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Panchkula News: तमिलनाडु के किसान नेताओं की सजा के विरोध में मुखर संयुक्त किसान मोर्चा, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

Chandigarh Bureau चंडीगढ़ ब्यूरो
Updated Sat, 20 Dec 2025 01:55 AM IST
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The Samyukta Kisan Morcha, vocal in its protest against the sentencing of Tamil Nadu farmer leaders, submitted a memorandum to the SDM
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डेराबस्सी। तमिलनाडु के किसान नेताओं को झूठे मामले में फंसाकर दी गई सजा के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने एसडीएम डेराबस्सी अमित गुप्ता को मांग पत्र सौंपकर उनकी रिहाई की मांग की। किसान नेताओं ने बताया कि बीते 6 दिसंबर को तिरुवरूर जिले की फास्ट ट्रैक अदालत ने किसान नेता पीआर पांडियन और सेलवराज को 13-13 साल की कैद की सजा सुनाई थी, जिसके बाद दोनों नेता जेल में बंद हैं। इस फैसले से देशभर के किसानों में भारी रोष है।
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भारतीय किसान यूनियन सिधूपुर के कन्वीनर जस्विंदर सिंह टिवाना ने कहा कि पीआर पांडियन ने अपना पूरा जीवन किसान हितों और समाज सेवा को समर्पित किया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले के करीमंगलम क्षेत्र में, जिसे राज्य सरकार ने ‘सुरक्षित कृषि भूमि’ घोषित किया था, ओएनजीसी कंपनी द्वारा खुदाई और ड्रिलिंग का कार्य किया जा रहा था। उसी दौरान गैस लीक की घटना से इलाके में भय का माहौल बन गया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने वहां काम रोकने के निर्देश दिए थे।
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इसके बावजूद ओएनजीसी कंपनी ने काम जारी रखा। कृषि और पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्परिणामों को देखते हुए वर्ष 2015 में पीआर पांडियन की अगुवाई में किसानों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। आरोप है कि कंपनी ने किसानों की आवाज दबाने के लिए साजिश के तहत जाली सबूतों के आधार पर उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करवाया, जिसमें अब सजा सुनाई गई है।



संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने एसडीएम के माध्यम से केंद्र और तमिलनाडु सरकार से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि संवैधानिक शक्तियों का उपयोग कर इस मामले का कानूनी समाधान निकाला जाए और किसान नेताओं की शीघ्र रिहाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द रिहाई नहीं हुई तो किसान बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। इस मौके पर जसपाल सिंह भांखरपुर, प्रेम राणा (लालरू), रणधीर सिंह, मनजीत सिंह सहित कई किसान नेता मौजूद रहे।
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