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Rohtak News: ममता ने चुनी आत्मनिर्भरता की राह
संवाद न्यूज एजेंसी, रोहतक
Updated Sun, 21 Dec 2025 02:55 AM IST
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31...शहर के कमला नगर निवासी ममता । संवाद
- फोटो : रविंद्र सिंह
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संवाद न्यूज एजेंसी
रोहतक। नौकरी के लिए प्रयास करने पर जब सफलता नहीं मिली तो ममता ने बुटीक कला सीख आत्मनिर्भरता की राह चुन ली और अब वे न केवल खुद स्वावलंबी बन रही हैं बल्कि दो अन्य महिलाओं को रोजगार भी दे रहीं हैं।
शहर के कमला नगर निवासी ममता बताती हैं कि 2006 में उनकी शादी कमला नगर निवासी सुशील से हुई। उस समय उनके पति मजदूरी करते थे। उन्होंने भी घर खर्च की जिम्मेदारी निभानी चाही। दो बेटे होने पर जिम्मेदारी और बढ़ी। पति ऑटो चलाने लगे तो उन्होंने 2014-15 में एक साल डी पार्क के निकट एक कारीगर के बुटीक पर जॉब की व काम सीखा।
पैसे जुटाकर 2015 में हाथ की मशीन खरीदी और सिलाई कढ़ाई का थोड़ा बहुत काम करने लगी। आत्मनिर्भर बनने का जुनून था तो 2020 में एक और सेकेंड हैंड मशीन खरीदी व घर पर ही बुटीक का अपना काम शुरू किया। 10वीं पास ममता के काम की महिलाओं ने सराहना की तो उनके पास अधिक ऑर्डर आने लगे।
2021 में वह आदर्श महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ गईं। इसके बाद उनके काम को और विस्तार मिला और अब उन्होंने इसी साल बड़ी मशीन खरीद ली है। वहीं, कमला नगर की ही नीतू व रीना भी उनके पास बुटीक कार्य करने लगी हैं।
इस कार्य से ममता को करीब 12 हजार रुपये आमदनी प्रति माह हो रही हैं जबकि 4-4 हजार रुपये नीतू व रीना की भी आमदनी होने लगी है।
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रोहतक। नौकरी के लिए प्रयास करने पर जब सफलता नहीं मिली तो ममता ने बुटीक कला सीख आत्मनिर्भरता की राह चुन ली और अब वे न केवल खुद स्वावलंबी बन रही हैं बल्कि दो अन्य महिलाओं को रोजगार भी दे रहीं हैं।
शहर के कमला नगर निवासी ममता बताती हैं कि 2006 में उनकी शादी कमला नगर निवासी सुशील से हुई। उस समय उनके पति मजदूरी करते थे। उन्होंने भी घर खर्च की जिम्मेदारी निभानी चाही। दो बेटे होने पर जिम्मेदारी और बढ़ी। पति ऑटो चलाने लगे तो उन्होंने 2014-15 में एक साल डी पार्क के निकट एक कारीगर के बुटीक पर जॉब की व काम सीखा।
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पैसे जुटाकर 2015 में हाथ की मशीन खरीदी और सिलाई कढ़ाई का थोड़ा बहुत काम करने लगी। आत्मनिर्भर बनने का जुनून था तो 2020 में एक और सेकेंड हैंड मशीन खरीदी व घर पर ही बुटीक का अपना काम शुरू किया। 10वीं पास ममता के काम की महिलाओं ने सराहना की तो उनके पास अधिक ऑर्डर आने लगे।
2021 में वह आदर्श महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ गईं। इसके बाद उनके काम को और विस्तार मिला और अब उन्होंने इसी साल बड़ी मशीन खरीद ली है। वहीं, कमला नगर की ही नीतू व रीना भी उनके पास बुटीक कार्य करने लगी हैं।
इस कार्य से ममता को करीब 12 हजार रुपये आमदनी प्रति माह हो रही हैं जबकि 4-4 हजार रुपये नीतू व रीना की भी आमदनी होने लगी है।