गोरखपुर में 30 जून को खत्म हो जाएगा 46 ग्राम पंचायतों का वजूद, जानिए कैसे
- शहर में शामिल किया जाएगा इन्हें, सभी काम पूरे करने की हिदायत
- इन पंचायतों में अभी भी बचे हैं वित्तीय वर्ष 2019-20 के 4.20 करोड़ रुपये

विस्तार
गोरखपुर के शहरी क्षेत्र में शामिल हुईं जिले की 46 ग्राम पंचायतों का वजूद 30 जून को समाप्त हो जाएगा। इनमें अभी भी वित्तीय वर्ष 2019-20 के 4.20 करोड़ रुपये बचे हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायतों के खातों में दो लाख से लेकर 70 लाख रुपये तक की धनराशि है।

सीडीओ हर्षिता माथुर ने इन पंचायतों के प्रधानों और सचिवों को हिदायत दी है कि हर हाल में तय समय से पहले इस धनराशि का उपयोग कर लिया जाए। किन गांवों में कितनी धनराशि बची हैं और कहां कितना काम हुआ, यह जांचने के लिए सीडीओ ने संबंधित पंचायतों के प्रधानों और सचिवों की सोमवार को विकास भवन सभागार में समीक्षा बैठक बुलाई थी।
डीपीआरओ हिमांशु शेखर ठाकुर भी मौजूद रहे। सभी पंचायतों को निर्देश दिए गए कि गांव में जो भी प्रस्तावित काम हैं, उन्हें हर हाल में इसी महीने पूरा कर लिया जाए। किसी भी गांव में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए जाने वाले शौचालय अधूरे नहीं रहने चाहिए वरना संबंधित पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
खोराबार की सबसे ज्यादा 11 पंचायतें शहर में शामिल
ये ग्राम पंचायतें पहले ही शहरी क्षेत्र में शामिल हो गईं थी मगर 13 मई को शासन की तरफ से डीएम, सीडीओ, उप निदेशक पंचायतीराज और डीपीआरओ को पत्र लिखकर निर्देश दिया गया था कि कोरोना वायरस के मद्देनजर नगरीय क्षेत्र में शामिल की गई ग्राम पंचायतों को 30 जून तक गांव के विकास कार्य करने की छूट रहेगी। बावजूद इसके ज्यादातर ग्राम पंचायतों ने धनराशि का उपयोग ही शुरू नहीं किया।
डीपीआरओ हिमांशु शेखर ठाकुर ने बताया कि जो ग्राम पंचायतें शहरी क्षेत्र में शामिल हुई हैं उनमें चरगांवा ब्लॉक की आठ, खोराबार की 11, भटहट की दो, पिपराइच की छह, भरोहिया की आठ, कैंपियरगंज की पांच तथा सरदारनगर की छह शामिल हैं।
इन पंचायतों में बची है सबसे ज्यादा धनराशि
पंचायतीराज विभाग के मुताबिक खोराबार के बड़गों में सबसे ज्यादा 69.80 लाख, चरगांवा के जंगल तिनकोनिया नंबर एक में 29.73 लाख, खोराबार के भरवलिया बुजुर्ग में 18.63 लाख, सिक्टौर में 12.13 लाख, भरोहिया ब्लॉक के तिघरा में 22.60 लाख, जंगल अगही में 21.73 लाख, साहबगंज में 18.60 लाख, बगहीभारी में 10.66 लाख, सरदारनगर के चौरा में 16.65 लाख तथा बाल बुजुर्ग में 11.20 लाख रुपये बचे हुए हैं।