{"_id":"6939b51d5099670fa70d110e","slug":"the-rs-800-crore-outer-bypass-project-did-not-last-even-a-year-rewari-news-c-198-1-rew1001-230196-2025-12-10","type":"story","status":"publish","title_hn":"Rewari News: एक साल भी नहीं टिका 800 करोड़ रुपये से बनने वाला आउटर बाईपास","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Rewari News: एक साल भी नहीं टिका 800 करोड़ रुपये से बनने वाला आउटर बाईपास
विज्ञापन
फोटो: 10रेवाड़ी। आउटर बाइपास पर सड़क के एक ही हिस्से पर किया गया डायवर्जन। संवाद
- फोटो : कलश यात्रा निकालते श्रद्धालु।
विज्ञापन
रेवाड़ी। एक साल पहले तीन नेशनल हाईवे को जोड़ने वाले करोड़ों रुपये के जिस आउटर बाईपास को शुरू किया गया था, उस पर चंद महीनों के बाद ही वाहन हिचकोले खाने लगे हैं। सुरक्षा की दृष्टि से बाईपास के स्टील ब्रिज के एक हिस्से को बंद कर दिया गया है।
इससे पुल निर्माण के समय अनियमितताएं बरते जाने की बात भी सामने आ रही है। वाहनों का आवागमन अब रोड के एक ही हिस्से से शुरू करने के बाद एक हिस्से को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। कोहरे के दौरान एक रोड से अप डाउन वाहनों का आवागमन हादसों का कारण भी बन सकता है।
भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत एनएचएआई ने लगभग 800 करोड़ रुपये की लागत से 14.5 किलोमीटर लंबे आउटर बाईपास का निर्माण कराया था। यह बाईपास जैसलमेर नेशनल हाइवे को दिल्ली-जयपुर और रोहतक नेशनल हाइवे से जोड़ता है।
इस बाईपास पर डीएफसीसीआईएल की रेलवे लाइन को क्रॉस करने के लिए 111.5 मीटर लंबाई के स्पॉटलैस स्टील ब्रिज का निर्माण कराया गया था। यह ब्रिज अप और डाउन दोनों साइडों में अलग-अलग हिस्सों में बना हुआ है।
इस ओवरब्रिज को शुरू करने में ही काफी समय लग गया था। गत वर्ष शुरू करने के बाद सेफ्टी ऑडिट भी हुई थी। उसके बाद बीयरिंग में बदलाव के बाद इसे फिर से बंद किया गया। पुल के दोनों हिस्सों से आवागमन शुरू होने के बाद वाहन चालकों को काफी राहत मिली।
भारी वाहनों को शहर में प्रवेश करने से छुटकारा मिल गया जिससे शहर से भी ट्रैफिक का दबाव काफी कम हो गया। आउटर बाईपास से हजारों वाहन तीनों नेशनल हाईवे पर सरपट दौड़ते हुए आवागमन करने लगे। अब बाईपास पर स्टील पुल के एक हिस्से को एक बार फिर से बंद कर दिया गया है। इससे बाईपास पर पुल के आसपास वाहनों की गति मंद पड़ चुकी है।
ओवरब्रिज के ज्यादा वाइब्रेट करने का अंदेशा
एनएचएआई के सूत्रों के अनुसार स्टील पुल के ज्यादा वाइब्रेट करने की स्थिति में एनएचएआई और डीएफसीसीआईएल के तकनीकी अधिकारियों ने इसका मुआयना किया था। इसके बाद पुल में आवश्यक तकनीकी सुधार करने की आवश्यकता महसूस हुई। सूत्रों के अनुसार पुल निर्माण में अनियमितताओं की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा रहा है। पुल के डगमगाने तक की बात सामने आ चुकी है जिसके बाद ही इसे आवश्यक सुधार के लिए बंद किया गया है।
चालू होने में लग सकता है एक माह
बाईपास रोड के एक हिस्से को बंद करने के बाद पुल में आवश्यक तकनीकी सुधार का कार्य जल्द शुरू किया जा रहा है। इसके बावजूद इस कार्य को पूरा होने में लगभग एक माह तक का समय लग सकता है। दिसंबर में किसी भी समय कोहरा शुरू हो सकता है। इसलिए भारी कोहरे के दौरान एक तरफा रोड बंद होने से हादसे की आशंका बनी रहेगी। इसके लिए एनएचएआई ने सुरक्षा की दृष्टि से आवाश्यक सांकेतिक निशान भी रेडियम से बनाने शुरू कर दिए हैं।
रोड पर वाहनों की रफ्तार मंद पड़ गई
दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे से जैसलमेर की ओर जाने वाले हिस्से का आवागमन एनएचएआई ने बंद कर दिया है। दोनों हिस्सों का ट्रैफिक जैसलमेर से जयपुर नेशनल हाईवे की ओर जाने वाले हिस्से से ही शुरू किया गया है। रोड के बीच में प्लास्टिक ड्रम व अवरोधक लगाकर अस्थाई डिवाइडर बनाया गया है। इससे इस रोड पर वाहनों की रफ्तार मंद पड़ गई है। ओवरब्रिज पर कोई भारी वाहन खराब होने की सूरत में जाम की समस्या तक का सामना करना पड़ेगा।
-- -- -- -- -- -- -
वर्जन
उच्चाधिकारियों की ओर से बाईपास पुल के एक हिस्से को बंद कराने के आदेश दिए गए हैं। आदेशों के अनुसार एक हिस्सा बंद करते हुए दूसरे हिस्से से ही आवागमन शुरू किया गया है। पुल की तकनीकी खामियों को दूर करने के बाद ही इस हिस्से को यातायात के लिए खोला जाएगा। -देवेंद्र सिंह, रोड पेट्रोलिंग ऑफिसर, एनएचएआई।
