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योग में ध्यान आत्मा का श्रेष्ठ विचारों के सान्निध्य में स्नान है : डॉ. अमनदीप
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मीरपुर स्थित इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय में एक मंच पर आए विद्यार्थी व शिक्षक। स्रोत : विवि
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रेवाड़ी। मीरपुर स्थित इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय के योग विभाग की ओर से विश्व ध्यान दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष प्रो. रोमिका बत्रा पहुंची।
डॉ. अमनदीप ने ध्यान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दैनिक कार्यों में सचेत रहना सामान्य है लेकिन योग में ध्यान आत्मा का श्रेष्ठ विचारों के सान्निध्य में स्नान है। यह घटित होने वाली आध्यात्मिक प्रक्रिया है।
डॉ. धर्मबीर यादव ने विश्व ध्यान दिवस का ऐतिहासिक परिचय देते हुए बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 6 दिसंबर 2024 को इसे प्रतिवर्ष 21 दिसंबर को मनाने की घोषणा की थी। इस दिन का उद्देश्य शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है।
प्रवीण कुमार ने बताया कि पृथ्वी के अक्षीय झुकाव के कारण यह उत्तरी गोलार्ध का सबसे छोटा दिन होता है। यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को साकार करने में सहायक है जो सभी आयु वर्गों के लिए स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहित करता है।
योग प्रशिक्षक अमित कुमार ने सभी को ध्यान के निर्देश दिए जिनमें उपस्थितजन बड़े उत्साह से सहभागी बने एवं लाभान्वित हुए। प्रोफेसर रोमिका बत्रा ने कहा कि ध्यान वसुधैव कुटुम्बकम के संदेश को वैश्विक शांति, सहिष्णुता एवं समग्र कल्याण तक पहुंचाता है। योग अध्ययन का यह अवसर आपको शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य के साथ जीवन सफलता प्रदान करेगा।
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डॉ. अमनदीप ने ध्यान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दैनिक कार्यों में सचेत रहना सामान्य है लेकिन योग में ध्यान आत्मा का श्रेष्ठ विचारों के सान्निध्य में स्नान है। यह घटित होने वाली आध्यात्मिक प्रक्रिया है।
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डॉ. धर्मबीर यादव ने विश्व ध्यान दिवस का ऐतिहासिक परिचय देते हुए बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 6 दिसंबर 2024 को इसे प्रतिवर्ष 21 दिसंबर को मनाने की घोषणा की थी। इस दिन का उद्देश्य शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है।
प्रवीण कुमार ने बताया कि पृथ्वी के अक्षीय झुकाव के कारण यह उत्तरी गोलार्ध का सबसे छोटा दिन होता है। यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को साकार करने में सहायक है जो सभी आयु वर्गों के लिए स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहित करता है।
योग प्रशिक्षक अमित कुमार ने सभी को ध्यान के निर्देश दिए जिनमें उपस्थितजन बड़े उत्साह से सहभागी बने एवं लाभान्वित हुए। प्रोफेसर रोमिका बत्रा ने कहा कि ध्यान वसुधैव कुटुम्बकम के संदेश को वैश्विक शांति, सहिष्णुता एवं समग्र कल्याण तक पहुंचाता है। योग अध्ययन का यह अवसर आपको शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य के साथ जीवन सफलता प्रदान करेगा।