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Rewari News: हरियाणवी फोक सांग व लोकनृत्य में पाएं एक लाख रुपये का प्रथम पुरस्कार
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रेवाड़ी। हरियाणा दिवस के उपलक्ष्य में कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा की ओर से 1 से 3 नवंबर तक यवनिका ग्राउंड, सेक्टर-5 पंचकूला में हरियाणवी फोक सांग, रागनी और हरियाणवी लोक नृत्य (समूह) प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है।
इसका उद्देश्य हरियाणा की समृद्ध लोक संस्कृति, परंपरा और लोक कलाओं को बढ़ावा देना है। जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों के लिए स्पष्ट नियम व पात्रता निर्धारित की गई है।
हरियाणवी फोक सॉन्ग व रागनी में एकल प्रतिभागी के साथ संगतकारों की प्रस्तुति की संख्या अधिकतम 5 होनी चाहिए। प्रस्तुति की अवधि 4 से 6 मिनट होगी। प्रस्तुति को उसकी मूल लोक धुन में प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य है।
अभिव्यक्ति का माध्यम हरियाणवी भाषा की किसी भी बोली में होना चाहिए। निर्णय आवाज की गुणवत्ता, धुन की प्रमाणिकता, रचना, प्रस्तुति और समग्र प्रभाव पर आधारित होगा।
प्रस्तुति का विषय सभ्य, सांस्कृतिक होना अनिवार्य है। विषय अभद्र व अश्लील नहीं होना चाहिए। भाग लेने वाली टीम अपनी प्रस्तुति पूर्ण होने के बाद अपने सैट और सामग्री तुरंत हटाने के लिए स्वयं जिम्मेदार होगी।
आवेदन के समय प्रविष्टि के साथ गीत के विषय (हिंदी/अंग्रेजी) और पाठ का वर्णन करने वाले संक्षिप्त नोट की प्रतियां साथ भेजी जानी चाहिए।
जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि प्रतियोगिता में विजेताओं के लिए आकर्षक नगद पुरस्कार भी रखे गए हैं जिसमें प्रथम पुरस्कार एक लाख रुपये, द्वितीय पुरस्कार 75 हजार और तृतीय पुरस्कार 50 हजार रुपये है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 अक्तूबर है।
6 से 8 मिनट होनी चाहिए प्रस्तुति की अवधि
प्रति टीम अधिकतम 10 प्रतिभागी और अधिकतम 5 संगतकार हिस्सा ले सकते हैं। प्रस्तुति की अवधि 6 से 8 मिनट होगी। निर्णय लय, संरचना, अभिव्यक्ति, वेषभूषा, मेकअप, सैट और सामग्री, नृत्य की गुणवत्ता इत्यादि पर आधारित होगा। जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि प्रति कॉलेज प्रति विधा में केवल एक-एक प्रविष्टि की अनुमति है। फिल्मी गाने और रिकॉर्ड की गई धुनों की सख्त मनाही है। मंच की स्थापना, उपकरण व्यवस्था, ध्वनि जांच और समग्र तैयारी के लिए दिया जाने वाला समय 10 मिनट से अधिक नहीं होगा।
इसका उद्देश्य हरियाणा की समृद्ध लोक संस्कृति, परंपरा और लोक कलाओं को बढ़ावा देना है। जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों के लिए स्पष्ट नियम व पात्रता निर्धारित की गई है।
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हरियाणवी फोक सॉन्ग व रागनी में एकल प्रतिभागी के साथ संगतकारों की प्रस्तुति की संख्या अधिकतम 5 होनी चाहिए। प्रस्तुति की अवधि 4 से 6 मिनट होगी। प्रस्तुति को उसकी मूल लोक धुन में प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य है।
अभिव्यक्ति का माध्यम हरियाणवी भाषा की किसी भी बोली में होना चाहिए। निर्णय आवाज की गुणवत्ता, धुन की प्रमाणिकता, रचना, प्रस्तुति और समग्र प्रभाव पर आधारित होगा।
प्रस्तुति का विषय सभ्य, सांस्कृतिक होना अनिवार्य है। विषय अभद्र व अश्लील नहीं होना चाहिए। भाग लेने वाली टीम अपनी प्रस्तुति पूर्ण होने के बाद अपने सैट और सामग्री तुरंत हटाने के लिए स्वयं जिम्मेदार होगी।
आवेदन के समय प्रविष्टि के साथ गीत के विषय (हिंदी/अंग्रेजी) और पाठ का वर्णन करने वाले संक्षिप्त नोट की प्रतियां साथ भेजी जानी चाहिए।
जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि प्रतियोगिता में विजेताओं के लिए आकर्षक नगद पुरस्कार भी रखे गए हैं जिसमें प्रथम पुरस्कार एक लाख रुपये, द्वितीय पुरस्कार 75 हजार और तृतीय पुरस्कार 50 हजार रुपये है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 अक्तूबर है।
6 से 8 मिनट होनी चाहिए प्रस्तुति की अवधि
प्रति टीम अधिकतम 10 प्रतिभागी और अधिकतम 5 संगतकार हिस्सा ले सकते हैं। प्रस्तुति की अवधि 6 से 8 मिनट होगी। निर्णय लय, संरचना, अभिव्यक्ति, वेषभूषा, मेकअप, सैट और सामग्री, नृत्य की गुणवत्ता इत्यादि पर आधारित होगा। जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि प्रति कॉलेज प्रति विधा में केवल एक-एक प्रविष्टि की अनुमति है। फिल्मी गाने और रिकॉर्ड की गई धुनों की सख्त मनाही है। मंच की स्थापना, उपकरण व्यवस्था, ध्वनि जांच और समग्र तैयारी के लिए दिया जाने वाला समय 10 मिनट से अधिक नहीं होगा।