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Bilaspur News: फोरलेन पर घनी धुंध ने बढ़ाई वाहन चालकों की परेशानी
संवाद न्यूज एजेंसी, बिलासपुर
Updated Sun, 21 Dec 2025 11:20 PM IST
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फोरलेन पर छाई धुंध। संवाद
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ग्राउंड रिपोर्ट
सुबह के समय झील के किनारे पड़ रही घनी धुंध
वाहनों की रफ्तार हुई धीमी, विजिबिलिटी बेहद कम
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। कीरतपुर–नेरचौक फोरलेन पर गोबिंद सागर झील किनारे सुबह के समय घनी धुंध होने से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गोबिंद सागर से होकर गुजरने वाला फोरलेन इन दिनों वाहन चालकों के लिए जोखिम भरा साबित हो रहा है। सर्द मौसम के साथ झील से उठने वाली नमी के कारण इस मार्ग पर सुबह के समय अत्यधिक घनी धुंध छा रही है। दृश्यता इतनी कम है कि कुछ ही मीटर की दूरी पर आगे चल रहा वाहन भी साफ नजर नहीं आ रहा है।
स्थानीय लोगों और नियमित रूप से इस मार्ग से गुजरने वाले वाहन चालकों का कहना है कि सुबह के समय फोरलेन पर वाहन चलाना किसी चुनौती से कम नहीं है। खासकर तड़के और सूर्योदय के समय धुंध का असर सबसे अधिक देखने को मिल रहा है। सुबह के समय कुछ देर 20 मीटर तक ही विजिबिलिटी होती है। तेज रफ्तार से गुजरने वाले भारी वाहनों, बसों और कारों को अचानक सामने आए वाहन या मोड़ का अंदाजा नहीं लग पाता, जिससे हादसों का खतरा लगातार बना रहता है। फोरलेन पर धुंध के साथ-साथ एक और बड़ी समस्या लावारिस पशुओं की मौजूदगी है। कई बार गाय, बैल या अन्य पशु अचानक सड़क पर आ जाते हैं, जो कम विजिबिलिटी के कारण समय रहते दिखाई नहीं देते। ऐसे में वाहन चालकों को अचानक ब्रेक लगानी पड़ती है, जिससे पीछे से आने वाले वाहनों के टकराने की आशंका भी बढ़ जाती है। पिछले कुछ दिनों में इस मार्ग पर छोटे-मोटे हादसों की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, हालांकि अभी तक कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ है। फोरलेन निर्माण के बाद इस मार्ग पर यातायात का दबाव काफी बढ़ गया है। सुबह और शाम के समय सैकड़ों वाहन इस रास्ते से गुजरते हैं। धुंध और लावारिस पशुओं की समस्या यदि समय रहते नियंत्रित नहीं की गई तो कोई बड़ा हादसा हो सकता है। हालांकि इस मार्ग पर चेतावनी संकेतक, रिफ्लेक्टर और आवश्यक स्थानों पर स्पीड कंट्रोल लगाए गए हैं, लेकिन धुंध इतनी घनी होती है कि वाहन चलाना कठिन हो जाता है। प्रशासन और पुलिस की ओर से भी वाहन चालकों से सतर्कता बरतने की अपील की जा रही है।
कोट
तेज रफ्तार में अचानक सामने आई गाड़ी या अवरोध दिखना मुश्किल होता है। लो-बीम/फॉग लाइट जलाएं, हाई-बीम से रोशनी वापस आंखों पर पड़ती है और विजिबिलिटी और घट जाती है। हैजर्ड लाइट का गलत इस्तेमाल न करें, चलते समय इन्हें जलाने से पीछे वाले वाहन भ्रमित हो सकते हैं। आगे चल रही गाड़ी से दूरी रखें, सामान्य से दोगुनी दूरी बनाकर चलें। ओवरटेक करने से बचें। अपनी लेन में ही चलें और बार-बार लेन न बदलें। कट, यू-टर्न और ढाबों के पास अतिरिक्त सतर्क रहें, यहां अचानक वाहन या पैदल व्यक्ति आ सकते हैं। सड़क किनारे खड़े ट्रक/वाहनों से सावधान रहें, रिफ्लेक्टर कई बार नजर नहीं आते। सफर से पहले शीशे साफ रखें। थकान या नींद महसूस हो तो ड्राइव न करें। - संदीप धवल, पुलिस अधीक्षक, बिलासपुर
