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Gorakhpur News: उपस्थिति में छूट से असाइनमेंट मैनेज तक के ऑफर से छात्रों को लुभा रहे कॉलेज
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बीएड में प्रवेश के लिए कई कॉलेजों की तरफ से खुलेआम डिस्काउंट ऑफर का मामला
बीएड में 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य, कई नामी कॉलेज भी खेल में शामिल
गोरखपुर। बीएड में प्रवेश को लेकर सिर्फ शुल्क में छूट ही नहीं बल्कि उपस्थिति में छूट से लेकर असाइनमेंट और प्रैक्टिकल परीक्षाएं तक मैनेज करने के लुभावने ऑफर कई कॉलेज दे रहे हैं। इस खेल में कई नामी कॉलेज भी शामिल हैं। सीटें भरने की जद्दोजहद में जुटे कॉलेज छात्रों की मांगे न सिर्फ मानने को तैयार हैं बल्कि अपनी तरफ से भी पेशकश कर रहे हैं।
डीडीयू और संबद्ध लगभग 100 कॉलेजों में बीएड के कोर्स का संचालन होता है। यहां बीएड की कुल 9400 सीटें हैं। तीन चरणों की काउंसिलिंग के बाद इनमें से लगभग 1500 सीटें ही भर पाईं, जबकि करीब 7900 सीटें खाली रह गईं। इसके बाद कॉलेजों की तरफ से डिस्काउंट ऑफर दिए जाने लगे। डिस्काउंट के साथ ही अन्य सुविधाओं के बारे में भी अभ्यर्थियों को बताया जा रहा है। इस बार अभ्यर्थियों की बड़ी संख्या बिहार के सीमावर्ती जिलों की हैं।
उपस्थिति जांचने के लिए ठोस नियम नहीं
बताया जा रहा है कि कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति जांचने के लिए कोई ठोस नियम नहीं हैं। रजिस्टर पर उपस्थिति दर्ज किए जाने के प्रावधान हैं। अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया जा रहा है कि महीने-दो महीने में एक ही बार में उनकी सभी उपस्थिति दर्ज कर ली जाएगी।
सेमेस्टर प्रणाली से भी पड़ रहा असर
बताया जा रहा है कि सिद्धार्थ विश्वविद्यालय समेत प्रदेश के कई विश्वविद्यालयों में अभी भी वार्षिक आधार पर ही बीएड में प्रवेश लिया जा रहा है, जबकि डीडीयू से संबद्ध कॉलेजों में सेमेस्टर आधार पर कोर्स संचालित हो रहा है। छात्र सेमेस्टर के बजाय वार्षिक आधार पर प्रवेश के लिए दूसरे विश्वविद्यालयों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
कोट
सभी कॉलेज सीट न भरने की समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में कॉलेज वाले मजबूर हैं। सीट भरने के लिए कॉलेजों को छूट देनी पड़ रही है। कुलाधिपति ने 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य करने का आदेश जारी किया है। इसे सभी कॉलेजों को सुनिश्चित करना पड़ेगा।
- डॉ. सुधीर राय, महामंत्री, स्ववित्तपोषित कॉलेज प्रबंधक महासभा।
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कोट
कॉलेजों की तरफ से उपस्थिति में छूट और असाइनमेंट मैनेज किए जाने का मामला संज्ञान में नहीं आया है। यदि इस तरह की शिकायत मिली तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. उदयभान, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी

बीएड में 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य, कई नामी कॉलेज भी खेल में शामिल
गोरखपुर। बीएड में प्रवेश को लेकर सिर्फ शुल्क में छूट ही नहीं बल्कि उपस्थिति में छूट से लेकर असाइनमेंट और प्रैक्टिकल परीक्षाएं तक मैनेज करने के लुभावने ऑफर कई कॉलेज दे रहे हैं। इस खेल में कई नामी कॉलेज भी शामिल हैं। सीटें भरने की जद्दोजहद में जुटे कॉलेज छात्रों की मांगे न सिर्फ मानने को तैयार हैं बल्कि अपनी तरफ से भी पेशकश कर रहे हैं।
डीडीयू और संबद्ध लगभग 100 कॉलेजों में बीएड के कोर्स का संचालन होता है। यहां बीएड की कुल 9400 सीटें हैं। तीन चरणों की काउंसिलिंग के बाद इनमें से लगभग 1500 सीटें ही भर पाईं, जबकि करीब 7900 सीटें खाली रह गईं। इसके बाद कॉलेजों की तरफ से डिस्काउंट ऑफर दिए जाने लगे। डिस्काउंट के साथ ही अन्य सुविधाओं के बारे में भी अभ्यर्थियों को बताया जा रहा है। इस बार अभ्यर्थियों की बड़ी संख्या बिहार के सीमावर्ती जिलों की हैं।
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उपस्थिति जांचने के लिए ठोस नियम नहीं
बताया जा रहा है कि कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति जांचने के लिए कोई ठोस नियम नहीं हैं। रजिस्टर पर उपस्थिति दर्ज किए जाने के प्रावधान हैं। अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया जा रहा है कि महीने-दो महीने में एक ही बार में उनकी सभी उपस्थिति दर्ज कर ली जाएगी।
सेमेस्टर प्रणाली से भी पड़ रहा असर
बताया जा रहा है कि सिद्धार्थ विश्वविद्यालय समेत प्रदेश के कई विश्वविद्यालयों में अभी भी वार्षिक आधार पर ही बीएड में प्रवेश लिया जा रहा है, जबकि डीडीयू से संबद्ध कॉलेजों में सेमेस्टर आधार पर कोर्स संचालित हो रहा है। छात्र सेमेस्टर के बजाय वार्षिक आधार पर प्रवेश के लिए दूसरे विश्वविद्यालयों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
कोट
सभी कॉलेज सीट न भरने की समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में कॉलेज वाले मजबूर हैं। सीट भरने के लिए कॉलेजों को छूट देनी पड़ रही है। कुलाधिपति ने 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य करने का आदेश जारी किया है। इसे सभी कॉलेजों को सुनिश्चित करना पड़ेगा।
- डॉ. सुधीर राय, महामंत्री, स्ववित्तपोषित कॉलेज प्रबंधक महासभा।
कोट
कॉलेजों की तरफ से उपस्थिति में छूट और असाइनमेंट मैनेज किए जाने का मामला संज्ञान में नहीं आया है। यदि इस तरह की शिकायत मिली तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. उदयभान, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी