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Karnal News: ठंड में उभरा पुरानी चोट दर्द, 25 फीसदी युवा
संवाद न्यूज एजेंसी, करनाल
Updated Wed, 31 Dec 2025 01:51 AM IST
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संवाद न्यूज एजेंसी
करनाल। ठंड ने हड्डियों की परेशानी बढ़ा दी है। पुरानी चोट, पंजों व एड़ी का दर्द उभर आने से मरीज परेशान हैं। जिला नागरिक अस्पताल की हड्डी रोग ओपीडी में मरीजों की संख्या सामान्य दिनों के मुकाबले दोगुनी हो गई है। नागरिक अस्पताल में रोजाना लगभग 250 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। मरीजों में से 25 फीसदी युवा हैं। इनको खेलने के दौरान या जिम में चोट लगी थी।
नागरिक अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ गुप्ता के अनुसार, ठंड में हल्का-सा दबाव या पुरानी चोट भी असहनीय दर्द में बदल रही है। ठंड में नसें सिकुड़ने की वजह से मांसपेशियां जकड़ जाती हैं। उन्होंने बताया कि पहले से लगी चोट उभर रही है। बाजू, कंधे, कमर, पंजे, एड़ी और पुरानी हड्डी की चोट के सबसे अधिक मरीज हैं।
ओपीडी में आने वाले मरीजों का कहना है कि सुबह उठते ही पैरों में तेज दर्द और अकड़न महसूस होती है। ठीक से चल भी नहीं पा रहे हैं। एड़ी के दर्द के कारण कामकाज तक प्रभावित हो रहा है।
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एड़ी और टखने की चोट की समस्या अधिकहड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ ने बताया कि जब मांसपेशियां सख्त होती हैं, तो नसों पर दबाव बढ़ जाता है। यही दबाव पुरानी चोटों को उभार देता है। जो चोट सामान्य दिनों में दर्द नहीं देती, वह सर्दी में तेज दर्द, सूजन और जकड़न का कारण बन जाती है। खासकर एड़ी और टखने जैसे हिस्से ज्यादा प्रभावित होते हैं।
18 से 26 वर्ष तक के युवा भी आ रहे हैं
डॉ. सौरभ ने बताया कि जिन युवाओं में पहले पुरानी चोट थी, उनके लिए भी ठंड के दौरान अचानक खेल या व्यायाम शुरू करना भी परेशानी बढ़ा रहा है। बिना वार्म-अप के मांसपेशियां खिंच जाती हैं और पहले से मौजूद हल्की चोटें भी गंभीर हो जाती हैं। सुबह-शाम की ठंड में यह खतरा और बढ़ जाता है। एड़ी और पंजों में सूजन, तेज दर्द और मांसपेशियों में जकड़न आम समस्या बनती जा रही है। खासकर 18 से 26 वर्ष तक के युवा अधिक आ रहे हैं।
- व्यायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं
चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप मान ने बताया कि ठंड में त्वचा तक गर्माहट कम पहुंचती है जिस कारण हाथ-पैर व शरीर सुन्न हो जाता हैं। इसलिए त्वचा में गर्माहट बनाए रखना भी बेहद जरूरी है। इसके लिए हल्का व्यायाम और प्राकृतिक पदार्थों का सेवन भी कर सकते हैं। अचानक कोई भी भारी व्यायाम करने से बचना चाहिए बल्कि उसे दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। केवल 5 या 10 दिन व्यायाम कर छोड़ना गलत तरीका का है। इससे कई दिनों तक दर्द रह सकता है।
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करनाल। ठंड ने हड्डियों की परेशानी बढ़ा दी है। पुरानी चोट, पंजों व एड़ी का दर्द उभर आने से मरीज परेशान हैं। जिला नागरिक अस्पताल की हड्डी रोग ओपीडी में मरीजों की संख्या सामान्य दिनों के मुकाबले दोगुनी हो गई है। नागरिक अस्पताल में रोजाना लगभग 250 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। मरीजों में से 25 फीसदी युवा हैं। इनको खेलने के दौरान या जिम में चोट लगी थी।
नागरिक अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ गुप्ता के अनुसार, ठंड में हल्का-सा दबाव या पुरानी चोट भी असहनीय दर्द में बदल रही है। ठंड में नसें सिकुड़ने की वजह से मांसपेशियां जकड़ जाती हैं। उन्होंने बताया कि पहले से लगी चोट उभर रही है। बाजू, कंधे, कमर, पंजे, एड़ी और पुरानी हड्डी की चोट के सबसे अधिक मरीज हैं।
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ओपीडी में आने वाले मरीजों का कहना है कि सुबह उठते ही पैरों में तेज दर्द और अकड़न महसूस होती है। ठीक से चल भी नहीं पा रहे हैं। एड़ी के दर्द के कारण कामकाज तक प्रभावित हो रहा है।
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एड़ी और टखने की चोट की समस्या अधिकहड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ ने बताया कि जब मांसपेशियां सख्त होती हैं, तो नसों पर दबाव बढ़ जाता है। यही दबाव पुरानी चोटों को उभार देता है। जो चोट सामान्य दिनों में दर्द नहीं देती, वह सर्दी में तेज दर्द, सूजन और जकड़न का कारण बन जाती है। खासकर एड़ी और टखने जैसे हिस्से ज्यादा प्रभावित होते हैं।
18 से 26 वर्ष तक के युवा भी आ रहे हैं
डॉ. सौरभ ने बताया कि जिन युवाओं में पहले पुरानी चोट थी, उनके लिए भी ठंड के दौरान अचानक खेल या व्यायाम शुरू करना भी परेशानी बढ़ा रहा है। बिना वार्म-अप के मांसपेशियां खिंच जाती हैं और पहले से मौजूद हल्की चोटें भी गंभीर हो जाती हैं। सुबह-शाम की ठंड में यह खतरा और बढ़ जाता है। एड़ी और पंजों में सूजन, तेज दर्द और मांसपेशियों में जकड़न आम समस्या बनती जा रही है। खासकर 18 से 26 वर्ष तक के युवा अधिक आ रहे हैं।
- व्यायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं
चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप मान ने बताया कि ठंड में त्वचा तक गर्माहट कम पहुंचती है जिस कारण हाथ-पैर व शरीर सुन्न हो जाता हैं। इसलिए त्वचा में गर्माहट बनाए रखना भी बेहद जरूरी है। इसके लिए हल्का व्यायाम और प्राकृतिक पदार्थों का सेवन भी कर सकते हैं। अचानक कोई भी भारी व्यायाम करने से बचना चाहिए बल्कि उसे दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। केवल 5 या 10 दिन व्यायाम कर छोड़ना गलत तरीका का है। इससे कई दिनों तक दर्द रह सकता है।