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Hisar News: हिसार से तलवंडी राणा फोरलेन की फाइल ठंडे बस्ते से निकली बाहर
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हिसार। हिसार से तलवंडी राणा तक प्रस्तावित फोरलेन रोड की फाइल ठंडे बस्ते से बाहर आ गई है। प्रदेश सरकार ने पीडब्ल्यूडी बीएंडआर को प्रस्तावित फोरलेन रोड प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने के निर्देश दिए हैं। अब बीएंडआर जिला प्रशासन की मदद से रोड की बची हुई जमीन को खरीदेगा। बीएंडआर की तरफ से इस बारे में जिला प्रशासन को पत्र लिखा जा चुका है।
एयरपोर्ट के कारण पुराना बरवाला रोड बंद करना पड़ा। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने नेशनल हाईवे-9 से नेशनल हाईवे 52 तक फोरलेन रोड बनाने का फैसला किया था। इसके लिए प्रदेश सरकार ने 153.20 करोड़ रुपये भी मंजूर किए थे। रोड निर्माण के लिए किसानों की करीब 110 एकड़ जमीन की खरीद की जानी थी।
बीएंडआर ने करीब 72 प्रतिशत जमीन की खरीद कर ली थी और बाकी किसानों ने जमीन देने से मना कर दिया था। इसी बीच फैसला हुआ कि यह प्रोजेक्ट एनएचएआई को सौंपा जाएगा। इसके पीछे तर्क था कि एनएचएआई इन किसानों की जमीन खरीद सकता है। मगर एनएचएआई ने बीएंडआर के सामने शर्त रखी कि अगर वह बाकी बची जमीन खरीद कर उन्हें सौंप देता है तो वह रोड बनाकर दे देंगे। इसी बीच रिंग रोड का प्रोजेक्ट भी आ गया, तब एनएचएआई ने कहा कि वह इस रोड को रिंग रोड का ही हिस्सा बना लेगा। मगर, बाद में एनएचएआई ने इस हिस्से को रिंग रोड में शामिल न करने का फैसला किया, जिसके बाद फोरलेन रोड का यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया था।
इस नियम के तहत खरीदी जाएगी बची हुई जमीन
बीएंडआर के अनुसार इस रोड के लिए बची हुई जमीन जिला प्रशासन के कंसॉलिडेशन एक्ट 2017 के तहत खरीदी जाएगी। यह एक्ट राज्य सरकार को बड़ी परियोजनाओं (जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर) के लिए जमीनों के एकीकरण (चकबंदी) की शक्ति देता है। खासकर जब 70 प्रतिशत से ज़्यादा ज़मीन सरकार के पास हो, ताकि बची हुई छोटी जमीनों को व्यवस्थित करके भू-मालिकों को मुआवजा या बराबर की जमीन मिल सके और विकास कार्यों में तेजी आए।
8 किलोमीटर लंबा होगा यह फोरलेन रोड
नए फोरलेन रोड की लंबाई 8 किलोमीटर होगी। एनएच 9 पर यह रोड एमजी क्लब के पास शुरू होगा और एनएच 52 पर तलवंडी राणा जंक्शन के पास खत्म होगा। इसमें 1.52 मीटर का सेंट्रल वर्ज होगा। सेंट्रल वर्ज के दोनों तरफ सात-सात मीटर चौड़ी सड़क होगी। इस रोड के बनने से वाहन चालकों को काफी फायदा होगा। इस रोड के निर्माण के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से बीएंडआर को 153.20 करोड़ रुपये की प्रशासनिक मंजूरी मिली हुई है। इसमें से 118.56 करोड़ रुपये जमीन खरीदने, वन विभाग की क्लीयरेंस पर 7 करोड़ रुपये व सिविल वर्क पर 27.64 करोड़ रुपये खर्च किए जाने प्रस्तावित है।
रोड की यूं पड़ी जरूरत
वर्तमान में तलवंडी राणा के लिए टू लेन रोड एयरपोर्ट की चहारदीवारी के साथ-साथ बनाया हुआ है। मगर, एयरपोर्ट के तीसरे चरण के विस्तार के दौरान यह रोड एयरपोर्ट की चहारदीवारी के अंदर आ जाएगा और उस समय इस रोड को बंद करना पड़ेगा। इसे देखते हुए बीएंडआर ने इस फोरलेन रोड को बनाने का फैसला किया है। वहीं, बीएंडआर धांसू गैस प्लांट से राणा माइनर तक प्रस्तावित रोड का निर्माण करवाने पर विचार-विमर्श कर रहा है। बीएंडआर का कहना है कि अगर उन्हें एयरपोर्ट से जमीन मिल जाती है तो वह यह रोड भी बना देंगे।
ये होगा फायदा
अभी वाहन चालकों को वाया ढंढूर होकर एनएच 52 पर जाना पड़ रहा है। इस कारण से उन्हें करीब 10 किलोमीटर का अतिरिक्त रास्ता तय करना पड़ रहा है। रोडवेज बसें भी वाया ढंढूर होकर ही बरवाला, कैथल, पंचकूला व व चंडीगढ़ जा रही हैं। इस फोरलेन रोड के बनने से शहर की एनएच 52 से सीधे संपर्क हो जाएगा।
वर्जन
