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Karnal News: पारा गिरने के साथ बढ़े डिहाइड्रेशन के मरीज
संवाद न्यूज एजेंसी, करनाल
Updated Wed, 26 Nov 2025 02:02 AM IST
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संवाद न्यूज एजेंसी
करनाल। सर्दियां शुरू होते ही लोगों ने पानी पीने कम कर दिया है। कहते हैं कि प्यास ही नहीं लगती। ऐसे में शरीर में पानी की कमी हो रही है। असर स्वास्थ्य पर दिखने लगा है। जिला नागरिक अस्पताल में डिहाइड्रेशन, चक्कर आने, सिरदर्द, पेशाब संक्रमण, थकान और सूखी त्वचा की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। महिलाओं की संख्या ज्यादा है। चिकित्सकों का कहना है कि रोजाना छह से आठ गिलास पानी पीना जरूरी है।
ठंड के मौसम में हर बार एक समस्या सामने आती है कि लोग पानी कम पीते हैं। चिकित्सकों के मुताबिक सर्दियों में प्यास का एहसास लगभग 40 प्रतिशत तक कम हो जाता है। पानी नहीं पीने का परिणाम होता है डिहाइड्रेशन। इससे चक्कर आना, सिरदर्द, कब्ज, यूरिन इंफेक्शन और त्वचा का सूखापन आम हो जाता है। पिछले कुछ दिनों में यूरिन इंफेक्शन, कमजोरी और सिरदर्द के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
डाॅ. कुलबीर ने बताया कि पानी की कमी के कारण खून गाढ़ा होने लगता है, शरीर का तापमान नियंत्रित नहीं हो पाता और शरीर अपना सामान्य उपापचय बनाए नहीं रख पाता। इससे पेशाब संक्रमण अधिक होता है।
महिला रोग ओपीडी में इन दिनों रोजाना 20 से 25 महिलाएं यूरिन संक्रमण से ग्रस्त होकर पहुंच रही हैं, इसका मुख्य कारण उनका पानी बहुत ही कम पीना है। डाॅ. वैशाली गुप्ता ने बताया कि यूरिन संक्रमण की समस्या सर्दी आते ही महिलाओं में बढ़ने लगती है। उन्हें पेशाब करते समय बहुत ही अधिक दर्द होता है। पेशाब का देर तक आना और अधिक जलन रहना मुख्य लक्षण होते हैं। जरूरी है कि महिलाएं दिन में लगभग आठ गिलास गुनगुना पानी जरूर पीएं।
चाय-काफी और सूप से नहीं पूरी होती कमीचिकित्सकों ने बताया कि पानी कम पीने की समस्या हर उम्र और वर्ग में है। कॉलेज जाने वाले युवाओं से लेकर घर के बुजुर्ग तक इस समस्या से पीड़ित हैं। ठंड में लोग चाय, कॉफी, काढ़ा, अदरक वाली चाय या सूप पीना ज्यादा पसंद करते हैं। लेकिन यह पानी के विकल्प नहीं हैं। कैफीन शरीर को डिहाइड्रेट करता है और गर्म पेय से सिर्फ गले और शरीर को आराम मिलता है, पानी की जरूरत पूरी नहीं होती। कई लोग मान लेते हैं कि वे दिनभर चाय-सूप पी रहे हैं, इसलिए उन्हें पानी की जरूरत नहीं है जो कि सबसे बड़ी गलती है। सर्दियों में गुनगुना पानी जरूर पीएं।
आहार विशेषज्ञ वंदना ने बताया कि पानी कम पीने से ही नहीं खाने से भी समस्या होती है। सर्दियों में लोग गरम-गरम परांठे और तैलीय चीजें तो खाते हैं, लेकिन फल और सलाद से दूरी बना लेते हैं। विटामिन, मिनरल और पानी से भरपूर मौसमी फल जैसे संतरा, मौसमी, अमरूद और सेब शरीर में पानी की मात्रा बढ़ाते हैं। दिन की शुरुआत गुनगुने पानी से करें और हर दो घंटे बाद कुछ न कुछ तरल जरूर लें। उन्होंने बताया कि चाय या काॅफी में अधिक मात्रा में कैफीन होती है जो शरीर को बहुत नुकसान देती है।
-डिहाइड्रेशन के शुरुआती संकेत
होंठों का फटना, सिरदर्द, गाढ़ा मूत्र, चक्कर आना, ज्यादा थकान, त्वचा का सूखापन लेना
ध्यान रखें
-पानी पीने के लिए रिमाइंडर सेट करें
-घर या ऑफिस में गुनगुने पानी की बोतल पास रखें
-सुबह खाली पेट दो गिलास गुनगुना पानी पीएं
-हर दो घंटे बाद एक गिलास पानी का सेवन करें
-चाय और काफी के सेवन को सीमित ही रखें
