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UP:लंदन से भाई बनकर गिफ्ट भेजने का दिया झांसा, ठगी गई दो बहनें- 26.45 लाख रुपये ठगे- ऐसे हुई जानकारी
अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर
Published by: गोरखपुर ब्यूरो
Updated Thu, 06 Nov 2025 01:38 PM IST
सार
डिलीवरी बॉय और अमन दोनों ने उन्हें तरह-तरह के बहाने बनाकर रुपये भेजने को मजबूर किया। अमन ने कहा कि यहां आने पर उसे सीबीआई ने मुंबई में गिरफ्तार कर लिया है और लंदन लौटने के लिए रुपये चाहिए। उसकी जान बचाने के लिए दोनों बहनों ने अपने जेवर बेच दिए और अप्रैल से 15 अक्तूबर तक कुल मिलकर 26.45 लाख रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिए।
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साइबर ठगी
- फोटो : social media
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विस्तार
चौरीचौरा इलाके में रहने वाली दो बहनों के साथ 26.45 लाख रुपये की साइबर ठगी का मामला सामने आया है। जालसाज ने खुद को लंदन निवासी और भाई बताकर गिफ्ट भेजने के नाम पर दोनों बहनों को भरोसे में लिया और अलग-अलग खातों में रकम मंगवाकर ऐंठ ली। पीड़ित बहनों की तहरीर पर साइबर थाने की पुलिस ने अज्ञात पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
चौरीचौरा की 35 वर्षीय अंजू वर्मा ने पुलिस को बताया कि उनके पति बाहर रहते हैं। घर पर उनके साथ सगी बहन खुशबू रहती है। 22 अप्रैल 2025 को खुशबू के सोशल मीडिया अकाउंट पर अमन नाम के एक अजनबी की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई, जिसे उसने गलती से स्वीकार कर लिया। इसके बाद वह लगातार चैट करने लगा और खुद को लंदन का रहने वाला बताया।
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चौरीचौरा की 35 वर्षीय अंजू वर्मा ने पुलिस को बताया कि उनके पति बाहर रहते हैं। घर पर उनके साथ सगी बहन खुशबू रहती है। 22 अप्रैल 2025 को खुशबू के सोशल मीडिया अकाउंट पर अमन नाम के एक अजनबी की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई, जिसे उसने गलती से स्वीकार कर लिया। इसके बाद वह लगातार चैट करने लगा और खुद को लंदन का रहने वाला बताया।
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उसने कहा कि उसकी कोई बहन नहीं है और वह दोनों को अपनी बहन मानता है। इस तरह बातचीत बढ़ती गई और दोनों के साथ वह भावनात्मक रूप से जुड़ गया। कुछ दिन बाद अमन ने बताया कि 25 अप्रैल को उसका जन्मदिन है और उसने दोनों बहनों के लिए गिफ्ट भेजा है। 28 अप्रैल को खुशबू के फोन पर हिमांशु खरे नामक व्यक्ति ने कॉल कर खुद को डिलीवरी बॉय बताया।
उसने कहा कि गिफ्ट मुंबई एयरपोर्ट पर पहुंच चुका है लेकिन उसे छुड़ाने के लिए 17,000 रुपये देने होंगे। बहनों ने भरोसा कर भुगतान कर दिया। थोड़ी देर बाद उसी व्यक्ति का दोबारा फोन आया कि गिफ्ट में डायमंड और गोल्ड ज्वेलरी होने के कारण कस्टम टैक्स के रूप में 50,000 रुपये और देने होंगे। उन्होंने किसी तरह रुपये की व्यवस्था कर भेज दिए लेकिन गिफ्ट नहीं मिला।
उसने कहा कि गिफ्ट मुंबई एयरपोर्ट पर पहुंच चुका है लेकिन उसे छुड़ाने के लिए 17,000 रुपये देने होंगे। बहनों ने भरोसा कर भुगतान कर दिया। थोड़ी देर बाद उसी व्यक्ति का दोबारा फोन आया कि गिफ्ट में डायमंड और गोल्ड ज्वेलरी होने के कारण कस्टम टैक्स के रूप में 50,000 रुपये और देने होंगे। उन्होंने किसी तरह रुपये की व्यवस्था कर भेज दिए लेकिन गिफ्ट नहीं मिला।
रकम भेजने के लिए बहनों ने बेच दिए जेवर
इसके बाद डिलीवरी बॉय और अमन दोनों ने उन्हें तरह-तरह के बहाने बनाकर रुपये भेजने को मजबूर किया। अमन ने कहा कि यहां आने पर उसे सीबीआई ने मुंबई में गिरफ्तार कर लिया है और लंदन लौटने के लिए रुपये चाहिए।
उसकी जान बचाने के लिए दोनों बहनों ने अपने जेवर बेच दिए और अप्रैल से 15 अक्तूबर तक कुल मिलकर 26.45 लाख रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिए। आखिरकार जब कोई गिफ्ट नहीं पहुंचा और संपर्क टूट गया, तो उन्हें ठगी का अहसास हुआ। अंजू ने बताया कि अब दोनों बहनें मानसिक रूप से बेहद परेशान हैं।
एसपी क्राइम सुधीर जायसवाल ने बताया कि पीड़िता की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। साइबर एक्सपर्ट्स की टीम को जालसाज का पता लगाने का जिम्मा सौंपा गया है।
इसके बाद डिलीवरी बॉय और अमन दोनों ने उन्हें तरह-तरह के बहाने बनाकर रुपये भेजने को मजबूर किया। अमन ने कहा कि यहां आने पर उसे सीबीआई ने मुंबई में गिरफ्तार कर लिया है और लंदन लौटने के लिए रुपये चाहिए।
उसकी जान बचाने के लिए दोनों बहनों ने अपने जेवर बेच दिए और अप्रैल से 15 अक्तूबर तक कुल मिलकर 26.45 लाख रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिए। आखिरकार जब कोई गिफ्ट नहीं पहुंचा और संपर्क टूट गया, तो उन्हें ठगी का अहसास हुआ। अंजू ने बताया कि अब दोनों बहनें मानसिक रूप से बेहद परेशान हैं।
एसपी क्राइम सुधीर जायसवाल ने बताया कि पीड़िता की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। साइबर एक्सपर्ट्स की टीम को जालसाज का पता लगाने का जिम्मा सौंपा गया है।
साइबर ठगी से बचने के उपाय
अनजान लोगों से ऑनलाइन दोस्ती न करें।
निवेश या गिफ्ट के लालच से बचें।
अनजान लिंक और स्कैनर से सावधान रहें।
बैंक और ओटीपी की जानकारी साझा न करें।
ऑफिशियल वेबसाइट या एप का ही इस्तेमाल करें।
कॉल रिकॉर्ड और ट्रांजेक्शन का सबूत रखें।
साइबर ठगी की शिकायत www.cybercrime.gov.in पर या 1930 हेल्पलाइन नंबर पर तुरंत दर्ज करें।
अनजान लोगों से ऑनलाइन दोस्ती न करें।
निवेश या गिफ्ट के लालच से बचें।
अनजान लिंक और स्कैनर से सावधान रहें।
बैंक और ओटीपी की जानकारी साझा न करें।
ऑफिशियल वेबसाइट या एप का ही इस्तेमाल करें।
कॉल रिकॉर्ड और ट्रांजेक्शन का सबूत रखें।
साइबर ठगी की शिकायत www.cybercrime.gov.in पर या 1930 हेल्पलाइन नंबर पर तुरंत दर्ज करें।