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Panipat News: औद्योगिक नगरी में बढ़ रहा एचआईवी, बच्चे भी हो रहे ग्रस्त
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पानीपत। औद्योगिक नगरी में एचआईवी एड्स लगातार बढ़ रहा है। स्वास्थ्य के आकड़ों पर नजर डाले तो इस साल अक्तूबर माह तक 216 मामले सामने आ चुके हैं। जिनमें छह बच्चे भी शामिल हैं। जबकि पिछले साल इन महीनों में 199 मामले आए थे। यानी पिछले साल से इन महीनों में 17 मामले अधिक मिले हैं।
एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस है। स्वास्थ्य विभाग स्कूल व कॉलेजों के साथ सार्वजनिक स्थलों पर भी जागरूकता फैला रहा है। इससे कुछ स्तर पर कामयाबी भी मिली है। बावजूद इसके शहर समेत जिले में एचआईवी के मरीज लगातार सामने आ रहे हैं। जिले में 2024 में 329 मामले सामने आए थे। इस साल सात महीने में अब तक 216 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें छह बच्चे, दो ट्रांसजेंडर, 59 महिलाएं और 149 पुरुष हैं। पिछले साल एचआईवी से 46 लोगों की मौत हुई थी। इस साल अब तक 21 लोगों की मौत हुई है। विभाग का मानना है कि लोगों में जागरूकता आई है। इसके चलते मौत के आकड़ों में कमी भी आई है।
एचआईपी ने निमोनिया और टीबी का खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञ के अनुसार एचआईवी से निमोनिया और टीबी का भी खतरा बढ़ जाता है। यह कई बार गंभीर बीमारी सर्वाइकल कैंसर या त्वचा के कैंसर का कारण भी बनता है। स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों में जागरूकता लाने के लिए स्कूल, कॉलेजों और गांव में नुक्कड़ सभाओं पर जागरूकता कार्यक्रम कर रही है। अब तक टीम 105 कार्यक्रम कर चुकी है।
देवी मंदिर के नजदीक एक कॉलोनी के एक युवक ने बताया कि उसको एचआईवी के लक्षण नजर आने लगे थे। वह शुरुआत में काफी घबरा गया था और किसी को बताने में भी शर्म महसूस होती थी। उन्होंने एक दिन विभाग में संपर्क किया। उनको एचआईवी प्राथमिक स्तर पर मिली। उन्होंने नियमित रूप से इलाज लिया। वह आज स्वस्थ है।
ऐसे फैलता है एचआईवी
-एचआईवी संक्रमित रक्त व रक्त उत्पाद से।
- एचआईवी संक्रमित सुईयों व सिरिंज के इस्तेमाल से।
-एचआईवी संक्रमित गर्भवति से उसके होने वाले शिशु को।
एचआईवी के लक्षण-
- गुदा से असामान्य स्राव।
-यौन अंगों के आसपास घाव, फोड़ा चकते या खुजली का होना।
- पुरुषों में पेशाब करते समय दर्द या जलन होना।
एचआईवी से बचने के उपाय -
- अपने साथी के साथ वफादारी
-केवल लाइसेंस प्राप्त रक्त बैंक से जांच किए खून का इस्तेमाल
-हर बार नई या उबली हुई सुई और सिरिंज का इस्तेमाल
-गर्भावस्था के दौरान एचआईवी की जांच और उपयुक्त इलाज
वर्जन :
जिले में एचआईवी के मामले कुछ प्रतिशत बढ़े हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों को समय पर इलाज करवाने के लिए जागरूक कर रही है। यदि किसी को एचआईवी के शुरुआती लक्षण दिखाते देते हैं तो वह अपने नजदीकी जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में स्थित एकीकृत परामर्श एवं जांच केंद्र पर इलाज ले सकते हैं। यह सुविधा निशुल्क व गोपनीय रखी जाती है। इसलिए व्यक्ति बेझिझक होकर इलाज के लिए जा सकता है।
डॉ. लाभ सिंह, जिला नोडल अधिकारी, एचआईवी।
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एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस है। स्वास्थ्य विभाग स्कूल व कॉलेजों के साथ सार्वजनिक स्थलों पर भी जागरूकता फैला रहा है। इससे कुछ स्तर पर कामयाबी भी मिली है। बावजूद इसके शहर समेत जिले में एचआईवी के मरीज लगातार सामने आ रहे हैं। जिले में 2024 में 329 मामले सामने आए थे। इस साल सात महीने में अब तक 216 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें छह बच्चे, दो ट्रांसजेंडर, 59 महिलाएं और 149 पुरुष हैं। पिछले साल एचआईवी से 46 लोगों की मौत हुई थी। इस साल अब तक 21 लोगों की मौत हुई है। विभाग का मानना है कि लोगों में जागरूकता आई है। इसके चलते मौत के आकड़ों में कमी भी आई है।
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एचआईपी ने निमोनिया और टीबी का खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञ के अनुसार एचआईवी से निमोनिया और टीबी का भी खतरा बढ़ जाता है। यह कई बार गंभीर बीमारी सर्वाइकल कैंसर या त्वचा के कैंसर का कारण भी बनता है। स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों में जागरूकता लाने के लिए स्कूल, कॉलेजों और गांव में नुक्कड़ सभाओं पर जागरूकता कार्यक्रम कर रही है। अब तक टीम 105 कार्यक्रम कर चुकी है।
देवी मंदिर के नजदीक एक कॉलोनी के एक युवक ने बताया कि उसको एचआईवी के लक्षण नजर आने लगे थे। वह शुरुआत में काफी घबरा गया था और किसी को बताने में भी शर्म महसूस होती थी। उन्होंने एक दिन विभाग में संपर्क किया। उनको एचआईवी प्राथमिक स्तर पर मिली। उन्होंने नियमित रूप से इलाज लिया। वह आज स्वस्थ है।
ऐसे फैलता है एचआईवी
-एचआईवी संक्रमित रक्त व रक्त उत्पाद से।
- एचआईवी संक्रमित सुईयों व सिरिंज के इस्तेमाल से।
-एचआईवी संक्रमित गर्भवति से उसके होने वाले शिशु को।
एचआईवी के लक्षण-
- गुदा से असामान्य स्राव।
-यौन अंगों के आसपास घाव, फोड़ा चकते या खुजली का होना।
- पुरुषों में पेशाब करते समय दर्द या जलन होना।
एचआईवी से बचने के उपाय -
- अपने साथी के साथ वफादारी
-केवल लाइसेंस प्राप्त रक्त बैंक से जांच किए खून का इस्तेमाल
-हर बार नई या उबली हुई सुई और सिरिंज का इस्तेमाल
-गर्भावस्था के दौरान एचआईवी की जांच और उपयुक्त इलाज
वर्जन :
जिले में एचआईवी के मामले कुछ प्रतिशत बढ़े हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों को समय पर इलाज करवाने के लिए जागरूक कर रही है। यदि किसी को एचआईवी के शुरुआती लक्षण दिखाते देते हैं तो वह अपने नजदीकी जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में स्थित एकीकृत परामर्श एवं जांच केंद्र पर इलाज ले सकते हैं। यह सुविधा निशुल्क व गोपनीय रखी जाती है। इसलिए व्यक्ति बेझिझक होकर इलाज के लिए जा सकता है।
डॉ. लाभ सिंह, जिला नोडल अधिकारी, एचआईवी।