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UP: कर्ज के बोझ और सामाजिक विरोध के दबाव में टूटा सागर, फांसी लगाकर दी जान- गांव में छाया मातम
अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर
Published by: रोहित सिंह
Updated Sun, 14 Sep 2025 01:00 PM IST
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सार
सागर ने कुछ समय पहले इंटर-कास्ट विवाह किया था और अपने ससुराल में रह रहा था। लेकिन पारिवारिक और सामाजिक विरोध के साथ-साथ आर्थिक तंगी ने उसे मानसिक रूप से तोड़ दिया। हाल ही में वह अपने पैतृक गांव लौटा था, मगर जिंदगी की जंग हारकर उसने यह दुखद कदम उठा लिया।

सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
खजनी थाना क्षेत्र के रामपुर मलौली गांव में एक हृदयविदारक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। सागर श्रीवास्तव उर्फ गोलू (28 वर्ष), पुत्र स्वर्गीय शंभूलाल, ने कर्ज के भारी बोझ और मानसिक तनाव के चलते शनिवार देर रात अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया, और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
सागर ने कुछ समय पहले इंटर-कास्ट विवाह किया था और अपने ससुराल में रह रहा था। लेकिन पारिवारिक और सामाजिक विरोध के साथ-साथ आर्थिक तंगी ने उसे मानसिक रूप से तोड़ दिया। हाल ही में वह अपने पैतृक गांव लौटा था, मगर जिंदगी की जंग हारकर उसने यह दुखद कदम उठा लिया।

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सागर ने कुछ समय पहले इंटर-कास्ट विवाह किया था और अपने ससुराल में रह रहा था। लेकिन पारिवारिक और सामाजिक विरोध के साथ-साथ आर्थिक तंगी ने उसे मानसिक रूप से तोड़ दिया। हाल ही में वह अपने पैतृक गांव लौटा था, मगर जिंदगी की जंग हारकर उसने यह दुखद कदम उठा लिया।
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सूचना मिलते ही महुआडाबर चौकी प्रभारी अभिषेक सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और मामले की जांच शुरू कर दी। प्रारंभिक जांच में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, लेकिन पुलिस परिजनों और रिश्तेदारों से पूछताछ कर आत्महत्या के कारणों का पता लगाने में जुटी है।
चौकी प्रभारी अभिषेक सिंह ने बताया, “हम हर कोण से मामले की जांच कर रहे हैं। यह समझने की कोशिश की जा रही है कि सागर ने यह कदम क्यों उठाया।” बहरहाल मामला कर्ज के बोझ तले दबे होने से आत्महत्या का कारण सामने आ रहा है।
चौकी प्रभारी अभिषेक सिंह ने बताया, “हम हर कोण से मामले की जांच कर रहे हैं। यह समझने की कोशिश की जा रही है कि सागर ने यह कदम क्यों उठाया।” बहरहाल मामला कर्ज के बोझ तले दबे होने से आत्महत्या का कारण सामने आ रहा है।
स्थानीय लोगो के अनुसार सागर स्वभाव से शांत और मिलनसार था, लेकिन हाल के महीनों में वह गहरे अवसाद में था। इंटर-कास्ट विवाह के बाद उसे सामाजिक बहिष्कार और परिवारिक तनाव का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, उस पर भारी कर्ज था, जिसकी किश्तें चुकाने में वह असमर्थ था।
लगातार बढ़ती परेशानियों ने उसे इतना कमजोर कर दिया कि उसने जीवन को अलविदा कह दिया। सागर के परिजनों का कहना है कि वह परिवार के प्रति जिम्मेदार और मेहनती था, लेकिन परिस्थितियों ने उसे इस हद तक ले जाया कि वह टूट गया।
लगातार बढ़ती परेशानियों ने उसे इतना कमजोर कर दिया कि उसने जीवन को अलविदा कह दिया। सागर के परिजनों का कहना है कि वह परिवार के प्रति जिम्मेदार और मेहनती था, लेकिन परिस्थितियों ने उसे इस हद तक ले जाया कि वह टूट गया।