{"_id":"6941a752e52031a0b60b75d6","slug":"after-her-fathers-death-yogita-became-her-mothers-support-jind-news-c-199-1-sroh1009-145522-2025-12-17","type":"story","status":"publish","title_hn":"Jind News: पिता की मौत के बाद मां का सहारा बनीं योगिता","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Jind News: पिता की मौत के बाद मां का सहारा बनीं योगिता
विज्ञापन
16जेएनडी17: दुकान में सिलाई करती योगिता। संवाद
विज्ञापन
जुलाना। कस्बे के वार्ड नंबर-6 निवासी योगिता अपनी मां के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बेटे की तरह फर्ज निभा रही हैं। योगिता बताती हैं कि उन्होंने एमए की पढ़ाई पूरी कर ली है और वर्तमान में बीएड वह कर रही हैं। पढ़ाई के साथ-साथ वह अपनी मां सुषमा के साथ सिलाई का काम करती हैं।
योगिता बताती हैं कि उनका भाई नहीं है और जब वह डेढ़ साल की थीं तो पिता की मौत हो गई थी। ऐसे में परिवार की पूरी जिम्मेदारी मां सुषमा के कंधों पर आ गई थी। कठिन परिस्थितियों में मां ने हिम्मत नहीं हारी और सिलाई के काम से परिवार का पालन-पोषण शुरू किया।
योगिता ने बताया कि उन्होंने सिलाई के साथ-साथ कपड़ों की एक छोटी दुकान खोल ली है। वह दुकान में तैयार किए गए लेडीज सूटों के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करती हैं। इससे उन्हें दूर-दराज के इलाकों से भी ऑर्डर मिलने लगे हैं। ऑर्डर किए गए सूट पार्सल के माध्यम से वह ग्राहकों तक भेजती हैं।
त्योहारों के समय, विशेषकर करवा चौथ पर उनके पास इतना अधिक काम होता है कि उन्हें दिन-रात सूट सिलने पड़ते हैं। इस आमदनी से परिवार का खर्च चल रहा है और आर्थिक स्थिति पहले से कहीं बेहतर हुई है।
योगिता बताती हैं कि वे पढ़ाई पूरी कर अध्यापिका बनना चाहती हैं लेकिन साथ ही वह चाहती हैं कि सिलाई का काम आगे बढ़े ताकि मां को कभी किसी पर निर्भर न रहना पड़े। योगिता की लग्न और मेहनत यह साबित करती है कि मेहनत, हौसले और सही सोच से हर मुश्किल का सामना किया जा सकता है।
Trending Videos
योगिता बताती हैं कि उनका भाई नहीं है और जब वह डेढ़ साल की थीं तो पिता की मौत हो गई थी। ऐसे में परिवार की पूरी जिम्मेदारी मां सुषमा के कंधों पर आ गई थी। कठिन परिस्थितियों में मां ने हिम्मत नहीं हारी और सिलाई के काम से परिवार का पालन-पोषण शुरू किया।
विज्ञापन
विज्ञापन
योगिता ने बताया कि उन्होंने सिलाई के साथ-साथ कपड़ों की एक छोटी दुकान खोल ली है। वह दुकान में तैयार किए गए लेडीज सूटों के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करती हैं। इससे उन्हें दूर-दराज के इलाकों से भी ऑर्डर मिलने लगे हैं। ऑर्डर किए गए सूट पार्सल के माध्यम से वह ग्राहकों तक भेजती हैं।
त्योहारों के समय, विशेषकर करवा चौथ पर उनके पास इतना अधिक काम होता है कि उन्हें दिन-रात सूट सिलने पड़ते हैं। इस आमदनी से परिवार का खर्च चल रहा है और आर्थिक स्थिति पहले से कहीं बेहतर हुई है।
योगिता बताती हैं कि वे पढ़ाई पूरी कर अध्यापिका बनना चाहती हैं लेकिन साथ ही वह चाहती हैं कि सिलाई का काम आगे बढ़े ताकि मां को कभी किसी पर निर्भर न रहना पड़े। योगिता की लग्न और मेहनत यह साबित करती है कि मेहनत, हौसले और सही सोच से हर मुश्किल का सामना किया जा सकता है।