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एनएच 44 पर दिल्ली से पानीपत तक 70.5 किमी में 113 जगह खतरा, जान जोखिम में सफर
अंकित चौहान, सोनीपत
Published by: रोहतक ब्यूरो
Updated Sun, 21 Jul 2019 10:22 AM IST
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केएमपी-केजीपी के गोल चक्कर के पास अधूरा छोड़ा गया नेशनल हाईवे का निर्माण कार्य
- फोटो : अमर उजाला
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नेशनल हाईवे-44 को दिल्ली से पानीपत तक वाहन चालकों की सुविधा व लोगों के बेहतर सफर के लिए आठ लेन करने का काम शुरू जरूर हुआ। लेकिन अब यह नेशनल हाईवे इतना खतरनाक हो गया है कि इस पर जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है।
नेशनल हाईवे को दिल्ली के सिंघु बॉर्डर से पानीपत के सिवाह गांव तक खोदकर छोड़ दिया गया है और दिल्ली से पानीपत तक 70.5 किमी की दूरी में 113 जगह ऐसी है, जहां जान जाने का सबसे ज्यादा डर रहता है।
एनएचएआई व हाईवे निर्माण कंपनी के अधिकारियों की लापरवाही के कारण बरसात में सफर करना सबसे परेशानी भरा है, क्योंकि नेशनल हाईवे के बीच में 10 फुट तक गहरे गड्ढे हैं तो किनारों पर तालाब तक बने हुए हैं। वहीं जिन जगहों पर फ्लाईओवर बनाए जाने हैं, वहां ट्रैफिक वन-वे होने के कारण आए दिन जाम लगने से 70.5 किमी के सफर में 6 घंटे तक लग रहे हैं।
नेशनल हाईवे 44 पर वाहनों का भार लगातार बढ़ता जा रहा है, क्योंकि यहां से जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, गुजरात समेत अन्य राज्यों के रोजाना लगभग 1.5 लाख वाहन गुजरते हैं। इन वाहनों से टोल टैक्स वसूलने के लिए दिल्ली से पानीपत के बीच नेशनल हाईवे पर मुरथल में टोल प्लाजा भी लगाया हुआ है और हर महीने 20 करोड़ रुपये से ज्यादा का टोल वसूला जाता है।
वाहन चालकों से भारी भरकम टोल वसूलने के बावजूद नेशनल हाईवे पर कोई सुविधा नहीं मिल रही है, बल्कि वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ रही है और उनको जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है। क्योंकि सड़क के बीच व किनारों पर गहरे गड्ढे खुदे हुए हैं और वाहन आगे भी निकालने की कोशिश करते हैं तो वाहन गड्ढे में गिरने से दुर्घटना हो जाती है।
बरसात में हालात कुछ ज्यादा खराब हो गए हैं और सड़क की खुदाई करके छोड़ने से किनारों से मिट्टी भी कटकर गड्ढों में जाने लगी है। जिससे वाहन चलाने में ज्यादा खतरा हो रहा है।
इस तरह एनएचएआई व हाईवे निर्माण कंपनी के अधिकारियों की लापरवाही के कारण वाहन चालकों को जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है। जिसपर अधिकारी ध्यान देने को तैयार नहीं हैं और हाईवे के हालात सुधरने की जगह खराब होते जा रहे हैं।
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नेशनल हाईवे को दिल्ली के सिंघु बॉर्डर से पानीपत के सिवाह गांव तक खोदकर छोड़ दिया गया है और दिल्ली से पानीपत तक 70.5 किमी की दूरी में 113 जगह ऐसी है, जहां जान जाने का सबसे ज्यादा डर रहता है।