-खूब फल और हल्के सूप का सेवन करते रहें
-सूखे मेवे भिगोकर खाना भी बेहतर रहेगा
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करनाल। सर्दियां शुरू होते ही लोगों ने पानी पीने कम कर दिया है। कहते हैं कि प्यास ही नहीं लगती। ऐसे में शरीर में पानी की कमी हो रही है। असर स्वास्थ्य पर दिखने लगा है। जिला नागरिक अस्पताल में डिहाइड्रेशन, चक्कर आने, सिरदर्द, पेशाब संक्रमण, थकान और सूखी त्वचा की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। महिलाओं की संख्या ज्यादा है। चिकित्सकों का कहना है कि रोजाना छह से आठ गिलास पानी पीना जरूरी है।
ठंड के मौसम में हर बार एक समस्या सामने आती है कि लोग पानी कम पीते हैं। चिकित्सकों के मुताबिक सर्दियों में प्यास का एहसास लगभग 40 प्रतिशत तक कम हो जाता है। पानी नहीं पीने का परिणाम होता है डिहाइड्रेशन। इससे चक्कर आना, सिरदर्द, कब्ज, यूरिन इंफेक्शन और त्वचा का सूखापन आम हो जाता है। पिछले कुछ दिनों में यूरिन इंफेक्शन, कमजोरी और सिरदर्द के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
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डाॅ. कुलबीर ने बताया कि पानी की कमी के कारण खून गाढ़ा होने लगता है, शरीर का तापमान नियंत्रित नहीं हो पाता और शरीर अपना सामान्य उपापचय बनाए नहीं रख पाता। इससे पेशाब संक्रमण अधिक होता है।
महिला रोग ओपीडी में इन दिनों रोजाना 20 से 25 महिलाएं यूरिन संक्रमण से ग्रस्त होकर पहुंच रही हैं, इसका मुख्य कारण उनका पानी बहुत ही कम पीना है। डाॅ. वैशाली गुप्ता ने बताया कि यूरिन संक्रमण की समस्या सर्दी आते ही महिलाओं में बढ़ने लगती है। उन्हें पेशाब करते समय बहुत ही अधिक दर्द होता है। पेशाब का देर तक आना और अधिक जलन रहना मुख्य लक्षण होते हैं। जरूरी है कि महिलाएं दिन में लगभग आठ गिलास गुनगुना पानी जरूर पीएं।
चाय-काफी और सूप से नहीं पूरी होती कमीचिकित्सकों ने बताया कि पानी कम पीने की समस्या हर उम्र और वर्ग में है। कॉलेज जाने वाले युवाओं से लेकर घर के बुजुर्ग तक इस समस्या से पीड़ित हैं। ठंड में लोग चाय, कॉफी, काढ़ा, अदरक वाली चाय या सूप पीना ज्यादा पसंद करते हैं। लेकिन यह पानी के विकल्प नहीं हैं। कैफीन शरीर को डिहाइड्रेट करता है और गर्म पेय से सिर्फ गले और शरीर को आराम मिलता है, पानी की जरूरत पूरी नहीं होती। कई लोग मान लेते हैं कि वे दिनभर चाय-सूप पी रहे हैं, इसलिए उन्हें पानी की जरूरत नहीं है जो कि सबसे बड़ी गलती है। सर्दियों में गुनगुना पानी जरूर पीएं।
आहार विशेषज्ञ वंदना ने बताया कि पानी कम पीने से ही नहीं खाने से भी समस्या होती है। सर्दियों में लोग गरम-गरम परांठे और तैलीय चीजें तो खाते हैं, लेकिन फल और सलाद से दूरी बना लेते हैं। विटामिन, मिनरल और पानी से भरपूर मौसमी फल जैसे संतरा, मौसमी, अमरूद और सेब शरीर में पानी की मात्रा बढ़ाते हैं। दिन की शुरुआत गुनगुने पानी से करें और हर दो घंटे बाद कुछ न कुछ तरल जरूर लें। उन्होंने बताया कि चाय या काॅफी में अधिक मात्रा में कैफीन होती है जो शरीर को बहुत नुकसान देती है।
-डिहाइड्रेशन के शुरुआती संकेत
होंठों का फटना, सिरदर्द, गाढ़ा मूत्र, चक्कर आना, ज्यादा थकान, त्वचा का सूखापन लेना
ध्यान रखें
-पानी पीने के लिए रिमाइंडर सेट करें
-घर या ऑफिस में गुनगुने पानी की बोतल पास रखें
-सुबह खाली पेट दो गिलास गुनगुना पानी पीएं
-हर दो घंटे बाद एक गिलास पानी का सेवन करें
-चाय और काफी के सेवन को सीमित ही रखें
-खूब फल और हल्के सूप का सेवन करते रहें
-सूखे मेवे भिगोकर खाना भी बेहतर रहेगा