीसरा मामला ठेके में फर्जी एफडीआर और अनुभव प्रमाणपत्र लगाने का सामने आया है। उधर, कपूरथला फैक्टरी में भर्ती के लिए फर्जी तरीके से पैनल में नाम शामिल कराने के आरोप में पूर्व चेयरमैन और उनके निजी सचिव के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू हो गई है।
रेलवे डिपो में स्क्रैप की खरीद और बिक्री के मामले में वर्ष 2013 में सीबीआई की टीम ने छापा मारा था। इसके बाद 23 मार्च 2023 को गोरखपुर स्थित पूर्वोत्तर रेलवे के स्टोर डिपो और यांत्रिक कारखाने में छापा मारा था। इन मामलों में सीबीआई ने रंगे हाथ प्रमुख मुख्य कारखाना प्रबंधक केसी जोशी को पांच लाख घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया था। इससे जुड़े मामले में ही एक रेल अधिकारी को दूसरे जोन में ट्रांसफर कर दिया था। इसके बाद रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) में सहायक लोको पायलट, तकनीशियन की भर्ती में गड़बड़ी के मामले में सीबीआई ने जांच शुरू की। अगस्त 2025 में केस दर्ज करने के बाद सीबीआई की टीम ने पूर्व चेयरमैन पीके राय के शहर स्थित आवास और उनके गांव पर छापा मारा। इसके अलावा पूर्व चेयरमैन के साथ काम करने वाले दो रेलकर्मी विनय कुमार श्रीवास्तव और वरुण राज मिश्रा के आवास पर भी सीबीआई की टीम गई थी। इस मामले की जांच अभी चल रही है।
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माडर्न कोच फैक्टरी, रायबरेली में फिटर पद पर नियुक्ति के पैनल में अपने बेटों का फर्जी तरीके से नाम शामिल कराने के आरोपी रेलवे भर्ती बोर्ड, गोरखपुर में कार्यरत पूर्व कार्यालय अधीक्षक चंद्रशेखर आर्य व चेयरमैन के निजी सचिव-द्वितीय राम सजीवन और दोनों के बेटों पर कैंट थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ था। सभी गिरफ्तार हुए थे। मामले में रेलवे भर्ती बोर्ड, गोरखपुर के चेयरमैन नूरुद्दीन अंसारी व उनके निजी सचिव राम सजीवन को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। इस मामले की भी जांच चल रही है।