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Rewari News: ब्लैक स्पॉट को खत्म करने के लिए प्रशासन ने हर साल की कोशिशें
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फोटो : 02 रेवाड़ी। हाईवे पर हीरो चौक मालपुरा के पास ब्लैक स्पॉट पर रखे डिवाइडर। संवाद
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रेवाड़ी। जिले में ब्लैक स्पॉट को खत्म करने के लिए प्रशासन ने हर साल कोशिशें की हैं। करीब 10 माह पहले ड्रोन कैमरे से निरीक्षण किया था, इसमें 7 स्पॉट मिले थे। दिल्ली-जयपुर हाईवे एनएच 48 पर हीरो कट, सालावास कट के पास ब्लैक स्पॉट पर बैरिकेड लगाए जा चुके हैं।
इन ब्लैक स्पॉट में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)-48 पर मसानी और साल्हावास, एनएच-352 पर गोकलगढ़ और पाल्हावास, महेंद्रगढ़ रोड पर जादरा टी-पॉइंट, नांगल मूंदी टी-पॉइंट और हांसाका शामिल थे जिसे बंद किया जा चुका है।
हाल ही में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने दिल्ली-जयपुर हाईवे पर जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर से कसौला चौक के बीच पांच स्थानों पर बनाए गए अवैध कटों को बंद किया है।
इनमें बनीपुर चौक के समीप, रूध प्लाईओवर के समीप, नैचाना कट, खेड़ा बार्डर के समीप व साल्हावास के समीप शामिल है। यहां पत्थर के बैरिकेड्स और मिट्टी डलवाकर अवैध तरीके से बने कट को बंद किया।
बता दें कि ट्रैफिक पुलिस, आरटीओ विभाग व एनएचएआई के अधिकारियों द्वारा सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने व हाईवे पर सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए जिले के 7 चिह्नित ब्लैक स्पॉट का ड्रोन कैमरे से भौगोलिक सर्वे करवाकर इस ब्लैक स्पॉट पर बढती सडक दुर्घटनाओं का कारणों का पता लगाया गया था।
निरीक्षण के दौरान सामने आई विसंगतियों को संबधित विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत करवाया था और ट्रैफिक पुलिस, आरटीओ व एनएचएआई के साथ मिलकर दुर्घटनाओं का कारण बने इन ब्लैक स्पॉट को खत्म किया गया था ताकि जिले में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके।
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2019 में 12 ब्लैक स्पॉट किए गए थे खत्म
वर्ष 2019 में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए 12 ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए थे। उस समय के पिछले साढ़े तीन सालों में रेवाड़ी में दुर्घटनाओं में 468 लोगों की मौत दर्ज की गई थी। जिले में 2016 में 281 लोगों की जान गई थी। 2017 में यह संख्या 289 थी और 2018 में यह संख्या बढ़कर 292 हो गई थी। तब दुर्घटना-प्रवण स्थानों के रूप में बनीपुर चौक, ऑडी कट, जयसिंहपुरा खेड़ा, संगवारी, असायी ग्लास चौक, हीरो कट, साहबी ब्रिज, साबन चौक, पलहावास, गुरवारा, भुड़ला और पलड़ा की पहचान की गई थी। इनमें से आठ स्थान दिल्ली-जयपुर राजमार्ग संख्या 8 पर स्थित थे जहां हर साल जिले में होने वाली दुर्घटनाओं का कम से कम 40 प्रतिशत हिस्सा होता था।
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सड़क दुर्घटना में हर साल होती हैं मौतें
सड़क दुर्घटना में 2020 में 271 लोगों की मृत्यु हुई थी और 631 घायल हुए थे। 2022 में 211 लोगों की मृत्यु और 500 लोग घायल हुए थे। 2023 में 227 लोगों की मौत और 514 लोग घायल हुए थे। 2024 में 210 लोगों की मृत्यु और 765 लोग घायल हुए थे। 2025 में अभी तक 155 से अधिक लोगों की मौत व 320 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं।
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वर्जन
