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Panchkula News: भूमि अधिग्रहण मामले में दावा स्वीकार, मुआवजा जारी करने के आदेश कोर्ट से
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मोहाली। रेफरेंस कोर्ट/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने गांव देसू माजरा की भूमि अधिग्रहण से जुड़े एक मामले में अहम फैसला सुनाया है। इस संदर्भ में भूमि अधिग्रहण कलेक्टर ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के लिए अधिग्रहित भूमि के मुआवजे को लेकर अदालत में भेजा गया था, जिसमें याचिकाकर्ता और प्रतिवादियों के बीच विवाद था।
मामले में नोटिस जारी होने के बावजूद प्रतिवादी संख्या 1 से 7 और 8 से 33 अदालत में पेश नहीं हुए। इस पर उन्हें एकतरफा करार दिया गया। प्रतिवादी संख्या 35 राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के संबंध में याचिकाकर्ता के वकील ने स्पष्ट किया कि मुआवजे की राशि पहले ही अदालत में जमा हो चुकी है, इसलिए उनके खिलाफ कार्यवाही नहीं की जा रही। प्रतिवादी संख्या 6 की ओर से वकील तो उपस्थित हुए, लेकिन कोई लिखित जवाब या साक्ष्य पेश नहीं किया गया।
अदालत ने यह मुद्दा तय किया कि क्या याचिकाकर्ता 6,09,460 रुपये के मुआवजे के हकदार हैं। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता बलबीर कौर का निधन हो गया, जिसके बाद उनके कानूनी वारिस जसवीर सिंह और विक्रमजीत सिंह को पक्षकार बनाया गया। दोनों ने शपथपत्र के जरिए साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिन पर प्रतिवादी की ओर से कोई जिरह नहीं की गई। अदालत ने माना कि गांव देसू माजरा तहसील खरड़ जिला मोहाली की भूमि बलबीर कौर और विक्रमजीत सिंह के स्वामित्व और कब्जे में थी।
इसे एनएचएआई ने अधिग्रहित किया। चूंकि याचिकाकर्ताओं के दावे का कोई खंडन नहीं हुआ, इसलिए अदालत ने उन्हें जमाबंदी में दर्ज हिस्से के अनुसार मुआवजा पाने का हकदार ठहराया। अंत में अदालत ने संदर्भ स्वीकार करते हुए मुआवजा राशि जारी करने और लागत का मेमो तैयार करने के आदेश दिए।
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मामले में नोटिस जारी होने के बावजूद प्रतिवादी संख्या 1 से 7 और 8 से 33 अदालत में पेश नहीं हुए। इस पर उन्हें एकतरफा करार दिया गया। प्रतिवादी संख्या 35 राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के संबंध में याचिकाकर्ता के वकील ने स्पष्ट किया कि मुआवजे की राशि पहले ही अदालत में जमा हो चुकी है, इसलिए उनके खिलाफ कार्यवाही नहीं की जा रही। प्रतिवादी संख्या 6 की ओर से वकील तो उपस्थित हुए, लेकिन कोई लिखित जवाब या साक्ष्य पेश नहीं किया गया।
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अदालत ने यह मुद्दा तय किया कि क्या याचिकाकर्ता 6,09,460 रुपये के मुआवजे के हकदार हैं। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता बलबीर कौर का निधन हो गया, जिसके बाद उनके कानूनी वारिस जसवीर सिंह और विक्रमजीत सिंह को पक्षकार बनाया गया। दोनों ने शपथपत्र के जरिए साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिन पर प्रतिवादी की ओर से कोई जिरह नहीं की गई। अदालत ने माना कि गांव देसू माजरा तहसील खरड़ जिला मोहाली की भूमि बलबीर कौर और विक्रमजीत सिंह के स्वामित्व और कब्जे में थी।
इसे एनएचएआई ने अधिग्रहित किया। चूंकि याचिकाकर्ताओं के दावे का कोई खंडन नहीं हुआ, इसलिए अदालत ने उन्हें जमाबंदी में दर्ज हिस्से के अनुसार मुआवजा पाने का हकदार ठहराया। अंत में अदालत ने संदर्भ स्वीकार करते हुए मुआवजा राशि जारी करने और लागत का मेमो तैयार करने के आदेश दिए।