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Kaithal News: संगतपुरा सरपंच को किया निलंबित, पंचायती जमीन पर मिला कब्जा
संवाद न्यूज एजेंसी, कैथल
Updated Fri, 28 Nov 2025 01:46 AM IST
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संवाद न्यूज एजेंसी
कैथल। उपायुक्त प्रीति ने गांव संगतपुरा की महिला सरपंच सोनिया को निलंबित कर दिया। यह कदम चुनाव के दौरान प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों में अनियमितताओं के कारण उठाया गया।
चुनाव में सरपंच ने शपथ पत्र में कहा था कि उनके परिवार का पंचायती जमीन पर कोई कब्जा नहीं है। बाद में, गांव के एक व्यक्ति बलजीत सिंह ने इस संबंध में शिकायत दी। डीसी प्रीति के आदेश पर गठित एसडीएम कमेटी ने जांच की तो पाया कि महिला सरपंच के परिवार का पंचायती जमीन पर अवैध कब्जा था। आरोपों की पुष्टि होने पर सरपंच को तुरंत निलंबित कर दिया गया।
सरपंच के प्रतिनिधि संदीप ने बताया कि उन्हें राजनीति का शिकार बनाया गया है। उन्होंने दावा किया कि पहले अधिकारियों द्वारा मौके पर जांच की गई तो कोई कब्जा नहीं पाया गया था और शिकायत करने वाला व्यक्ति चुनाव में उनके खिलाफ था। उनका कहना है कि आरोप बेबुनियाद हैं।
कमेटी की कार्रवाई : निलंबन से पहले कमेटी ने महिला सरपंच को नोटिस जारी किया था और सात दिनों में जवाब मांगा गया। 2 सितंबर को उन्होंने लिखित जवाब दिया। इसके बाद 9 अक्तूबर, 16 अक्तूबर, 29 अक्तूबर और 10 नवंबर को डीसी के सामने बयान देने के लिए बुलाया गया। महिला द्वारा प्रस्तुत तर्क संतोषजनक नहीं पाए गए। डीसी ने पत्र जारी कर आदेश दिया कि भविष्य में महिला सरपंच किसी भी पंचायत की बैठक या कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकेगी। इसके अतिरिक्त पंचायत की जो भी चल-अचल संपत्ति उनके पास है, वह बहुमत रखने वाले पांच सदस्यों को तुरंत सौंप दी जाए।
इससे पहले ग्योंग गांव की सरपंच मनजीत कौर को सितंबर माह में उपायुक्त ने पंचायत भूमि की बोली न करवाने और अवैध कब्जे के आरोप में तुरंत प्रभाव से निलंबित किया था। शिकायत में कहा गया कि सरपंच ने चुनाव के दौरान अपने शपथ पत्र में गलत जानकारी दी थी। इसी वजह से डीसी ने यह कार्रवाई की थी।
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कैथल। उपायुक्त प्रीति ने गांव संगतपुरा की महिला सरपंच सोनिया को निलंबित कर दिया। यह कदम चुनाव के दौरान प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों में अनियमितताओं के कारण उठाया गया।
चुनाव में सरपंच ने शपथ पत्र में कहा था कि उनके परिवार का पंचायती जमीन पर कोई कब्जा नहीं है। बाद में, गांव के एक व्यक्ति बलजीत सिंह ने इस संबंध में शिकायत दी। डीसी प्रीति के आदेश पर गठित एसडीएम कमेटी ने जांच की तो पाया कि महिला सरपंच के परिवार का पंचायती जमीन पर अवैध कब्जा था। आरोपों की पुष्टि होने पर सरपंच को तुरंत निलंबित कर दिया गया।
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सरपंच के प्रतिनिधि संदीप ने बताया कि उन्हें राजनीति का शिकार बनाया गया है। उन्होंने दावा किया कि पहले अधिकारियों द्वारा मौके पर जांच की गई तो कोई कब्जा नहीं पाया गया था और शिकायत करने वाला व्यक्ति चुनाव में उनके खिलाफ था। उनका कहना है कि आरोप बेबुनियाद हैं।
कमेटी की कार्रवाई : निलंबन से पहले कमेटी ने महिला सरपंच को नोटिस जारी किया था और सात दिनों में जवाब मांगा गया। 2 सितंबर को उन्होंने लिखित जवाब दिया। इसके बाद 9 अक्तूबर, 16 अक्तूबर, 29 अक्तूबर और 10 नवंबर को डीसी के सामने बयान देने के लिए बुलाया गया। महिला द्वारा प्रस्तुत तर्क संतोषजनक नहीं पाए गए। डीसी ने पत्र जारी कर आदेश दिया कि भविष्य में महिला सरपंच किसी भी पंचायत की बैठक या कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकेगी। इसके अतिरिक्त पंचायत की जो भी चल-अचल संपत्ति उनके पास है, वह बहुमत रखने वाले पांच सदस्यों को तुरंत सौंप दी जाए।
इससे पहले ग्योंग गांव की सरपंच मनजीत कौर को सितंबर माह में उपायुक्त ने पंचायत भूमि की बोली न करवाने और अवैध कब्जे के आरोप में तुरंत प्रभाव से निलंबित किया था। शिकायत में कहा गया कि सरपंच ने चुनाव के दौरान अपने शपथ पत्र में गलत जानकारी दी थी। इसी वजह से डीसी ने यह कार्रवाई की थी।