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Rohtak News: नियुक्ति पत्र मिलने के बाद भी ज्वॉइनिंग नहीं, समाधान शिविर में पहुंचा युवक
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संवाद न्यूज एजेंसी
रोहतक। लघु सचिवालय में वीरवार को आयोजित समाधान शिविर में पीजीआई की ग्रुप डी भर्ती से जुड़ा मामला सामने आया। पिछले तीन महीनों से ज्वॉइनिंग के लिए भटक रहे अजय ने शिविर में पहुंचकर अपनी पीड़ा अधिकारियों के सामने रखी। अजय ने बताया कि वह पीजीआई में स्ट्रेचर बैरर पद के लिए चयनित हुआ था और मुख्यालय की ओर से उसे नियुक्ति पत्र भी मिल चुका है, इसके बावजूद अब तक ज्वॉइनिंग नहीं हो रही है।
संस्थान में जब भी वह ज्वॉइनिंग के लिए पहुंचता है तो उसे यह कहकर लौटा दिया जाता है कि सभी सीटें भर चुकी हैं। अजय ने सवाल उठाया कि जब उसके पास नियुक्ति पत्र मौजूद है, तो सीट कैसे पूरी हो सकती है। इस स्थिति का कारण जानने के लिए वह डीएमईआर पंचकूला गया। वहां से संस्थान से जवाब मांगां, जिस पर बताया गया कि गलती से पदों की संख्या अधिक दिखाकर भेज दी गई थी।
अगस्त महीने में उसे ज्वॉइनिंग लेटर मिल गया था। भर्ती से जुड़ी सभी औपचारिकताएं भी पूरी कर ली गई थीं। इसके बावजूद वह लगातार पीजीआई और पंचकूला के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। इस कारण उसे मानसिक तनाव के साथ-साथ आर्थिक परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है। चार बार पंचकूला जा चुका हूं। एक बार में करीब 1000 रुपये का खर्चा आ जाता है।
संस्थान की ओर से मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के निदेशक को भेजे पत्र में लिखा है कि ग्रुप डी के तहत स्ट्रेचर बैरर की 29 पोस्ट भर चुकी हैं। और फिलहाल कोई पद रिक्त नहीं है। साथ ही यह भी लिखा गया है कि आवेदक को नियमानुसार अन्य नई पोस्ट दी जाए।
समाधान शिविर में इस शिकायत का जवाब देने के लिए पीजीआई का कोई भी अधिकारी उपस्थित नहीं था। ऐसे में अधिकारियों ने शिकायत की प्रति संस्थान को भेजते हुए जवाब मांगा है। अजय को भी अगले समाधान शिविर में दोबारा आने के निर्देश दिए गए। यह मामला उस समय सामने आया जब संवाद न्यूज एजेंसी की टीम समाधान शिविर का निरीक्षण कर रही थी।
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रोहतक। लघु सचिवालय में वीरवार को आयोजित समाधान शिविर में पीजीआई की ग्रुप डी भर्ती से जुड़ा मामला सामने आया। पिछले तीन महीनों से ज्वॉइनिंग के लिए भटक रहे अजय ने शिविर में पहुंचकर अपनी पीड़ा अधिकारियों के सामने रखी। अजय ने बताया कि वह पीजीआई में स्ट्रेचर बैरर पद के लिए चयनित हुआ था और मुख्यालय की ओर से उसे नियुक्ति पत्र भी मिल चुका है, इसके बावजूद अब तक ज्वॉइनिंग नहीं हो रही है।
संस्थान में जब भी वह ज्वॉइनिंग के लिए पहुंचता है तो उसे यह कहकर लौटा दिया जाता है कि सभी सीटें भर चुकी हैं। अजय ने सवाल उठाया कि जब उसके पास नियुक्ति पत्र मौजूद है, तो सीट कैसे पूरी हो सकती है। इस स्थिति का कारण जानने के लिए वह डीएमईआर पंचकूला गया। वहां से संस्थान से जवाब मांगां, जिस पर बताया गया कि गलती से पदों की संख्या अधिक दिखाकर भेज दी गई थी।
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अगस्त महीने में उसे ज्वॉइनिंग लेटर मिल गया था। भर्ती से जुड़ी सभी औपचारिकताएं भी पूरी कर ली गई थीं। इसके बावजूद वह लगातार पीजीआई और पंचकूला के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। इस कारण उसे मानसिक तनाव के साथ-साथ आर्थिक परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है। चार बार पंचकूला जा चुका हूं। एक बार में करीब 1000 रुपये का खर्चा आ जाता है।
संस्थान की ओर से मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के निदेशक को भेजे पत्र में लिखा है कि ग्रुप डी के तहत स्ट्रेचर बैरर की 29 पोस्ट भर चुकी हैं। और फिलहाल कोई पद रिक्त नहीं है। साथ ही यह भी लिखा गया है कि आवेदक को नियमानुसार अन्य नई पोस्ट दी जाए।
समाधान शिविर में इस शिकायत का जवाब देने के लिए पीजीआई का कोई भी अधिकारी उपस्थित नहीं था। ऐसे में अधिकारियों ने शिकायत की प्रति संस्थान को भेजते हुए जवाब मांगा है। अजय को भी अगले समाधान शिविर में दोबारा आने के निर्देश दिए गए। यह मामला उस समय सामने आया जब संवाद न्यूज एजेंसी की टीम समाधान शिविर का निरीक्षण कर रही थी।