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Bilaspur News: मांगों टिपर यूनियन ने दो घंटे रोका नौणी–शालाघाट फोरलेन का कार्य
संवाद न्यूज एजेंसी, बिलासपुर
Updated Thu, 27 Nov 2025 11:57 PM IST
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मांगों को लेकर कोठीपुरा में प्रदर्शन करते टिप्पर यूनियन के लोग। स्रोत: वीडियोग्रैब
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स्थानीय रोजगार की अनदेखी पर भड़के चालक–मालिक, किया प्रदर्शन
कंपनी के अधिकारियों के आश्वासन के बाद खत्म हुआ प्रदर्शन
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। निर्माणाधीन शिमला–मटौर फोरलेन के तहत चल रहे नौणी–शालाघाट फेज के कार्य को वीरवार को टिपर यूनियन बिलासपुर ने दो घंटे तक रोक दिया। यूनियन से जुड़े टिपर चालक व मालिक स्थानीय लोगों को रोजगार न मिलने से नाराज थे। उनका आरोप है कि फोरलेन निर्माण में बाहर से टिपर और मशीनरी लाई जा रही है, जबकि वर्षों से यहां कार्यरत स्थानीय लोगों को दरकिनार कर दिया गया है।
कार्य रोकने के बाद यूनियन के पदाधिकारी और सदस्य कोठीपुरा में एकत्र हुए और करीब दो घंटे तक प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने कंपनी प्रबंधन और ठेकेदारों पर भेदभावपूर्ण रवैये का आरोप लगाया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे यूनियन चेयरमैन व राजपुरा पंचायत के उप प्रधान सतदेव शर्मा ने कहा कि स्थानीय लोगों के हक पर चोट किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि यूनियन की ओर से पहले भी कई बार कंपनी प्रबंधन को स्थानीय टिपरों को प्राथमिकता देने की मांग रखी गई, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। सतदेव शर्मा ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब स्थानीय टिपर को नजरअंदाज किया गया हो। इससे पहले भी काम न मिलने के कारण कई टिपर फाइनेंसर उठा ले गए क्योंकि मालिक किस्तें चुकाने की हालत में ही नहीं थे। हमने उपायुक्त के माध्यम से भी कंपनी अधिकारियों को अवगत करवाया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। मजबूरन हमें कार्य रोकना पड़ा। यूनियन प्रधान चंदन चंदेल ने कहा कि हर बार आश्वासन दिए जाते हैं कि स्थानीय टिपरों को काम दिया जाएगा, परंतु जमीन पर कोई बदलाव नहीं दिखता। उन्होंने कहा कि शिमला–मटौर जैसे बड़े फोरलेन प्रोजेक्ट में स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ना सरकार और कंपनी दोनों की जिम्मेदारी है, लेकिन हालात इसके विपरीत हैं। उन्होंने कहा रोजगार हमारा हक है। जब सड़कें, भूमि, संसाधन सब हमारे क्षेत्र के उपयोग में आ रहे हैं, तो रोजगार भी स्थानीय लोगों को मिलना चाहिए। बाहर से टिपर बुलाए जा रहे हैं और यहां के लोग सड़क पर उतरने को मजबूर हैं। सतदेव शर्मा ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान मौके पर अधिकारियों ने यूनियन से वार्ता की। अधिकारियों ने कहा कि वे इस संबंध में उच्च अधिकारियों से बात करेंगे। उन्होंने यूनियन से 7 दिसंबर तक का समय मांगा और आश्वासन दिया कि तब तक मामला हल करने की दिशा में पहल की जाएगी। यूनियन ने साफ कहा कि यदि तय समय सीमा तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो फोरलेन निर्माण कार्य फिर से रोका जाएगा। इस मौके पर यूनियन के महासचिव महेंद्र और उप प्रधान सूर्या चंदेल सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।
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कंपनी के अधिकारियों के आश्वासन के बाद खत्म हुआ प्रदर्शन
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। निर्माणाधीन शिमला–मटौर फोरलेन के तहत चल रहे नौणी–शालाघाट फेज के कार्य को वीरवार को टिपर यूनियन बिलासपुर ने दो घंटे तक रोक दिया। यूनियन से जुड़े टिपर चालक व मालिक स्थानीय लोगों को रोजगार न मिलने से नाराज थे। उनका आरोप है कि फोरलेन निर्माण में बाहर से टिपर और मशीनरी लाई जा रही है, जबकि वर्षों से यहां कार्यरत स्थानीय लोगों को दरकिनार कर दिया गया है।
कार्य रोकने के बाद यूनियन के पदाधिकारी और सदस्य कोठीपुरा में एकत्र हुए और करीब दो घंटे तक प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने कंपनी प्रबंधन और ठेकेदारों पर भेदभावपूर्ण रवैये का आरोप लगाया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे यूनियन चेयरमैन व राजपुरा पंचायत के उप प्रधान सतदेव शर्मा ने कहा कि स्थानीय लोगों के हक पर चोट किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि यूनियन की ओर से पहले भी कई बार कंपनी प्रबंधन को स्थानीय टिपरों को प्राथमिकता देने की मांग रखी गई, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। सतदेव शर्मा ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब स्थानीय टिपर को नजरअंदाज किया गया हो। इससे पहले भी काम न मिलने के कारण कई टिपर फाइनेंसर उठा ले गए क्योंकि मालिक किस्तें चुकाने की हालत में ही नहीं थे। हमने उपायुक्त के माध्यम से भी कंपनी अधिकारियों को अवगत करवाया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। मजबूरन हमें कार्य रोकना पड़ा। यूनियन प्रधान चंदन चंदेल ने कहा कि हर बार आश्वासन दिए जाते हैं कि स्थानीय टिपरों को काम दिया जाएगा, परंतु जमीन पर कोई बदलाव नहीं दिखता। उन्होंने कहा कि शिमला–मटौर जैसे बड़े फोरलेन प्रोजेक्ट में स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ना सरकार और कंपनी दोनों की जिम्मेदारी है, लेकिन हालात इसके विपरीत हैं। उन्होंने कहा रोजगार हमारा हक है। जब सड़कें, भूमि, संसाधन सब हमारे क्षेत्र के उपयोग में आ रहे हैं, तो रोजगार भी स्थानीय लोगों को मिलना चाहिए। बाहर से टिपर बुलाए जा रहे हैं और यहां के लोग सड़क पर उतरने को मजबूर हैं। सतदेव शर्मा ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान मौके पर अधिकारियों ने यूनियन से वार्ता की। अधिकारियों ने कहा कि वे इस संबंध में उच्च अधिकारियों से बात करेंगे। उन्होंने यूनियन से 7 दिसंबर तक का समय मांगा और आश्वासन दिया कि तब तक मामला हल करने की दिशा में पहल की जाएगी। यूनियन ने साफ कहा कि यदि तय समय सीमा तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो फोरलेन निर्माण कार्य फिर से रोका जाएगा। इस मौके पर यूनियन के महासचिव महेंद्र और उप प्रधान सूर्या चंदेल सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।
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