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Gorakhpur News: वायु प्रदूषण में सुधार के लिए नगर निगम ने कसी कमर
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स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 में धूल की वजह से कटे अंक
अगले सर्वेक्षण में बेहतर प्रदर्शन के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहा है नगर निगम
गोरखपुर। शहर में इन दिनों चारों तरफ हो रहे निर्माण कार्यों की वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। इस वजह से स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 में शहर की रैंकिंग पिछले वर्ष की तुलना में एक पायदान नीचे आ गई। सर्वेक्षण में प्रदूषण के मुख्य कारणों में निर्माण स्थलों से उड़ने वाली धूल को माना गया है। नगर निगम अगले वर्ष सर्वेक्षण में बेहतर प्रदर्शन के लिए अभी से योजनाबद्ध तरीके से जुट गया है।
शहर में इस समय कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाएं एक साथ संचालित हो रही हैं। इनमें पैडलेगंज-नौसड़ सिक्सलेन मार्ग, देवरिया बाईपास से ट्रांसपोर्ट नगर फ्लाईओवर तक का निर्माण, यूनिवर्सिटी चौराहे से छात्रसंघ भवन तक स्मार्ट रोड, विरासत गलियारा और हार्बर्ट बांध का फोरलेन निर्माण कार्य प्रमुख हैं। इन निर्माण कार्यों की वजह से बड़ी मात्रा में उड़ रही धूल से वायु प्रदूषण की मात्रा में वृद्धि हुई है। शहरवासियों को भी वायु प्रदूषण के कारण परेशानी हो रही है। स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 के दौरान पर्यावरण मानकों की जांच करने पर गोरखपुर में पीएम 10 और पीएम 2.5 कणों की मात्रा अधिक पाई गई। गोरखपुर को 200 में से 195 अंक मिले। नगर निगम को स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2024 में चौथी और 2025 में पूरे देश में पांचवीं रैंक मिली है। वायु प्रदूषण के कारण नगर निगम के अंक कटे हैं।
सुधार के लिए उठाए कदम
नगर निगम अब स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2026 की तैयारियों में जुट गया है। रैंकिंग में सुधार के लिए नगर निगम बड़े स्तर पर पौधरोपण कर रहा है। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने कहा कि शहर के प्रमुख मार्गों और खाली स्थानों पर बड़े पैमाने पर पौधरोपण किया जाएगा ताकि हरियाली बढ़े और धूल को रोका जा सके। जापानी तकनीक से विकसित किए जाने वाले मियावाकी वन शहर में प्रदूषण नियंत्रण में मदद करेंगे। यह वन घनी हरियाली प्रदान करते हैं और कम समय में विकसित हो जाते हैं। निर्माण स्थलों और अन्य प्रमुख मार्गों पर एंड टू एंड पेविंग का कार्य कराया जाएगा, जिससे धूल उड़ने की समस्या में कमी आएगी। सड़कों पर नियमित पानी का छिड़काव कराकर निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल नियंत्रित किया जाएगा। हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए शहर में नए पार्कों और हरियाली युक्त क्षेत्रों का विकास किया जाएगा।
स्कूलों में होगी स्वच्छ विद्यालय प्रतियोगिता
शहरवासियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए नगर निगम अभियान चलाएगा। निगम क्षेत्र के स्कूलों में स्वच्छ विद्यालय प्रतियोगिता कराई जाएगी। इसके तहत बच्चों को जागरूक भी किया जाएगा। इस कार्य के लिए निगम एक निजी एजेंसी की भी मदद लेगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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अगले सर्वेक्षण में बेहतर प्रदर्शन के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहा है नगर निगम
गोरखपुर। शहर में इन दिनों चारों तरफ हो रहे निर्माण कार्यों की वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। इस वजह से स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 में शहर की रैंकिंग पिछले वर्ष की तुलना में एक पायदान नीचे आ गई। सर्वेक्षण में प्रदूषण के मुख्य कारणों में निर्माण स्थलों से उड़ने वाली धूल को माना गया है। नगर निगम अगले वर्ष सर्वेक्षण में बेहतर प्रदर्शन के लिए अभी से योजनाबद्ध तरीके से जुट गया है।
शहर में इस समय कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाएं एक साथ संचालित हो रही हैं। इनमें पैडलेगंज-नौसड़ सिक्सलेन मार्ग, देवरिया बाईपास से ट्रांसपोर्ट नगर फ्लाईओवर तक का निर्माण, यूनिवर्सिटी चौराहे से छात्रसंघ भवन तक स्मार्ट रोड, विरासत गलियारा और हार्बर्ट बांध का फोरलेन निर्माण कार्य प्रमुख हैं। इन निर्माण कार्यों की वजह से बड़ी मात्रा में उड़ रही धूल से वायु प्रदूषण की मात्रा में वृद्धि हुई है। शहरवासियों को भी वायु प्रदूषण के कारण परेशानी हो रही है। स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 के दौरान पर्यावरण मानकों की जांच करने पर गोरखपुर में पीएम 10 और पीएम 2.5 कणों की मात्रा अधिक पाई गई। गोरखपुर को 200 में से 195 अंक मिले। नगर निगम को स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2024 में चौथी और 2025 में पूरे देश में पांचवीं रैंक मिली है। वायु प्रदूषण के कारण नगर निगम के अंक कटे हैं।
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सुधार के लिए उठाए कदम
नगर निगम अब स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2026 की तैयारियों में जुट गया है। रैंकिंग में सुधार के लिए नगर निगम बड़े स्तर पर पौधरोपण कर रहा है। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने कहा कि शहर के प्रमुख मार्गों और खाली स्थानों पर बड़े पैमाने पर पौधरोपण किया जाएगा ताकि हरियाली बढ़े और धूल को रोका जा सके। जापानी तकनीक से विकसित किए जाने वाले मियावाकी वन शहर में प्रदूषण नियंत्रण में मदद करेंगे। यह वन घनी हरियाली प्रदान करते हैं और कम समय में विकसित हो जाते हैं। निर्माण स्थलों और अन्य प्रमुख मार्गों पर एंड टू एंड पेविंग का कार्य कराया जाएगा, जिससे धूल उड़ने की समस्या में कमी आएगी। सड़कों पर नियमित पानी का छिड़काव कराकर निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल नियंत्रित किया जाएगा। हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए शहर में नए पार्कों और हरियाली युक्त क्षेत्रों का विकास किया जाएगा।
स्कूलों में होगी स्वच्छ विद्यालय प्रतियोगिता
शहरवासियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए नगर निगम अभियान चलाएगा। निगम क्षेत्र के स्कूलों में स्वच्छ विद्यालय प्रतियोगिता कराई जाएगी। इसके तहत बच्चों को जागरूक भी किया जाएगा। इस कार्य के लिए निगम एक निजी एजेंसी की भी मदद लेगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।