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सुबह के समय झील के किनारे पड़ रही घनी धुंध
वाहनों की रफ्तार हुई धीमी, विजिबिलिटी बेहद कम
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। कीरतपुर–नेरचौक फोरलेन पर गोबिंद सागर झील किनारे सुबह के समय घनी धुंध होने से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गोबिंद सागर से होकर गुजरने वाला फोरलेन इन दिनों वाहन चालकों के लिए जोखिम भरा साबित हो रहा है। सर्द मौसम के साथ झील से उठने वाली नमी के कारण इस मार्ग पर सुबह के समय अत्यधिक घनी धुंध छा रही है। दृश्यता इतनी कम है कि कुछ ही मीटर की दूरी पर आगे चल रहा वाहन भी साफ नजर नहीं आ रहा है।
स्थानीय लोगों और नियमित रूप से इस मार्ग से गुजरने वाले वाहन चालकों का कहना है कि सुबह के समय फोरलेन पर वाहन चलाना किसी चुनौती से कम नहीं है। खासकर तड़के और सूर्योदय के समय धुंध का असर सबसे अधिक देखने को मिल रहा है। सुबह के समय कुछ देर 20 मीटर तक ही विजिबिलिटी होती है। तेज रफ्तार से गुजरने वाले भारी वाहनों, बसों और कारों को अचानक सामने आए वाहन या मोड़ का अंदाजा नहीं लग पाता, जिससे हादसों का खतरा लगातार बना रहता है। फोरलेन पर धुंध के साथ-साथ एक और बड़ी समस्या लावारिस पशुओं की मौजूदगी है। कई बार गाय, बैल या अन्य पशु अचानक सड़क पर आ जाते हैं, जो कम विजिबिलिटी के कारण समय रहते दिखाई नहीं देते। ऐसे में वाहन चालकों को अचानक ब्रेक लगानी पड़ती है, जिससे पीछे से आने वाले वाहनों के टकराने की आशंका भी बढ़ जाती है। पिछले कुछ दिनों में इस मार्ग पर छोटे-मोटे हादसों की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, हालांकि अभी तक कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ है। फोरलेन निर्माण के बाद इस मार्ग पर यातायात का दबाव काफी बढ़ गया है। सुबह और शाम के समय सैकड़ों वाहन इस रास्ते से गुजरते हैं। धुंध और लावारिस पशुओं की समस्या यदि समय रहते नियंत्रित नहीं की गई तो कोई बड़ा हादसा हो सकता है। हालांकि इस मार्ग पर चेतावनी संकेतक, रिफ्लेक्टर और आवश्यक स्थानों पर स्पीड कंट्रोल लगाए गए हैं, लेकिन धुंध इतनी घनी होती है कि वाहन चलाना कठिन हो जाता है। प्रशासन और पुलिस की ओर से भी वाहन चालकों से सतर्कता बरतने की अपील की जा रही है।
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कोट
तेज रफ्तार में अचानक सामने आई गाड़ी या अवरोध दिखना मुश्किल होता है। लो-बीम/फॉग लाइट जलाएं, हाई-बीम से रोशनी वापस आंखों पर पड़ती है और विजिबिलिटी और घट जाती है। हैजर्ड लाइट का गलत इस्तेमाल न करें, चलते समय इन्हें जलाने से पीछे वाले वाहन भ्रमित हो सकते हैं। आगे चल रही गाड़ी से दूरी रखें, सामान्य से दोगुनी दूरी बनाकर चलें। ओवरटेक करने से बचें। अपनी लेन में ही चलें और बार-बार लेन न बदलें। कट, यू-टर्न और ढाबों के पास अतिरिक्त सतर्क रहें, यहां अचानक वाहन या पैदल व्यक्ति आ सकते हैं। सड़क किनारे खड़े ट्रक/वाहनों से सावधान रहें, रिफ्लेक्टर कई बार नजर नहीं आते। सफर से पहले शीशे साफ रखें। थकान या नींद महसूस हो तो ड्राइव न करें। - संदीप धवल, पुलिस अधीक्षक, बिलासपुर

फोरलेन पर छाई धुंध। संवाद