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Jind News: न्यायाधीश ने सुनीं कैदियों और हवालातियों की समस्याएं
संवाद न्यूज एजेंसी, जींद
Updated Tue, 28 Oct 2025 11:55 PM IST
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38जेएनडी04-कलाम आश्रम का निरीक्षण करते हुए न्यायाधीश पूनम सुनेजा। स्रोत प्रशासन
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जींद। जिला एवं सत्र न्यायाधीश पूनम सुनेजा और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कम सचिव जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण मोनिका ने जिला कारागार व कलाम बाल आश्रम का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कैदियों और हवालातियों की समस्याएं सुनीं।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने निरीक्षण के दौरान कैदियों और हवालातियों से बातचीत कर उनके केस में आ रही कठिनाइयों को सुना व समस्याओं को समाधान संबंधी जानकारी दी। इसके अलावा जेल में बंद कैदियों से अपील की कि यदि किसी व्यक्ति को अपने केस की पैरवी के लिए अधिवक्ता की जरूरत है तो वह मुक्त कानूनी सहायता के लिए प्राधिकरण के अधिवक्ता की सेवाएं ले सकता है।
जेल प्रशासन को महिला बंदियों को समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कानूनी सलाह रहन-सहन खाने पीने से संबंधित जरूरी निशा निर्देश दिए। जेल में अपनी माता के साथ रह रहे बच्चों को स्पेशल दायित्व है। उन्होंने उचित शिक्षा व्यवस्था के दिशा निर्देश दिए।
इसके बाद कलाब आश्रम में रह रहे बच्चों से बातचीत की। बच्चों से उनके खाने-पीने रहने सहने के बारे में विस्तार से जानकारी ली। स्टाफ को निर्देश दिए कि बच्चों की देखरेख में कोई कमी नहीं आनी चाहिए व बच्चों के स्वास्थ्य व शिक्षा से संबंधित कोई भी लापरवाही न की जाए
जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने निरीक्षण के दौरान कैदियों और हवालातियों से बातचीत कर उनके केस में आ रही कठिनाइयों को सुना व समस्याओं को समाधान संबंधी जानकारी दी। इसके अलावा जेल में बंद कैदियों से अपील की कि यदि किसी व्यक्ति को अपने केस की पैरवी के लिए अधिवक्ता की जरूरत है तो वह मुक्त कानूनी सहायता के लिए प्राधिकरण के अधिवक्ता की सेवाएं ले सकता है।
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जेल प्रशासन को महिला बंदियों को समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कानूनी सलाह रहन-सहन खाने पीने से संबंधित जरूरी निशा निर्देश दिए। जेल में अपनी माता के साथ रह रहे बच्चों को स्पेशल दायित्व है। उन्होंने उचित शिक्षा व्यवस्था के दिशा निर्देश दिए।
इसके बाद कलाब आश्रम में रह रहे बच्चों से बातचीत की। बच्चों से उनके खाने-पीने रहने सहने के बारे में विस्तार से जानकारी ली। स्टाफ को निर्देश दिए कि बच्चों की देखरेख में कोई कमी नहीं आनी चाहिए व बच्चों के स्वास्थ्य व शिक्षा से संबंधित कोई भी लापरवाही न की जाए