{"_id":"692cb8d2d496f16e7e008da1","slug":"even-after-10-months-of-notification-deputy-director-and-assistant-director-prosecution-have-not-been-posted-panipat-news-c-244-1-pnp1012-147994-2025-12-01","type":"story","status":"publish","title_hn":"Panipat News: अधिसूचना के 10 माह बाद भी उपनिदेशक और सहायक निदेशक अभियोजन की तैनाती नहीं","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Panipat News: अधिसूचना के 10 माह बाद भी उपनिदेशक और सहायक निदेशक अभियोजन की तैनाती नहीं
विज्ञापन
विज्ञापन
पानीपत। त्वरित न्याय के लिए एक जुलाई 2024 को लागू किए गए भारतीय न्याय संहिता और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता अधिनियम 2023 लागू किया गया था। नए कानूनों के तहत न्याय प्रक्रिया की मॉनिटरिंग करने के लिए प्रत्येक जिले में उप निदेशक अभियोजन और सहायक उप निदेशक अभियोजन के पद भी स्वीकृत किए गए थे। 10 माह पहले प्रदेश सरकार की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई थी। लेकिन, अभी तक एक भी पद पर तैनाती नहीं हुई है। जिससे न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। उधर, जिले में पिछले 18 माह में बीएनएस के 158 मामलों को निस्तारित किया जा सका है। जिसमें ने से 107 मामलों में सजा हुई थी और 45 को बरी कर दिया गया था।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता अधिनियम 2023 के तहत प्रत्येक जिले में उप निदेशक व सहायक निदेशक अभियोजन की तैनाती की जानी थी। अधिनियम की धारा-20 की उप धारा (11) के तहत राज्यपाल ने 19 फरवरी 2025 को अधिसूचना जारी कर उप निदेशक और सहायक निदेशक की शक्ति और कर्तव्यों को भी अधिसूचित कर दिया था। जिससे न्यायिक प्रक्रिया की समय समय पर मॉनिटरिंग की जा सके और न्यायिक प्रक्रिया को तय समय में पूरा किया जा सके। लेकिन, अधिसूचना जारी होने के बावजूद भी अभी तक जिलों में इन पदों पर किसी भी अधिकारी की तैनाती नहीं हुई है। दोनों पदों की जिम्मेदारी जिला न्यायवादी को ही सौंप दी गई है। एक ही व्यक्ति में तीन-तीन पदों की जिम्मेदारी होने से न्यायिक प्रक्रिया भी प्रभावित हुई है। बीएनएस के तहत निस्तारित होने वाले मामले भी कम ही हैं।
बॉक्स
18 माह में निस्तारित हुए 158 मामले
जिले में एक जुलाई 2024 से 31 अक्तूबर 2025 तक बीएनएस के तहत 158 मामलों को निस्तारित किया गया है। अभियोजन कार्यालय से आंकड़ों के तहत 107 मामलों में अपराधियों को सजा सुनाई गई है। वहीं 45 मामलों में दोषमुक्त कर दिया गया है। वहीं सात मामलों को खारिज कर दिया गया है। इनमें से 44 मामले ऐसे हैं जिनमें आरोपपत्र दाखिल होने दिन ही आरोपी को दोषी करार दिया गया है।
बॉक्स
उप निदेशक की शक्ति एवं कर्तव्य
अधिसूचना के मुताबिक उप निदेशक जिला अभियोजन निदेशालय के प्रमुख होंगे।
-चालान, पुलिस रिपोर्टों का परीक्षण व जांच करेंगे।
-वह जिले में सभी दांडिक कार्रवाईयों के लिए जिम्मेदार होंगे और पिदेशक अभियोजन के पूर्व अनुमोदन और राज्य की ओर से किसी भी दंडित मामले में या मामलों की श्रेणियों में अभियोजन, अपील या अन्य कार्रवाईयों को चलाने के लिए किसी भी न्यायालय में पेश हो सकेंगे।
-वह जिला निदेशालय में लोक अभियोजकों, विशेष लोक अभियोजको व सहायक लोक अभियोजको द्वारा दांडिक न्यायालयों के समक्ष राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे।
बॉक्स
सहायक लोक अभियेाजक की शक्ति व कर्तव्य
