गोरखपुर विश्वविद्यालय: DDU को मिलेगा 100 करोड़, शोध को लगेंगे पंख
गोरखपुर विश्वविद्यालय ने नैक द्वारा ए प्लस प्लस (सीजीपीए 3.78) हासिल किया। इसी क्रम में विश्वविद्यालय ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग : दक्षिणी एशिया 2024 में 258 की उल्लेखनीय रैंक भी हासिल की है, जिससे इस प्रतिष्ठित रैंकिंग में राज्य विश्वविद्यालयों के बीच गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थिति और मजबूत हुई है।

विस्तार
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के पीएम उषा योजना (प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान) के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये की ग्रांट के लिए चुन लिया गया है। इस रकम से विश्वविद्यालय में शोध के साथ शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने पर जोर दिया जाएगा।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) की ओर से प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान के अंतर्गत देशभर के 26 राज्य विश्वविद्यालयों को 100-100 करोड़ और 52 विश्वविद्यालयों को 20-20 करोड़ रुपये दिए जाने का लक्ष्य रखा गया था। गोरखपुर विश्वविद्यालय ने दोनों कैटेगरी में आवेदन किया था, लेकिन शुरू से ही 100 करोड़ की कैटेगरी में अपनी प्रबल दावेदारी पेश करता रहा।
रविवार की सुबह विश्वविद्यालय को 100 करोड़ के ग्रांट के लिए चुने जाने की जानकारी जैसे ही कुलपति ने सोशल मीडिया के माध्यम से साझा किया, शिक्षक व कर्मचारियों द्वारा एक-दूसरे को फोन कर बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया। अवकाश का दिन होने बाद भी लोग इस उपलब्ध को एक-दूसरे से साझा करते रहे।
अनुसंधान एवं नवाचार के लिए बनेगा सक्षम वातावरण : कुलपति
कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह केंद्रीय अनुदान प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता एवं शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। विश्वविद्यालय का लक्ष्य अनुसंधान और नवाचार के लिए एक सक्षम वातावरण बनाना है, जिससे विश्वविद्यालय और उसके संबद्ध कॉलेजों दोनों को लाभ हो। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अनुदान का उपयोग राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में निर्धारित मानदंडों और मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करके उनकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए किया जाएगा।
बनेगी बहुमंजिली इमारत, दुरुस्त होंगे जर्जर छात्रावास और भवन
गोरखपुर विश्वविद्यालय लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहा था। पिछले वर्षों में विश्वविद्यालय को अपने मूलभूत कार्य के लिए फिक्स डिपाजिट को तोड़ना पड़ा था, लेकिन 100 करोड़ का अनुदान विश्वविद्यालय के लिए संजीवनी का काम करेगा। विश्वविद्यालय ने 100 करोड़ के लिए आवेदन के साथ ही रकम के उपयोग का प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया था। इस रकम से परिसर में एक बहुमंजिली इमारत बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। इसमें ग्राउंड फ्लोर पर ऑडिटोरियम, अन्य तल पर शोध उपकरण फैकल्टी बनाई जाएगी। इसके अलावा विश्वविद्यालय में जर्जर सड़क की मरम्मत कराने के साथ विभागों की प्रयोगशाला को सुदृढ़ किया जाएगा। संवाद भवन और दीक्षा भवन का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा।
विश्वविद्यालय द्वारा अनुदान का उपयोग ओपन डिस्टेंस लर्निंग (ओडीएल) ऑनलाइन, डिजिटल शिक्षा के लिए बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए किया जाएगा, जिससे सामाजिक रूप से वंचित समुदायों के लिए उच्च शिक्षा के अवसर सुनिश्चित होंगे।
पांच माह पहले विश्वविद्यालय ने किया था आवेदन
नैक मूल्यांकन में ए प्लस प्लस की मान्यता हासिल करने वाले गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति का पदभार प्रो. पूनम टंडन ने चार सितंबर 2023 को संभाला। इसी माह में उनके नेतृत्व में पीएम उषा के तहत 100 करोड़ के लिए आवेदन किया गया। इसके बाद कुलपति ने बीते 17 जनवरी को इस योजना के लिए अपना प्रोजेक्ट प्रेजेंटेशन दिया था।
डीडीयू को मिली एक और ऐतिहासिक उपलब्धि
गोरखपुर विश्वविद्यालय ने नैक द्वारा ए प्लस प्लस (सीजीपीए 3.78) हासिल किया। इसी क्रम में विश्वविद्यालय ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग : दक्षिणी एशिया 2024 में 258 की उल्लेखनीय रैंक भी हासिल की है, जिससे इस प्रतिष्ठित रैंकिंग में राज्य विश्वविद्यालयों के बीच गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थिति और मजबूत हुई है।
क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग में एशिया के 856 विश्वविद्यालय शामिल हैं, जिनमें 280 दक्षिणी एशिया से हैं। गोरखपुर विश्वविद्यालय ने 2023 एससीआईमैगो इंस्टीट्यूशंस रैंकिंग में 190वीं समग्र रैंक हासिल की है, जिसने विश्वविद्यालय को भारत के 268 उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) के बीच प्रतिष्ठित किया है।