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एनएचएआई व हाईवे निर्माण कंपनी के अधिकारियों की लापरवाही के कारण बरसात में सफर करना सबसे परेशानी भरा है, क्योंकि नेशनल हाईवे के बीच में 10 फुट तक गहरे गड्ढे हैं तो किनारों पर तालाब तक बने हुए हैं। वहीं जिन जगहों पर फ्लाईओवर बनाए जाने हैं, वहां ट्रैफिक वन-वे होने के कारण आए दिन जाम लगने से 70.5 किमी के सफर में 6 घंटे तक लग रहे हैं।
नेशनल हाईवे 44 पर वाहनों का भार लगातार बढ़ता जा रहा है, क्योंकि यहां से जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, गुजरात समेत अन्य राज्यों के रोजाना लगभग 1.5 लाख वाहन गुजरते हैं। इन वाहनों से टोल टैक्स वसूलने के लिए दिल्ली से पानीपत के बीच नेशनल हाईवे पर मुरथल में टोल प्लाजा भी लगाया हुआ है और हर महीने 20 करोड़ रुपये से ज्यादा का टोल वसूला जाता है।
वाहन चालकों से भारी भरकम टोल वसूलने के बावजूद नेशनल हाईवे पर कोई सुविधा नहीं मिल रही है, बल्कि वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ रही है और उनको जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है। क्योंकि सड़क के बीच व किनारों पर गहरे गड्ढे खुदे हुए हैं और वाहन आगे भी निकालने की कोशिश करते हैं तो वाहन गड्ढे में गिरने से दुर्घटना हो जाती है।
बरसात में हालात कुछ ज्यादा खराब हो गए हैं और सड़क की खुदाई करके छोड़ने से किनारों से मिट्टी भी कटकर गड्ढों में जाने लगी है। जिससे वाहन चलाने में ज्यादा खतरा हो रहा है।
इस तरह एनएचएआई व हाईवे निर्माण कंपनी के अधिकारियों की लापरवाही के कारण वाहन चालकों को जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है। जिसपर अधिकारी ध्यान देने को तैयार नहीं हैं और हाईवे के हालात सुधरने की जगह खराब होते जा रहे हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में किया था निर्माण कार्य का शिलान्यास
नेशनल हाईवे 44 की मुख्य सड़क को छह लेन से आठ लेन बनवाने के साथ ही दोनों ओर दो-दो लेन की सर्विस रोड बनवाने के लिए एनएचएआई ने वर्ष 2015 में पीएम नरेंद्र मोदी से शिलान्यास कराया था। एनएचएआई के अधिकारियों ने शिलान्यास कराने के बाद मेसर्स मुकरबा चौक पानीपत टोल रोड लिमिटेड कंपनी को निर्माण का जिम्मा सौंप दिया और उसके बाद इसकी सुध नहीं ली गई।
कंपनी बिल्ड आपरेशन एंड ट्रांसफर मोड (बीओटी) के आधार पर 2178.72 करोड़ रुपये खर्च करेगी। जिसमें निर्माण अवधि से लेकर 17 साल तक कंपनी टोल वसूलेगी। अभी तक छह लेन का टोल वसूला जा रहा है जो सरकार के पास जा रहा है। हाईवे निर्माण की सुध नहीं लेने के कारण ही अभी तक काम केवल 30 प्रतिशत हो सका है।
कहां-कहां है खराबी
-कुंडली में रसोई गांव के पास
-राई औद्योगिक क्षेत्र के सामने
-राई गांव के सामने
-सेक्टर 7 डिवाइडर रोड के सामने वर्धमान चौक
-नांगल खुर्द गांव के सामने
-गोहाना बाईपास के सामने
-हसनपुर गांव के सामने
-भिगान चौक
