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Kaithal News: मंडी में बारीक किस्म के धान पर किसानों और खरीदारों में छिड़ी रार
संवाद न्यूज एजेंसी, कैथल
Updated Fri, 28 Nov 2025 01:43 AM IST
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संवाद न्यूज एजेंसी
कलायत। कलायत अनाज मंडी में धान की बारीक किस्म के मुद्दे पर किसानों और खरीदारों के बीच रार छिड़ी है। क्षेत्रीय किसान अपने खेत में बोए 1121 किस्म धान की फसल बेचने आए, लेकिन खरीदारों ने इसे 1718 या
1885 बताकर कम दाम पर खरीदने की कोशिश की।
गौरतलब है कि 1121 किस्म के दाम इन दोनों किस्मों से करीब 400 रुपये अधिक हैं। किसान रवि चौशाला और गोपी राम ने बताया कि वे तीन दिन से अपनी फसल लेकर मंडी में पड़े हैं। कई खरीदार उनकी फसल को गलत किस्म बताकर खरीदने से इन्कार कर देते हैं। चौथे दिन एक अन्य खरीदार ने उनकी फसल 1121 के दामों पर खरीद ली। किसानों ने बताया कि बीज विक्रेता ने उन्हें पक्के बिल के साथ 1121 किस्म का प्रमाण दिया है, लेकिन मंडी में इसका पालन नहीं हो रहा।
इस संदर्भ में भाकियू जिला प्रधान गुरुनाम सिंह और किसान नेता सुरेंद्र चौशाला ने कहा कि यह किसानों के साथ षड्यंत्र है। उन्होंने नाराजगी जताते हुए बताया कि 1121 किस्म को अन्य किस्म बताकर किसान को कम दाम पर बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उनका आरोप है कि यह मिलरों की मिलीभगत से हो रहा है। इसके अलावा कई किसानों ने शिकायत की कि मंडी में उर्वरक विक्रेता खाद के साथ जबरन दवाएं या सूक्ष्म तत्व भी बेच रहे हैं।
1121 धान ः इसे पूसा बासमती 1121 के नाम से भी जाना जाता है। इसकी पहचान लंबे, पतले और खुशबूदार दानों से होती है। यह पकने पर बढ़ जाता है।
1121, 1718 और 1885 किस्मों में अंतर इतना कम है कि पहचान करना मुश्किल है। दाने की लंबाई और आकृति लगभग समान होने के कारण बीज उत्पादक से लेकर खरीदार तक सभी भ्रमित हैं। इस बार विवाद इसलिए बढ़ा क्योंकि इन धानों के दामों में 400 से 500 रुपये प्रति क्विंटल तक का अंतर है। किसान अपनी जगह सही हैं, और जिस खरीदार द्वारा धान मिलर को भेजा गया, वह भी सही प्रक्रिया का पालन कर रहा है। -त्रिलोक सिंगला, मिलर
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कलायत। कलायत अनाज मंडी में धान की बारीक किस्म के मुद्दे पर किसानों और खरीदारों के बीच रार छिड़ी है। क्षेत्रीय किसान अपने खेत में बोए 1121 किस्म धान की फसल बेचने आए, लेकिन खरीदारों ने इसे 1718 या
1885 बताकर कम दाम पर खरीदने की कोशिश की।
गौरतलब है कि 1121 किस्म के दाम इन दोनों किस्मों से करीब 400 रुपये अधिक हैं। किसान रवि चौशाला और गोपी राम ने बताया कि वे तीन दिन से अपनी फसल लेकर मंडी में पड़े हैं। कई खरीदार उनकी फसल को गलत किस्म बताकर खरीदने से इन्कार कर देते हैं। चौथे दिन एक अन्य खरीदार ने उनकी फसल 1121 के दामों पर खरीद ली। किसानों ने बताया कि बीज विक्रेता ने उन्हें पक्के बिल के साथ 1121 किस्म का प्रमाण दिया है, लेकिन मंडी में इसका पालन नहीं हो रहा।
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इस संदर्भ में भाकियू जिला प्रधान गुरुनाम सिंह और किसान नेता सुरेंद्र चौशाला ने कहा कि यह किसानों के साथ षड्यंत्र है। उन्होंने नाराजगी जताते हुए बताया कि 1121 किस्म को अन्य किस्म बताकर किसान को कम दाम पर बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उनका आरोप है कि यह मिलरों की मिलीभगत से हो रहा है। इसके अलावा कई किसानों ने शिकायत की कि मंडी में उर्वरक विक्रेता खाद के साथ जबरन दवाएं या सूक्ष्म तत्व भी बेच रहे हैं।
1121 धान ः इसे पूसा बासमती 1121 के नाम से भी जाना जाता है। इसकी पहचान लंबे, पतले और खुशबूदार दानों से होती है। यह पकने पर बढ़ जाता है।
1121, 1718 और 1885 किस्मों में अंतर इतना कम है कि पहचान करना मुश्किल है। दाने की लंबाई और आकृति लगभग समान होने के कारण बीज उत्पादक से लेकर खरीदार तक सभी भ्रमित हैं। इस बार विवाद इसलिए बढ़ा क्योंकि इन धानों के दामों में 400 से 500 रुपये प्रति क्विंटल तक का अंतर है। किसान अपनी जगह सही हैं, और जिस खरीदार द्वारा धान मिलर को भेजा गया, वह भी सही प्रक्रिया का पालन कर रहा है। -त्रिलोक सिंगला, मिलर