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Kangra News: बरगद के पेड़ को नुकसान पहुंचाने पर पंचायत प्रधान-सचिव को नोटिस
संवाद न्यूज एजेंसी, कांगड़ा
Updated Fri, 21 Nov 2025 07:29 AM IST
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पूर्व प्रधान ने दायर करवाई है याचिका, एनजीटी ने भेजा नोटिस
संवाद न्यूज एजेंसी
रैहन (कांगड़ा)। विधानसभा क्षेत्र जवाली के सिद्धपुर घाड़ स्कूल के सामने स्थित वर्षों पुराने बरगद के पेड़ को पंचायत की ओर से कुछ माह पूर्व किए गए निर्माण कार्य के दौरान नुकसान पहुंचाने के आरोप लगे थे। इस मामले को लेकर पूर्व प्रधान परमजीत मनकोटिया ने एनजीटी में याचिका दायर की है।
इस याचिका पर बरगद के पेड़ को नुकसान पहुंचाने पर एनजीटी ने पंचायत प्रधान और सचिव को नोटिस जारी किया है। जानकारी के अनुसार सिद्धपुर घाड़ में स्कूल गेट के पास पंचायत की ओर से टियाले का निर्माण कार्य चल रहा था। आरोप है कि इस दौरान वहां मौजूद पुराने बरगद के पेड़ के आसपास जेसीबी मशीन से खोदाई कर जड़ों के साथ छेड़छाड़ की गई और खोदाई के दौरान उन्हें नुकसान पहुंचाया गया।
इस मामले पर पूर्व प्रधान परमजीत मनकोटिया ने एनजीटी में याचिका दायर कर पंचायत प्रतिनिधियों, निर्माण कमेटी के सदस्यों और वन विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रतिवादी बनाया है। याचिका में दलील दी गई है कि निर्माण कार्य के दौरान पर्यावरणीय मानकों की अनदेखी की गई और जेसीबी से खुदाई की गई। इससे इस ऐतिहासिक धरोहर का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है।
परमजीत मनकोटिया के अनुसार मामले की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। ट्रिब्यूनल ने संबंधित अधिकारियों, पंचायत प्रधान और सचिव को सख्त नोटिस जारी कर अगली सुनवाई पर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। एनजीटी ने स्पष्ट किया है कि ऐसे वृक्ष केवल वनस्पति नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और पर्यावरणीय महत्व के प्रतीक हैं, जिनका संरक्षण अनिवार्य है।
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रैहन (कांगड़ा)। विधानसभा क्षेत्र जवाली के सिद्धपुर घाड़ स्कूल के सामने स्थित वर्षों पुराने बरगद के पेड़ को पंचायत की ओर से कुछ माह पूर्व किए गए निर्माण कार्य के दौरान नुकसान पहुंचाने के आरोप लगे थे। इस मामले को लेकर पूर्व प्रधान परमजीत मनकोटिया ने एनजीटी में याचिका दायर की है।
इस याचिका पर बरगद के पेड़ को नुकसान पहुंचाने पर एनजीटी ने पंचायत प्रधान और सचिव को नोटिस जारी किया है। जानकारी के अनुसार सिद्धपुर घाड़ में स्कूल गेट के पास पंचायत की ओर से टियाले का निर्माण कार्य चल रहा था। आरोप है कि इस दौरान वहां मौजूद पुराने बरगद के पेड़ के आसपास जेसीबी मशीन से खोदाई कर जड़ों के साथ छेड़छाड़ की गई और खोदाई के दौरान उन्हें नुकसान पहुंचाया गया।
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इस मामले पर पूर्व प्रधान परमजीत मनकोटिया ने एनजीटी में याचिका दायर कर पंचायत प्रतिनिधियों, निर्माण कमेटी के सदस्यों और वन विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रतिवादी बनाया है। याचिका में दलील दी गई है कि निर्माण कार्य के दौरान पर्यावरणीय मानकों की अनदेखी की गई और जेसीबी से खुदाई की गई। इससे इस ऐतिहासिक धरोहर का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है।
परमजीत मनकोटिया के अनुसार मामले की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। ट्रिब्यूनल ने संबंधित अधिकारियों, पंचायत प्रधान और सचिव को सख्त नोटिस जारी कर अगली सुनवाई पर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। एनजीटी ने स्पष्ट किया है कि ऐसे वृक्ष केवल वनस्पति नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और पर्यावरणीय महत्व के प्रतीक हैं, जिनका संरक्षण अनिवार्य है।