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Rohtak News: उद्योगों को सुगम बनाने के लिए 31 दिसंबर तक 23 मुद्दों पर निर्णय लेगी सरकार
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42 एमडीयू में एमएसएमई फॉर भारत कॉन्क्लेव में उपस्थित उद्यमी, एमडीयू के शिक्षक एवं विद्यार्थी।
- फोटो : Samvad
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रोहतक। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त डॉ. अमित अग्रवाल ने कहा है कि प्रदेश सरकार एमएसएमई और स्टार्टअप के उत्थान को लेकर प्रतिबद्ध है। उद्यमियों की सुगमता के लिए सरकार आगामी दिसंबर तक प्रदूषण, श्रमिक आदि से जुड़े 23 विषयों पर फैसला लेने जा रही है। यही नहीं, आज कॉन्क्लेव में उद्यमी जो भी समस्या बताएंगे, हर एक का समाधान करेंगे।
काॅन्क्लेव में वर्चुअली जुड़े डॉ. अग्रवाल ने कहा कि सरकार अब ईज ऑफ डूइंग बिजनेस से आगे कॉस्ट ऑफ डूइंग बिजनेस का अध्ययन कर रही है। इससे एमएसएमई की लागत घटाई जा सकेगी। एमएसएमई को राज्य की धमनियां बताते हुए कहा कि सर्वाधिक रोजगार देने वाले इस सेक्टर को बढ़ाना शीर्ष प्राथमिकता में है।
बताया, 15 एकड़ से बड़े निजी औद्योगिक क्षेत्र के लिए पदमा नीति है। इसके तहत 10 क्लस्टर बना रहे हैं। इसमें आए 30 से अधिक आवेदनों में से 4 मंजूर हो चुके हैं। प्लग एंड प्ले पॉलिसी और मिनी क्लस्टर योजना से भी आठ हजार एमएसएमई लाभ उठा चुके हैं।
स्टार्टअप नीति 2022 के तहत पंजीकृत 10 हजार से अधिक स्टार्टअप में आधे महिलाओं के हैं। इनकी भागीदारी अब 60 फीसदी करने का लक्ष्य है। पोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले स्टार्टअप को सरकार 10 लाख रुपये दे रही है। सीएम का लक्ष्य हरियाणा को देश का सबसे बड़ा स्टार्टअप हब बनाना है।
डॉ. अग्रवाल ने कहा, स्टार्टअप से ही भिवानी के एक कुम्हार की बेटी मिट्टी के बर्तनों से 2-3 लाख रुपये हर महीने कमा रही है। यहां शून्य से बढ़कर स्टार्टअप 9000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुके हैं। मुख्यमंत्री खुद उद्यमियों की समस्याएं सुन रहे हैं। 10 नए आईएमटी बनाने का काम भी शुरू हो चुका है।
क्षेत्रफल के मुकाबले जीडीपी में तीन गुना योगदान
आयुक्त ने कहा, हरियाणा क्षेत्रफल में देश का 1.3 प्रतिशत है लेकिन जीडीपी में इसका योगदान 3.6 प्रतिशत है। प्रदेश की जीडीपी पिछले 10 साल में 11 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। यह देश की जीडीपी ग्रोथ से ज्यादा है।
यूनिवर्सिटी में इंक्यूबेशन
सेंटर खोलने का पहला ऑफर एमडीयू को
डॉ. अग्रवाल ने एमडीयू कुलपति को यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रदेश का पहला इंक्यूबेशन सेंटर खोलने का ऑफर भी दे दिया। आगे कहा, एमएसएमई की चुनौतियाें से सरकार अनभिज्ञ नहीं है। ट्रैफिक, लॉजिस्टिक, कृषि और व्यापार की मौसमी अस्थिरता बड़ी चुनौतियां हैं। इन्हें अवसर में बदलकर एमएसएमई को मजबूत करेंगे। 23 औद्योगिक क्षेत्रों को 31 दिसंबर तक विकसित करेंगे। इसमें 2000 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।

काॅन्क्लेव में वर्चुअली जुड़े डॉ. अग्रवाल ने कहा कि सरकार अब ईज ऑफ डूइंग बिजनेस से आगे कॉस्ट ऑफ डूइंग बिजनेस का अध्ययन कर रही है। इससे एमएसएमई की लागत घटाई जा सकेगी। एमएसएमई को राज्य की धमनियां बताते हुए कहा कि सर्वाधिक रोजगार देने वाले इस सेक्टर को बढ़ाना शीर्ष प्राथमिकता में है।
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बताया, 15 एकड़ से बड़े निजी औद्योगिक क्षेत्र के लिए पदमा नीति है। इसके तहत 10 क्लस्टर बना रहे हैं। इसमें आए 30 से अधिक आवेदनों में से 4 मंजूर हो चुके हैं। प्लग एंड प्ले पॉलिसी और मिनी क्लस्टर योजना से भी आठ हजार एमएसएमई लाभ उठा चुके हैं।
स्टार्टअप नीति 2022 के तहत पंजीकृत 10 हजार से अधिक स्टार्टअप में आधे महिलाओं के हैं। इनकी भागीदारी अब 60 फीसदी करने का लक्ष्य है। पोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले स्टार्टअप को सरकार 10 लाख रुपये दे रही है। सीएम का लक्ष्य हरियाणा को देश का सबसे बड़ा स्टार्टअप हब बनाना है।
डॉ. अग्रवाल ने कहा, स्टार्टअप से ही भिवानी के एक कुम्हार की बेटी मिट्टी के बर्तनों से 2-3 लाख रुपये हर महीने कमा रही है। यहां शून्य से बढ़कर स्टार्टअप 9000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुके हैं। मुख्यमंत्री खुद उद्यमियों की समस्याएं सुन रहे हैं। 10 नए आईएमटी बनाने का काम भी शुरू हो चुका है।
क्षेत्रफल के मुकाबले जीडीपी में तीन गुना योगदान
आयुक्त ने कहा, हरियाणा क्षेत्रफल में देश का 1.3 प्रतिशत है लेकिन जीडीपी में इसका योगदान 3.6 प्रतिशत है। प्रदेश की जीडीपी पिछले 10 साल में 11 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। यह देश की जीडीपी ग्रोथ से ज्यादा है।
यूनिवर्सिटी में इंक्यूबेशन
सेंटर खोलने का पहला ऑफर एमडीयू को
डॉ. अग्रवाल ने एमडीयू कुलपति को यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रदेश का पहला इंक्यूबेशन सेंटर खोलने का ऑफर भी दे दिया। आगे कहा, एमएसएमई की चुनौतियाें से सरकार अनभिज्ञ नहीं है। ट्रैफिक, लॉजिस्टिक, कृषि और व्यापार की मौसमी अस्थिरता बड़ी चुनौतियां हैं। इन्हें अवसर में बदलकर एमएसएमई को मजबूत करेंगे। 23 औद्योगिक क्षेत्रों को 31 दिसंबर तक विकसित करेंगे। इसमें 2000 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।