-- -- -- -- -- -
निर्माण में अनियमितताएं जैसी कोई बात नहीं है। डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के अधिकारियों से विचार-विमर्श करने के बाद एतिहात के तौर पर पुल में अतिरिक्त सुधार कराए जा रहे हैं। इसे आवागमन के लिए खोलने में थोड़ा समय लग सकता है। -योगेश तिलक, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई।
Trending Videos
इससे पुल निर्माण के समय अनियमितताएं बरते जाने की बात भी सामने आ रही है। वाहनों का आवागमन अब रोड के एक ही हिस्से से शुरू करने के बाद एक हिस्से को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। कोहरे के दौरान एक रोड से अप डाउन वाहनों का आवागमन हादसों का कारण भी बन सकता है।
विज्ञापन
विज्ञापन
भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत एनएचएआई ने लगभग 800 करोड़ रुपये की लागत से 14.5 किलोमीटर लंबे आउटर बाईपास का निर्माण कराया था। यह बाईपास जैसलमेर नेशनल हाइवे को दिल्ली-जयपुर और रोहतक नेशनल हाइवे से जोड़ता है।
इस बाईपास पर डीएफसीसीआईएल की रेलवे लाइन को क्रॉस करने के लिए 111.5 मीटर लंबाई के स्पॉटलैस स्टील ब्रिज का निर्माण कराया गया था। यह ब्रिज अप और डाउन दोनों साइडों में अलग-अलग हिस्सों में बना हुआ है।
इस ओवरब्रिज को शुरू करने में ही काफी समय लग गया था। गत वर्ष शुरू करने के बाद सेफ्टी ऑडिट भी हुई थी। उसके बाद बीयरिंग में बदलाव के बाद इसे फिर से बंद किया गया। पुल के दोनों हिस्सों से आवागमन शुरू होने के बाद वाहन चालकों को काफी राहत मिली।
भारी वाहनों को शहर में प्रवेश करने से छुटकारा मिल गया जिससे शहर से भी ट्रैफिक का दबाव काफी कम हो गया। आउटर बाईपास से हजारों वाहन तीनों नेशनल हाईवे पर सरपट दौड़ते हुए आवागमन करने लगे। अब बाईपास पर स्टील पुल के एक हिस्से को एक बार फिर से बंद कर दिया गया है। इससे बाईपास पर पुल के आसपास वाहनों की गति मंद पड़ चुकी है।
ओवरब्रिज के ज्यादा वाइब्रेट करने का अंदेशा
एनएचएआई के सूत्रों के अनुसार स्टील पुल के ज्यादा वाइब्रेट करने की स्थिति में एनएचएआई और डीएफसीसीआईएल के तकनीकी अधिकारियों ने इसका मुआयना किया था। इसके बाद पुल में आवश्यक तकनीकी सुधार करने की आवश्यकता महसूस हुई। सूत्रों के अनुसार पुल निर्माण में अनियमितताओं की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा रहा है। पुल के डगमगाने तक की बात सामने आ चुकी है जिसके बाद ही इसे आवश्यक सुधार के लिए बंद किया गया है।
चालू होने में लग सकता है एक माह
बाईपास रोड के एक हिस्से को बंद करने के बाद पुल में आवश्यक तकनीकी सुधार का कार्य जल्द शुरू किया जा रहा है। इसके बावजूद इस कार्य को पूरा होने में लगभग एक माह तक का समय लग सकता है। दिसंबर में किसी भी समय कोहरा शुरू हो सकता है। इसलिए भारी कोहरे के दौरान एक तरफा रोड बंद होने से हादसे की आशंका बनी रहेगी। इसके लिए एनएचएआई ने सुरक्षा की दृष्टि से आवाश्यक सांकेतिक निशान भी रेडियम से बनाने शुरू कर दिए हैं।
रोड पर वाहनों की रफ्तार मंद पड़ गई
दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे से जैसलमेर की ओर जाने वाले हिस्से का आवागमन एनएचएआई ने बंद कर दिया है। दोनों हिस्सों का ट्रैफिक जैसलमेर से जयपुर नेशनल हाईवे की ओर जाने वाले हिस्से से ही शुरू किया गया है। रोड के बीच में प्लास्टिक ड्रम व अवरोधक लगाकर अस्थाई डिवाइडर बनाया गया है। इससे इस रोड पर वाहनों की रफ्तार मंद पड़ गई है। ओवरब्रिज पर कोई भारी वाहन खराब होने की सूरत में जाम की समस्या तक का सामना करना पड़ेगा।
वर्जन
उच्चाधिकारियों की ओर से बाईपास पुल के एक हिस्से को बंद कराने के आदेश दिए गए हैं। आदेशों के अनुसार एक हिस्सा बंद करते हुए दूसरे हिस्से से ही आवागमन शुरू किया गया है। पुल की तकनीकी खामियों को दूर करने के बाद ही इस हिस्से को यातायात के लिए खोला जाएगा। -देवेंद्र सिंह, रोड पेट्रोलिंग ऑफिसर, एनएचएआई।
निर्माण में अनियमितताएं जैसी कोई बात नहीं है। डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के अधिकारियों से विचार-विमर्श करने के बाद एतिहात के तौर पर पुल में अतिरिक्त सुधार कराए जा रहे हैं। इसे आवागमन के लिए खोलने में थोड़ा समय लग सकता है। -योगेश तिलक, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई।