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Gorakhpur News: दाखिला जुबिली इंटर कॉलेज में...'पेन' 18 किमी दूर के विद्यालय में दर्ज- होगा ये नुकसान
रजनी ओझा, गोरखपुर
Published by: रोहित सिंह
Updated Wed, 19 Nov 2025 11:29 AM IST
सार
तुर्कमानपुर निवासी तालिब की कक्षा पांच तक की पढ़ाई घासीकटरा के पास स्थित एक सरकारी विद्यालय में हुई थी। कक्षा छह में पिता ने उसका दाखिला एमजी इंटर कॉलेज में कराया और कक्षा आठ में जुबिली इंटर कॉलेज में प्रवेश दिलाया। दाखिला हो गया और पढ़ाई भी शुरू हो गई।
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सांकेतिक तस्वीर (AI) यू-डायस में गड़बड़ी से स्कूल में दाखिले में हो रही दिक्कत
- फोटो : freepik
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विस्तार
कक्षा एक से 12 वीं तक के विद्यार्थियों के लिए पर्सनल एजुकेशन नंबर (पेन) अनिवार्य कर दिया गया है। पेन के बिना किसी भी सरकारी शैक्षिक रिकॉर्ड में विद्यार्थी की गणना संभव नहीं होगी और न ही टीसी जारी की जा सकेगी। मगर शहर के कुछ विद्यार्थियों का दाखिला कहीं और है और उनका पेन नंबर किसी दूसरे विद्यालय में दर्ज मिला है।
राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज में ऐसे करीब 35 मामले सामने आए हैं। शिक्षा विभाग ने अब इसकी जांच शुरू करा दी है।
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राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज में ऐसे करीब 35 मामले सामने आए हैं। शिक्षा विभाग ने अब इसकी जांच शुरू करा दी है।
तुर्कमानपुर निवासी तालिब की कक्षा पांच तक की पढ़ाई घासीकटरा के पास स्थित एक सरकारी विद्यालय में हुई थी। कक्षा छह में पिता ने उसका दाखिला एमजी इंटर कॉलेज में कराया और कक्षा आठ में जुबिली इंटर कॉलेज में प्रवेश दिलाया। दाखिला हो गया और पढ़ाई भी शुरू हो गई।
इसी बीच स्कूल से फोन आया कि ताबिश का पेन (व्यक्तिगत शिक्षा नंबर) जंगल कौड़िया के एक विद्यालय में सक्रिय है। वहां से पेन खत्म किए बिना जुबिली इंटर कॉलेज में प्रवेश आगे नहीं बढ़ पाएगा।
इसी बीच स्कूल से फोन आया कि ताबिश का पेन (व्यक्तिगत शिक्षा नंबर) जंगल कौड़िया के एक विद्यालय में सक्रिय है। वहां से पेन खत्म किए बिना जुबिली इंटर कॉलेज में प्रवेश आगे नहीं बढ़ पाएगा।
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पिता शादाब ने बताया कि बेटे का दाखिला उन्होंने कभी जंगल कौड़िया में करवाया ही नहीं। ऐसे में पेन नंबर वहां के विद्यालय में कैसे दर्ज हो गया, यह सोचकर वे हैरान हैं। जब उन्होंने वहां के स्कूल से संपर्क किया तो पता चला कि ताबिश नाम का कोई छात्र उनके यहां पढ़ता ही नहीं। राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज के 35 से अधिक विद्यार्थियों ने शिकायत की है कि उनके गलत पेन नंबर सिस्टम में दर्ज हैं।
सिस्टम की गड़बड़ी से हो रही परेशानी
यू-डायस पोर्टल पर कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों का नाम, माता-पिता का नाम, जन्मतिथि, आधार नंबर, बैंक खाता आदि विवरण अपलोड किए जाते हैं। विवरण अपलोड होने के बाद स्थायी पेन नंबर जारी होता है, जिसके आधार पर विद्यार्थी का डेटा दूसरे विद्यालय में भी इंपोर्ट हो सकता है। तकनीकी खामी की वजह से कई बार एक ही पेन नंबर दो-दो स्कूलों के सर्वर पर दिख रहा है, जिससे अभिभावक परेशान हैं।
यू-डायस पोर्टल पर कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों का नाम, माता-पिता का नाम, जन्मतिथि, आधार नंबर, बैंक खाता आदि विवरण अपलोड किए जाते हैं। विवरण अपलोड होने के बाद स्थायी पेन नंबर जारी होता है, जिसके आधार पर विद्यार्थी का डेटा दूसरे विद्यालय में भी इंपोर्ट हो सकता है। तकनीकी खामी की वजह से कई बार एक ही पेन नंबर दो-दो स्कूलों के सर्वर पर दिख रहा है, जिससे अभिभावक परेशान हैं।
लापरवाही का खामियाजा बच्चों को उठाना पड़ सकता है
यू-डायस में पेन नंबर दर्ज करने में लापरवाही के चलते छात्रों को भविष्य में प्रवेश, छात्रवृत्ति और अन्य शैक्षिक लाभों में बाधा आ सकती है। पेन नंबर विद्यार्थियों की आजीवन शिक्षा पहचान संख्या है, इसलिए विद्यालय प्रशासन को डेटा शुद्ध रूप से दर्ज करना आवश्यक है और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर छात्र का पेन नंबर सही विद्यालय से लिंक हो।
विद्यालय और इस मामले के बारे में पूरी जानकारी ली जाएगी। इसके साथ ही जिन विद्यालयों में यह समस्या आ रही है, जांच कराई जाएगी कि त्रुटि कहां से हो गई। जिन छात्रों को यह समस्या आ रही है वे शिकायत दर्ज कराएं, सही करवाया जाएगा: अमर कांत सिंह , डीआईओएस
यू-डायस में पेन नंबर दर्ज करने में लापरवाही के चलते छात्रों को भविष्य में प्रवेश, छात्रवृत्ति और अन्य शैक्षिक लाभों में बाधा आ सकती है। पेन नंबर विद्यार्थियों की आजीवन शिक्षा पहचान संख्या है, इसलिए विद्यालय प्रशासन को डेटा शुद्ध रूप से दर्ज करना आवश्यक है और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर छात्र का पेन नंबर सही विद्यालय से लिंक हो।
विद्यालय और इस मामले के बारे में पूरी जानकारी ली जाएगी। इसके साथ ही जिन विद्यालयों में यह समस्या आ रही है, जांच कराई जाएगी कि त्रुटि कहां से हो गई। जिन छात्रों को यह समस्या आ रही है वे शिकायत दर्ज कराएं, सही करवाया जाएगा: अमर कांत सिंह , डीआईओएस