उप निदेशक अभियोजन के कार्यों के पालन में सहायता करेंगे।
-सात साल से कम सजा के मामलों में उत्तरदायी अभियोजन तथा त्वरित निपटान सुनिश्चित करेंगे।
-- -- -वर्जन
बीएनएसएस की धारा 20 व उपधारा 11 के तहत जिले में उप निदेशक और सहायक निदेशक की तैनाती होनी थी। जिसकी अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। अभी तक तैनाती नहीं हो सकी है। दोनों पदों पर तैनाती होने से न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आएगी और बीएनएसएस के तहत मुकदमों की सुनवाई तय समय में पूरी हो सकेगी। जिससे आमजन को त्वरित न्याय मिल सकेगा।
-राजेश चौधरी, जिला न्यायावादी।
Trending Videos
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता अधिनियम 2023 के तहत प्रत्येक जिले में उप निदेशक व सहायक निदेशक अभियोजन की तैनाती की जानी थी। अधिनियम की धारा-20 की उप धारा (11) के तहत राज्यपाल ने 19 फरवरी 2025 को अधिसूचना जारी कर उप निदेशक और सहायक निदेशक की शक्ति और कर्तव्यों को भी अधिसूचित कर दिया था। जिससे न्यायिक प्रक्रिया की समय समय पर मॉनिटरिंग की जा सके और न्यायिक प्रक्रिया को तय समय में पूरा किया जा सके। लेकिन, अधिसूचना जारी होने के बावजूद भी अभी तक जिलों में इन पदों पर किसी भी अधिकारी की तैनाती नहीं हुई है। दोनों पदों की जिम्मेदारी जिला न्यायवादी को ही सौंप दी गई है। एक ही व्यक्ति में तीन-तीन पदों की जिम्मेदारी होने से न्यायिक प्रक्रिया भी प्रभावित हुई है। बीएनएस के तहत निस्तारित होने वाले मामले भी कम ही हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
बॉक्स
18 माह में निस्तारित हुए 158 मामले
जिले में एक जुलाई 2024 से 31 अक्तूबर 2025 तक बीएनएस के तहत 158 मामलों को निस्तारित किया गया है। अभियोजन कार्यालय से आंकड़ों के तहत 107 मामलों में अपराधियों को सजा सुनाई गई है। वहीं 45 मामलों में दोषमुक्त कर दिया गया है। वहीं सात मामलों को खारिज कर दिया गया है। इनमें से 44 मामले ऐसे हैं जिनमें आरोपपत्र दाखिल होने दिन ही आरोपी को दोषी करार दिया गया है।
बॉक्स
उप निदेशक की शक्ति एवं कर्तव्य
अधिसूचना के मुताबिक उप निदेशक जिला अभियोजन निदेशालय के प्रमुख होंगे।
-चालान, पुलिस रिपोर्टों का परीक्षण व जांच करेंगे।
-वह जिले में सभी दांडिक कार्रवाईयों के लिए जिम्मेदार होंगे और पिदेशक अभियोजन के पूर्व अनुमोदन और राज्य की ओर से किसी भी दंडित मामले में या मामलों की श्रेणियों में अभियोजन, अपील या अन्य कार्रवाईयों को चलाने के लिए किसी भी न्यायालय में पेश हो सकेंगे।
-वह जिला निदेशालय में लोक अभियोजकों, विशेष लोक अभियोजको व सहायक लोक अभियोजको द्वारा दांडिक न्यायालयों के समक्ष राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे।
बॉक्स
सहायक लोक अभियेाजक की शक्ति व कर्तव्य
उप निदेशक अभियोजन के कार्यों के पालन में सहायता करेंगे।
-सात साल से कम सजा के मामलों में उत्तरदायी अभियोजन तथा त्वरित निपटान सुनिश्चित करेंगे।
बीएनएसएस की धारा 20 व उपधारा 11 के तहत जिले में उप निदेशक और सहायक निदेशक की तैनाती होनी थी। जिसकी अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। अभी तक तैनाती नहीं हो सकी है। दोनों पदों पर तैनाती होने से न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आएगी और बीएनएसएस के तहत मुकदमों की सुनवाई तय समय में पूरी हो सकेगी। जिससे आमजन को त्वरित न्याय मिल सकेगा।
-राजेश चौधरी, जिला न्यायावादी।