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Gorakhpur News: परास्नातक कर चुके विद्यार्थी कर सकेंगे एक वर्ष का बीएड कोर्स
संवाद न्यूज एजेंसी, गोरखपुर
Updated Fri, 09 May 2025 02:10 AM IST
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गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय परास्नातक कर चुके विद्यार्थियों को एक वर्षीय बीएड कोर्स शुरू करने जा रहा है। चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम की मान्यता के मिलने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन को सशर्त एक वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम के संचालन की सुविधा मिल गई है। 2026 से एक वर्षीय पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी है।
वर्ष 2015 से पहले प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में एक वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम संचालित होता था। 2015 से इस पाठ्यक्रम को दो वर्ष का कर दिया गया। ऐसे में स्नातक के बाद बीएड करने में विद्यार्थियों को पांच वर्ष लगने लगे। वर्तमान में विश्वविद्यालय व संबद्ध महाविद्यालयों दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम ही संचालित होता है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पाठ्यक्रमों को रोजगारपरक बनाने के लिए चार वर्षीय स्नातक-बीएड पाठ्यक्रम संचालित किए जाने की व्यवस्था हुई तो विश्वविद्यालय ने भी इसके लिए आवेदन किया और उसे एनसीटीई से इस पाठ्यक्रम को संचालित करने की मान्यता प्राप्त हो गई है।
विश्वविद्यालय ने नए सत्र से इसके संचालन की तैयारी भी शुरू कर दी है। विश्वविद्यालय को सशर्त एक वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम संचालित करने की अनुमति मिल गई है। सत्र 2026-27 से विश्वविद्यालय में एक वर्षीय और दो वर्षीय व चार वर्षीय तीन तरह के बीएड पाठ्यक्रम का संचालन होगा। इंटर पास अभ्यर्थियों को चार वर्षीय स्नातक-बीएड, स्नातक पास अभ्यर्थियों को दो वर्षीय बीएड और परास्नातक पास अभ्यर्थी को एक वर्षीय बीएड करने का अवसर मिलेगा।
चार वर्षीय स्नातक-बीएड के लिए चिह्नित हुए शिक्षक : विश्वविद्यालय प्रशासन ने नए सत्र में चार वर्षीय स्नातक-बीएड (बीएससी-बीएड, बीए-बीएड व बीकाॅम-बीएड) पाठ्यक्रम के संचालन की तैयारी को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। इसके लिए कला, विज्ञान व वाणिज्य संकाय के 52 शिक्षकों का चयन कर लिया गया है।
चार वर्षीय स्नातक-बीएड पाठ्यक्रम की कक्षाएं शारीरिक शिक्षा भवन में संचालित होंगी। प्रायोगिक कार्य संकायों में सुनिश्चित किए जाएंगे।
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वर्ष 2015 से पहले प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में एक वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम संचालित होता था। 2015 से इस पाठ्यक्रम को दो वर्ष का कर दिया गया। ऐसे में स्नातक के बाद बीएड करने में विद्यार्थियों को पांच वर्ष लगने लगे। वर्तमान में विश्वविद्यालय व संबद्ध महाविद्यालयों दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम ही संचालित होता है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पाठ्यक्रमों को रोजगारपरक बनाने के लिए चार वर्षीय स्नातक-बीएड पाठ्यक्रम संचालित किए जाने की व्यवस्था हुई तो विश्वविद्यालय ने भी इसके लिए आवेदन किया और उसे एनसीटीई से इस पाठ्यक्रम को संचालित करने की मान्यता प्राप्त हो गई है।
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विश्वविद्यालय ने नए सत्र से इसके संचालन की तैयारी भी शुरू कर दी है। विश्वविद्यालय को सशर्त एक वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम संचालित करने की अनुमति मिल गई है। सत्र 2026-27 से विश्वविद्यालय में एक वर्षीय और दो वर्षीय व चार वर्षीय तीन तरह के बीएड पाठ्यक्रम का संचालन होगा। इंटर पास अभ्यर्थियों को चार वर्षीय स्नातक-बीएड, स्नातक पास अभ्यर्थियों को दो वर्षीय बीएड और परास्नातक पास अभ्यर्थी को एक वर्षीय बीएड करने का अवसर मिलेगा।
चार वर्षीय स्नातक-बीएड के लिए चिह्नित हुए शिक्षक : विश्वविद्यालय प्रशासन ने नए सत्र में चार वर्षीय स्नातक-बीएड (बीएससी-बीएड, बीए-बीएड व बीकाॅम-बीएड) पाठ्यक्रम के संचालन की तैयारी को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। इसके लिए कला, विज्ञान व वाणिज्य संकाय के 52 शिक्षकों का चयन कर लिया गया है।
चार वर्षीय स्नातक-बीएड पाठ्यक्रम की कक्षाएं शारीरिक शिक्षा भवन में संचालित होंगी। प्रायोगिक कार्य संकायों में सुनिश्चित किए जाएंगे।