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Bilaspur News: शालिग्राम नरसिंह मंदिर में शनिदेव का छठा भंडारा
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घुमारवीं के शालिग्राम नरसिंह मंदिर में आयोजित भंडारे में सेवाएं देते युवक। स्रोत: आयोजक
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घुमारवीं में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया प्रसाद
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। घुमारवीं पुराना बस स्टैंड स्थित प्राचीन शालीग्राम नरसिंह मंदिर परिसर में आमजन के सहयोग से छठा भंडारा श्रद्धा और भक्ति के साथ आयोजित किया गया। जनसहयोग से हुए इस आयोजन में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने शनिदेव महाराज की पूजा-अर्चना कर भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया।
यह मंदिर लंबे समय से लोगों की गहरी आस्था का केंद्र रहा है। मंदिर में शालिग्राम नरसिंह की प्राचीन प्रतिमा के साथ शनिदेव महाराज की मूर्ति विराजमान है। मान्यता है कि शनिदेव की आराधना से जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति और मानसिक शांति प्राप्त होती है। आयोजकों ने बताया कि यह भंडारा प्रत्येक छह माह में आयोजित किया जाता है और वर्ष में दो बार श्रद्धालुओं की सहभागिता से संपन्न होता है। आयोजन पूरी तरह पुराने बस स्टैंड क्षेत्र के निवासियों के दान और सहयोग पर आधारित है। इस बार स्थानीय व्यापारियों, गृहस्थों और युवाओं के सहयोग से भंडारे को भव्य रूप दिया। भंडारे में श्रद्धालुओं को प्रसाद स्वरूप पारंपरिक बिलासपुरी धाम परोसी गई। पूजा-अर्चना, मंत्रोच्चार और भजन-कीर्तन से मंदिर परिसर भक्तिमय वातावरण से गूंज उठा। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु आयोजन में शामिल हुए।
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संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। घुमारवीं पुराना बस स्टैंड स्थित प्राचीन शालीग्राम नरसिंह मंदिर परिसर में आमजन के सहयोग से छठा भंडारा श्रद्धा और भक्ति के साथ आयोजित किया गया। जनसहयोग से हुए इस आयोजन में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने शनिदेव महाराज की पूजा-अर्चना कर भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया।
यह मंदिर लंबे समय से लोगों की गहरी आस्था का केंद्र रहा है। मंदिर में शालिग्राम नरसिंह की प्राचीन प्रतिमा के साथ शनिदेव महाराज की मूर्ति विराजमान है। मान्यता है कि शनिदेव की आराधना से जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति और मानसिक शांति प्राप्त होती है। आयोजकों ने बताया कि यह भंडारा प्रत्येक छह माह में आयोजित किया जाता है और वर्ष में दो बार श्रद्धालुओं की सहभागिता से संपन्न होता है। आयोजन पूरी तरह पुराने बस स्टैंड क्षेत्र के निवासियों के दान और सहयोग पर आधारित है। इस बार स्थानीय व्यापारियों, गृहस्थों और युवाओं के सहयोग से भंडारे को भव्य रूप दिया। भंडारे में श्रद्धालुओं को प्रसाद स्वरूप पारंपरिक बिलासपुरी धाम परोसी गई। पूजा-अर्चना, मंत्रोच्चार और भजन-कीर्तन से मंदिर परिसर भक्तिमय वातावरण से गूंज उठा। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु आयोजन में शामिल हुए।
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