प्रदेश सरकार ने इस फोरलेन रोड को अब सिरे चढ़ाने के आदेश दिए हैं। एसडीएम के माध्यम से बची हुई जमीन खरीदी जाएगी। इसके लिए विभाग की तरफ से पत्र भी लिख दिया है।
जतिन खुराना, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी बीएंडआर
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एयरपोर्ट के कारण पुराना बरवाला रोड बंद करना पड़ा। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने नेशनल हाईवे-9 से नेशनल हाईवे 52 तक फोरलेन रोड बनाने का फैसला किया था। इसके लिए प्रदेश सरकार ने 153.20 करोड़ रुपये भी मंजूर किए थे। रोड निर्माण के लिए किसानों की करीब 110 एकड़ जमीन की खरीद की जानी थी।
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बीएंडआर ने करीब 72 प्रतिशत जमीन की खरीद कर ली थी और बाकी किसानों ने जमीन देने से मना कर दिया था। इसी बीच फैसला हुआ कि यह प्रोजेक्ट एनएचएआई को सौंपा जाएगा। इसके पीछे तर्क था कि एनएचएआई इन किसानों की जमीन खरीद सकता है। मगर एनएचएआई ने बीएंडआर के सामने शर्त रखी कि अगर वह बाकी बची जमीन खरीद कर उन्हें सौंप देता है तो वह रोड बनाकर दे देंगे। इसी बीच रिंग रोड का प्रोजेक्ट भी आ गया, तब एनएचएआई ने कहा कि वह इस रोड को रिंग रोड का ही हिस्सा बना लेगा। मगर, बाद में एनएचएआई ने इस हिस्से को रिंग रोड में शामिल न करने का फैसला किया, जिसके बाद फोरलेन रोड का यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया था।
इस नियम के तहत खरीदी जाएगी बची हुई जमीन
बीएंडआर के अनुसार इस रोड के लिए बची हुई जमीन जिला प्रशासन के कंसॉलिडेशन एक्ट 2017 के तहत खरीदी जाएगी। यह एक्ट राज्य सरकार को बड़ी परियोजनाओं (जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर) के लिए जमीनों के एकीकरण (चकबंदी) की शक्ति देता है। खासकर जब 70 प्रतिशत से ज़्यादा ज़मीन सरकार के पास हो, ताकि बची हुई छोटी जमीनों को व्यवस्थित करके भू-मालिकों को मुआवजा या बराबर की जमीन मिल सके और विकास कार्यों में तेजी आए।
8 किलोमीटर लंबा होगा यह फोरलेन रोड
नए फोरलेन रोड की लंबाई 8 किलोमीटर होगी। एनएच 9 पर यह रोड एमजी क्लब के पास शुरू होगा और एनएच 52 पर तलवंडी राणा जंक्शन के पास खत्म होगा। इसमें 1.52 मीटर का सेंट्रल वर्ज होगा। सेंट्रल वर्ज के दोनों तरफ सात-सात मीटर चौड़ी सड़क होगी। इस रोड के बनने से वाहन चालकों को काफी फायदा होगा। इस रोड के निर्माण के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से बीएंडआर को 153.20 करोड़ रुपये की प्रशासनिक मंजूरी मिली हुई है। इसमें से 118.56 करोड़ रुपये जमीन खरीदने, वन विभाग की क्लीयरेंस पर 7 करोड़ रुपये व सिविल वर्क पर 27.64 करोड़ रुपये खर्च किए जाने प्रस्तावित है।
रोड की यूं पड़ी जरूरत
वर्तमान में तलवंडी राणा के लिए टू लेन रोड एयरपोर्ट की चहारदीवारी के साथ-साथ बनाया हुआ है। मगर, एयरपोर्ट के तीसरे चरण के विस्तार के दौरान यह रोड एयरपोर्ट की चहारदीवारी के अंदर आ जाएगा और उस समय इस रोड को बंद करना पड़ेगा। इसे देखते हुए बीएंडआर ने इस फोरलेन रोड को बनाने का फैसला किया है। वहीं, बीएंडआर धांसू गैस प्लांट से राणा माइनर तक प्रस्तावित रोड का निर्माण करवाने पर विचार-विमर्श कर रहा है। बीएंडआर का कहना है कि अगर उन्हें एयरपोर्ट से जमीन मिल जाती है तो वह यह रोड भी बना देंगे।
ये होगा फायदा
अभी वाहन चालकों को वाया ढंढूर होकर एनएच 52 पर जाना पड़ रहा है। इस कारण से उन्हें करीब 10 किलोमीटर का अतिरिक्त रास्ता तय करना पड़ रहा है। रोडवेज बसें भी वाया ढंढूर होकर ही बरवाला, कैथल, पंचकूला व व चंडीगढ़ जा रही हैं। इस फोरलेन रोड के बनने से शहर की एनएच 52 से सीधे संपर्क हो जाएगा।
वर्जन
प्रदेश सरकार ने इस फोरलेन रोड को अब सिरे चढ़ाने के आदेश दिए हैं। एसडीएम के माध्यम से बची हुई जमीन खरीदी जाएगी। इसके लिए विभाग की तरफ से पत्र भी लिख दिया है।
जतिन खुराना, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी बीएंडआर