-बड़ी औद्योगिक क्षेत्र के सामने
-गढ़ी कलां के पास
-निरंकारी भवन के सामने
-पट्टी कल्याणा गांव के पास
-मनाना कालेज के पास
-करहस गांव के पास
-मछरौली गांव के पास
-जटीपुर गांव के पास
नेशनल हाईवे का निर्माण करने वाली कंपनी को कुछ फाइनेंसियल परेशानी हो गई थी, जिससे कुछ समय के लिए निर्माण कार्य बंद हो गया था। यह सही बात है कि निर्माण कार्य में काफी देरी हो गई है और यह पूरा हो जाना चाहिए था। लेकिन अब पिछली कमियों को दूर करके जल्द से जल्द निर्माण कराया जा रहा है, जिससे अगले साल तक व्यवस्था बेहतर की जा सके।
-आनंद कुमार, टेक्निकल मैनेजर एनएचएआई
नेशनल हाईवे का निर्माण कार्य शुरू किया था तो इसमें काफी समस्याएं आ रही थीं। फंडिंग की परेशानी भी शुरू में आई तो उसके बाद पेड़ काटने व बिजली के खंभे हटाने को लेकर भी कुछ समस्याएं रहीं। इन सभी कारणों से निर्माण कार्य में देरी हुई है और यह समय पर पूरा नहीं हो सका। अब सभी समस्याएं दूर हो गई हैं और कंपनी सबसे पहले दिल्ली के सिंघु बॉर्डर से पानीपत तक के हिस्से को पूरा करेगी। इसके लिए काम में तेजी लाई जाएगी।
-प्रदीप गोयल, सीईओ मेसर्स मुकरबा चौक पानीपत टोल रोड लिमिटेड कंपनी
कंपनी बिल्ड आपरेशन एंड ट्रांसफर मोड (बीओटी) के आधार पर 2178.72 करोड़ रुपये खर्च करेगी। जिसमें निर्माण अवधि से लेकर 17 साल तक कंपनी टोल वसूलेगी। अभी तक छह लेन का टोल वसूला जा रहा है जो सरकार के पास जा रहा है। हाईवे निर्माण की सुध नहीं लेने के कारण ही अभी तक काम केवल 30 प्रतिशत हो सका है।
कहां-कहां है खराबी
-कुंडली में रसोई गांव के पास
-राई औद्योगिक क्षेत्र के सामने
-राई गांव के सामने
-सेक्टर 7 डिवाइडर रोड के सामने वर्धमान चौक
-नांगल खुर्द गांव के सामने
-गोहाना बाईपास के सामने
-हसनपुर गांव के सामने
-भिगान चौक
-बड़ी औद्योगिक क्षेत्र के सामने
-गढ़ी कलां के पास
-निरंकारी भवन के सामने
-पट्टी कल्याणा गांव के पास
-मनाना कालेज के पास
-करहस गांव के पास
-मछरौली गांव के पास
-जटीपुर गांव के पास
नेशनल हाईवे का निर्माण करने वाली कंपनी को कुछ फाइनेंसियल परेशानी हो गई थी, जिससे कुछ समय के लिए निर्माण कार्य बंद हो गया था। यह सही बात है कि निर्माण कार्य में काफी देरी हो गई है और यह पूरा हो जाना चाहिए था। लेकिन अब पिछली कमियों को दूर करके जल्द से जल्द निर्माण कराया जा रहा है, जिससे अगले साल तक व्यवस्था बेहतर की जा सके।
-आनंद कुमार, टेक्निकल मैनेजर एनएचएआई
नेशनल हाईवे का निर्माण कार्य शुरू किया था तो इसमें काफी समस्याएं आ रही थीं। फंडिंग की परेशानी भी शुरू में आई तो उसके बाद पेड़ काटने व बिजली के खंभे हटाने को लेकर भी कुछ समस्याएं रहीं। इन सभी कारणों से निर्माण कार्य में देरी हुई है और यह समय पर पूरा नहीं हो सका। अब सभी समस्याएं दूर हो गई हैं और कंपनी सबसे पहले दिल्ली के सिंघु बॉर्डर से पानीपत तक के हिस्से को पूरा करेगी। इसके लिए काम में तेजी लाई जाएगी।
-प्रदीप गोयल, सीईओ मेसर्स मुकरबा चौक पानीपत टोल रोड लिमिटेड कंपनी