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Sonipat News: घर-घर से कूड़ा उठान के साथ आरएफआईडी करना होगा स्कैन, 17 करोड़ होंगे खर्च
संवाद न्यूज एजेंसी, सोनीपत
Updated Mon, 22 Dec 2025 02:07 AM IST
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फोटो 11: सोनीपत के गोहाना में नगर परिषद की ओर से लगाया गया सेल्फी प्वाइंट।
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सोनीपत। गोहाना शहर में पांच साल तक घर-घर से कूड़ा उठान को बेहतर करने के लिए 17 करोड़ रुपये का टेंडर लगाया गया है। नगर परिषद क्षेत्र में घरों से कूड़ा उठाने की पूरी ट्रेकिंग होगी। किन घरों से कूड़ा उठाया गया इसकी जानकारी निगम अधिकारी एक क्लिक से पता कर सकेंगे। इसके लिए हर प्रापर्टी पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) टैग होगा।
नगर परिषद ने पहले घर-घर से कचरा उठाने के लिए शहर के 23 वार्ड को चार जोन में बांटा था। इसके लिए अलग-अलग टेंडर लगाए जाते थे। नप एजेंसियों के साथ एक साल के लिए अनुबंध करती थी। अब शहर को दो जोन में बांटकर कचरा उठाने के लिए टेंडर लगाया है। पांच साल तक काम मिलने से एजेंसी कचरा उठाने के लिए अपने वाहन खरीदने में नहीं झिझकेंगी।
जितने घरों या दुकानों से कूड़ा उठाया जाएगा, उसके हिसाब से ही एजेंसी को भुगतान होगा। नप पहले एजेंसी को कचरे के वजन व उसके निस्तारण पर प्रति टन के हिसाब से भुगतान करती थीं। अब एजेंसी को अपने सभी वाहनों पर जीपीएस भी लगवाना होगा। इससे मुख्यालय और स्थानीय स्तर के अधिकारी एजेंसी के काम की आनलाइन निगरानी भी कर सकेंगे।
कूड़ा उठाने वाली एजेंसी पर नजर रखने और कार्य में पारदर्शिता रखने के लिए एजेंसी को अपने खर्च पर नप की प्रत्येक प्रापर्टियों पर आरएफआईडी टैग लगाने होंगे। एजेंसी ने अपने स्तर पर टैग लगाने शुरू कर दिए हैं। टैग लगाने के साथ ही जब एजेंसी की गाड़ियां कूड़ा उठाने जाएंगी तो टैग को स्कैन करना होगा। इससे कूड़ा उठाने के समय सारी जानकारी अपलोड हो जाएगी।
इससे पता लगाया जा सकेगा कि एजेंसी ने किस दिन कितने घरों से कचरा उठाया। उसी के हिसाब से एजेंसी को भुगतान होगा।
गोहाना शहर में घर-घर से कचरा उठाने के लिए टेंडर लगाया गया है। टेंडर लेने वाली एजेंसी को हर घर पर आरएफआईडी टैग लगाने होंगे। कूड़ा उठान के साथ आरएफआईडी स्कैन करना होगा। उसके बाद नगर परिषद की ओर से एजेंसी को भुगतान किया जाएगा। टेंडर का आवंटन होने के बाद नए साल से नई व्यवस्था चालू की जाएगी।
- निशा शर्मा, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद
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नगर परिषद ने पहले घर-घर से कचरा उठाने के लिए शहर के 23 वार्ड को चार जोन में बांटा था। इसके लिए अलग-अलग टेंडर लगाए जाते थे। नप एजेंसियों के साथ एक साल के लिए अनुबंध करती थी। अब शहर को दो जोन में बांटकर कचरा उठाने के लिए टेंडर लगाया है। पांच साल तक काम मिलने से एजेंसी कचरा उठाने के लिए अपने वाहन खरीदने में नहीं झिझकेंगी।
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जितने घरों या दुकानों से कूड़ा उठाया जाएगा, उसके हिसाब से ही एजेंसी को भुगतान होगा। नप पहले एजेंसी को कचरे के वजन व उसके निस्तारण पर प्रति टन के हिसाब से भुगतान करती थीं। अब एजेंसी को अपने सभी वाहनों पर जीपीएस भी लगवाना होगा। इससे मुख्यालय और स्थानीय स्तर के अधिकारी एजेंसी के काम की आनलाइन निगरानी भी कर सकेंगे।
कूड़ा उठाने वाली एजेंसी पर नजर रखने और कार्य में पारदर्शिता रखने के लिए एजेंसी को अपने खर्च पर नप की प्रत्येक प्रापर्टियों पर आरएफआईडी टैग लगाने होंगे। एजेंसी ने अपने स्तर पर टैग लगाने शुरू कर दिए हैं। टैग लगाने के साथ ही जब एजेंसी की गाड़ियां कूड़ा उठाने जाएंगी तो टैग को स्कैन करना होगा। इससे कूड़ा उठाने के समय सारी जानकारी अपलोड हो जाएगी।
इससे पता लगाया जा सकेगा कि एजेंसी ने किस दिन कितने घरों से कचरा उठाया। उसी के हिसाब से एजेंसी को भुगतान होगा।
गोहाना शहर में घर-घर से कचरा उठाने के लिए टेंडर लगाया गया है। टेंडर लेने वाली एजेंसी को हर घर पर आरएफआईडी टैग लगाने होंगे। कूड़ा उठान के साथ आरएफआईडी स्कैन करना होगा। उसके बाद नगर परिषद की ओर से एजेंसी को भुगतान किया जाएगा। टेंडर का आवंटन होने के बाद नए साल से नई व्यवस्था चालू की जाएगी।
- निशा शर्मा, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद

फोटो 11: सोनीपत के गोहाना में नगर परिषद की ओर से लगाया गया सेल्फी प्वाइंट।