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Ambala News: केमिकल युक्त पानी से वन विभाग के सैकड़ों पौधे नष्ट, पर्यावरण पर गंभीर संकट
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गांव जलालपुर प्रथम की पंचायती भूमि में कैमिकल युक्त पानी से खराब हो रहे वन विभाग द्वारा लगाए गए
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सनौली। हरिद्वार रोड पर गांव जलालपुर प्रथम व झांबा कॉलोनी की लगभग साढ़े तीन एकड़ पंचायती भूमि पर वन विभाग द्वारा तीन वर्ष पूर्व लगाए गए हजारों पौधों को फैक्टरियों के कैमिकल युक्त पानी से भारी नुकसान पहुंचा है। जानकारी के अनुसार कैमिकल युक्त गंदा पानी ट्रैक्टरों व टैंकरों के माध्यम से रात के समय पौधों के आसपास खाली जमीन पर डाल दिया जाता है, जिससे जलालपुर प्रथम में लगाए गए सैकड़ों पौधे सूखकर नष्ट हो चुके हैं और कई पौधे लगातार खराब हो रहे हैं।
वन विभाग के डिप्टी रेंजर सुरेंद्र छौक्कर ने बताया कि आसपास के गांव कुराड़ व छाजपुर स्थित फैक्टरियों से निकलने वाला कैमिकल युक्त पानी ट्रैक्टर-टैंकरों में भरकर छोड़ा जा रहा है। दो वर्ष पूर्व एक ट्रैक्टर-टैंकर को मौके पर पकड़ा गया था, जिस पर 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। अब विभाग ने पौधों की सुरक्षा के लिए रात के समय गार्डों की ड्यूटी लगाई है।
यमुना सुधार समिति अध्यक्ष रत्तन सिंह रावल, सरस्वती रामलीला समिति सनौली खुर्द के सदस्य रमेश त्यागी, सुमित त्यागी व सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि क्षेत्र में करीब 500 फैक्टरियां संचालित हैं, जो केमिकल युक्त गंदा पानी अवैध रूप से खाली जमीन, सड़क किनारे व ड्रेनों में छोड़कर पर्यावरण व भूमि को जहरीला बना रही हैं। पूर्व में सीएम फ्लाइंग टीम द्वारा बड़ी कार्रवाई के बाद कुछ समय राहत मिली थी, लेकिन अब फिर से गंदा पानी खुले में डाला जा रहा है। वन विभाग व जिला प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। जिला उपायुक्त ने विशेष अभियान चलाकर कैमिकल युक्त पानी छोड़ने वालों पर कार्रवाई करने की बात कही है।
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वन विभाग के डिप्टी रेंजर सुरेंद्र छौक्कर ने बताया कि आसपास के गांव कुराड़ व छाजपुर स्थित फैक्टरियों से निकलने वाला कैमिकल युक्त पानी ट्रैक्टर-टैंकरों में भरकर छोड़ा जा रहा है। दो वर्ष पूर्व एक ट्रैक्टर-टैंकर को मौके पर पकड़ा गया था, जिस पर 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। अब विभाग ने पौधों की सुरक्षा के लिए रात के समय गार्डों की ड्यूटी लगाई है।
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यमुना सुधार समिति अध्यक्ष रत्तन सिंह रावल, सरस्वती रामलीला समिति सनौली खुर्द के सदस्य रमेश त्यागी, सुमित त्यागी व सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि क्षेत्र में करीब 500 फैक्टरियां संचालित हैं, जो केमिकल युक्त गंदा पानी अवैध रूप से खाली जमीन, सड़क किनारे व ड्रेनों में छोड़कर पर्यावरण व भूमि को जहरीला बना रही हैं। पूर्व में सीएम फ्लाइंग टीम द्वारा बड़ी कार्रवाई के बाद कुछ समय राहत मिली थी, लेकिन अब फिर से गंदा पानी खुले में डाला जा रहा है। वन विभाग व जिला प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। जिला उपायुक्त ने विशेष अभियान चलाकर कैमिकल युक्त पानी छोड़ने वालों पर कार्रवाई करने की बात कही है।