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर अभी कोई भी ब्लैक स्पॉट नहीं है। सभी खत्म किए जा चुके हैं। अवैध कट भी खत्म किए गए हैं। अगर कहीं पर कोई दुर्घटना संभावित क्षेत्र मिलेगा तो तुरंत वहां कार्य करवाया जाएगा। -योगेश, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई
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इन ब्लैक स्पॉट में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)-48 पर मसानी और साल्हावास, एनएच-352 पर गोकलगढ़ और पाल्हावास, महेंद्रगढ़ रोड पर जादरा टी-पॉइंट, नांगल मूंदी टी-पॉइंट और हांसाका शामिल थे जिसे बंद किया जा चुका है।
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हाल ही में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने दिल्ली-जयपुर हाईवे पर जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर से कसौला चौक के बीच पांच स्थानों पर बनाए गए अवैध कटों को बंद किया है।
इनमें बनीपुर चौक के समीप, रूध प्लाईओवर के समीप, नैचाना कट, खेड़ा बार्डर के समीप व साल्हावास के समीप शामिल है। यहां पत्थर के बैरिकेड्स और मिट्टी डलवाकर अवैध तरीके से बने कट को बंद किया।
बता दें कि ट्रैफिक पुलिस, आरटीओ विभाग व एनएचएआई के अधिकारियों द्वारा सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने व हाईवे पर सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए जिले के 7 चिह्नित ब्लैक स्पॉट का ड्रोन कैमरे से भौगोलिक सर्वे करवाकर इस ब्लैक स्पॉट पर बढती सडक दुर्घटनाओं का कारणों का पता लगाया गया था।
निरीक्षण के दौरान सामने आई विसंगतियों को संबधित विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत करवाया था और ट्रैफिक पुलिस, आरटीओ व एनएचएआई के साथ मिलकर दुर्घटनाओं का कारण बने इन ब्लैक स्पॉट को खत्म किया गया था ताकि जिले में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके।
2019 में 12 ब्लैक स्पॉट किए गए थे खत्म
वर्ष 2019 में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए 12 ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए थे। उस समय के पिछले साढ़े तीन सालों में रेवाड़ी में दुर्घटनाओं में 468 लोगों की मौत दर्ज की गई थी। जिले में 2016 में 281 लोगों की जान गई थी। 2017 में यह संख्या 289 थी और 2018 में यह संख्या बढ़कर 292 हो गई थी। तब दुर्घटना-प्रवण स्थानों के रूप में बनीपुर चौक, ऑडी कट, जयसिंहपुरा खेड़ा, संगवारी, असायी ग्लास चौक, हीरो कट, साहबी ब्रिज, साबन चौक, पलहावास, गुरवारा, भुड़ला और पलड़ा की पहचान की गई थी। इनमें से आठ स्थान दिल्ली-जयपुर राजमार्ग संख्या 8 पर स्थित थे जहां हर साल जिले में होने वाली दुर्घटनाओं का कम से कम 40 प्रतिशत हिस्सा होता था।
सड़क दुर्घटना में हर साल होती हैं मौतें
सड़क दुर्घटना में 2020 में 271 लोगों की मृत्यु हुई थी और 631 घायल हुए थे। 2022 में 211 लोगों की मृत्यु और 500 लोग घायल हुए थे। 2023 में 227 लोगों की मौत और 514 लोग घायल हुए थे। 2024 में 210 लोगों की मृत्यु और 765 लोग घायल हुए थे। 2025 में अभी तक 155 से अधिक लोगों की मौत व 320 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं।
वर्जन
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर अभी कोई भी ब्लैक स्पॉट नहीं है। सभी खत्म किए जा चुके हैं। अवैध कट भी खत्म किए गए हैं। अगर कहीं पर कोई दुर्घटना संभावित क्षेत्र मिलेगा तो तुरंत वहां कार्य करवाया जाएगा। -योगेश, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई