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Hisar News: एसआई दशरथ को पदोन्नति देने पर उठे सवाल, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
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भिवानी। स्पेशल पुलिस शिकायत अथॉरिटी (एसपीसीए) के आदेश लागू न होने पर हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य सुशील वर्मा की शिकायत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने संज्ञान लिया है। शिकायत में कहा गया है कि हरियाणा गृह विभाग द्वारा एसपीसीए के आदेशों को लागू नहीं किया गया जबकि दोनों मामले पुलिस अत्याचार और हिरासत में यातना से जुड़े हैं।
शिकायत के अनुसार एसपीसीए ने आरोपी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने और उन पर एफआईआर दर्ज करने के स्पष्ट निर्देश दिए थे लेकिन गृह विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। यही नहीं, एसपीसीए की करीब एक वर्ष लंबी जांच में दोषी पाए गए एएसआई दशरथ को निलंबित करने के बजाय पदोन्नति देकर एसआई बना दिया और उसी चौकी का इंचार्ज भी नियुक्त कर दिया गया जहां यातना का मामला सामने आया था।
19 वर्षीय युवक के साथ बर्बरता का मामला
जून 2023 में भिवानी के गांव बामला के 19 वर्षीय युवक को एएसआई दशरथ व अन्य चार पुलिसकर्मियों ने स्कूटी चोरी के झूठे मामले में गंभीर रूप से प्रताड़ित किया था। आरोप है कि युवक के निजी अंगों में पेट्रोल तक डाला गया। एसपीसीए ने 24 सितंबर 2024 को जांच पूरी कर आरोपों को सही पाया था। इसके बाद एएसआई दशरथ सहित अन्य आरोपियों का तत्काल निलंबन, एफआईआर दर्ज करने और आपराधिक कार्रवाई करने के आदेश दिए गए। लेकिन गृह विभाग ने इन आदेशों में से कोई भी लागू नहीं किया। इसके विपरीत मुख्य आरोपी को पदोन्नति देकर दिनोद गेट चौकी का इंचार्ज बना दिया गया।
भूना ज्वेलर यातना कांड (फतेहाबाद, 2023)
फतेहाबाद के भूना ज्वेलर यातना मामले में भी एसपीसीए ने तीन सितंबर 2024 को सीआईए इंचार्ज कपिल सिहाग सहित पांच पुलिसकर्मियों को दोषी पाया था। यह आदेश भी अब तक लागू नहीं हुआ जिस पर एनएचआरसी ने हरियाणा के गृह सचिव को नोटिस जारी किया। शिकायत की समीक्षा के बाद एनएचआरसी की प्रियांक कानूनगो की अध्यक्षता वाली पीठ ने मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 12 के तहत हरियाणा के गृह विभाग के प्रधान सचिव को नोटिस भेजा है। नोटिस में निर्देश दिए गए हैं कि शिकायतकर्ता सुशील वर्मा के आरोपों की जांच कर दो सप्ताह में कार्रवाई रिपोर्ट जमा करें और उसकी प्रति आयोग को भेजें।
गृह विभाग द्वारा एसपीसीए के आदेशों की लगातार अनदेखी जवाबदेही की पूरी तरह विफलता और कानून के राज पर सीधा प्रहार है।
मैं एनएचआरसी की कार्रवाई का स्वागत करता हूं और मांग करता हूं कि पूर्ण अनुपालन होने तक मामले की कड़ी निगरानी जारी रहे। -सुशील वर्मा, शिकायतकर्ता
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शिकायत के अनुसार एसपीसीए ने आरोपी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने और उन पर एफआईआर दर्ज करने के स्पष्ट निर्देश दिए थे लेकिन गृह विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। यही नहीं, एसपीसीए की करीब एक वर्ष लंबी जांच में दोषी पाए गए एएसआई दशरथ को निलंबित करने के बजाय पदोन्नति देकर एसआई बना दिया और उसी चौकी का इंचार्ज भी नियुक्त कर दिया गया जहां यातना का मामला सामने आया था।
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19 वर्षीय युवक के साथ बर्बरता का मामला
जून 2023 में भिवानी के गांव बामला के 19 वर्षीय युवक को एएसआई दशरथ व अन्य चार पुलिसकर्मियों ने स्कूटी चोरी के झूठे मामले में गंभीर रूप से प्रताड़ित किया था। आरोप है कि युवक के निजी अंगों में पेट्रोल तक डाला गया। एसपीसीए ने 24 सितंबर 2024 को जांच पूरी कर आरोपों को सही पाया था। इसके बाद एएसआई दशरथ सहित अन्य आरोपियों का तत्काल निलंबन, एफआईआर दर्ज करने और आपराधिक कार्रवाई करने के आदेश दिए गए। लेकिन गृह विभाग ने इन आदेशों में से कोई भी लागू नहीं किया। इसके विपरीत मुख्य आरोपी को पदोन्नति देकर दिनोद गेट चौकी का इंचार्ज बना दिया गया।
भूना ज्वेलर यातना कांड (फतेहाबाद, 2023)
फतेहाबाद के भूना ज्वेलर यातना मामले में भी एसपीसीए ने तीन सितंबर 2024 को सीआईए इंचार्ज कपिल सिहाग सहित पांच पुलिसकर्मियों को दोषी पाया था। यह आदेश भी अब तक लागू नहीं हुआ जिस पर एनएचआरसी ने हरियाणा के गृह सचिव को नोटिस जारी किया। शिकायत की समीक्षा के बाद एनएचआरसी की प्रियांक कानूनगो की अध्यक्षता वाली पीठ ने मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 12 के तहत हरियाणा के गृह विभाग के प्रधान सचिव को नोटिस भेजा है। नोटिस में निर्देश दिए गए हैं कि शिकायतकर्ता सुशील वर्मा के आरोपों की जांच कर दो सप्ताह में कार्रवाई रिपोर्ट जमा करें और उसकी प्रति आयोग को भेजें।
गृह विभाग द्वारा एसपीसीए के आदेशों की लगातार अनदेखी जवाबदेही की पूरी तरह विफलता और कानून के राज पर सीधा प्रहार है।
मैं एनएचआरसी की कार्रवाई का स्वागत करता हूं और मांग करता हूं कि पूर्ण अनुपालन होने तक मामले की कड़ी निगरानी जारी रहे। -सुशील वर्मा, शिकायतकर्ता