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Kullu News: पहले आग ने उजाड़े घर, अब कड़ाके की ठंड ले रही परीक्षा
संवाद न्यूज एजेंसी, कुल्लू
Updated Sun, 23 Nov 2025 10:22 PM IST
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बंजार के झनियार में आग लगने से जले मकान के बाद टेटों में रहने को मजबूर प्रभावित।-संवाद
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रात को माइनस तापमान के बीच तंबुओं में कट रहीं झनियार गांव के प्रभावितों की रातें
आग की भेंट चढ़ गए थे 16 घर, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए आसान नहीं संघर्ष
प्रभावित बोले- बर्फ गिरेगी तो बढ़ेंगी चुनौतियां, अभी सरकार से नहीं मिली राहत
कहा- अग्निकांड के बाद कुछ दिन रिश्तेदारों के घर काटे, अब गाड़ दिए हैं तंबू
गौरीशंकर
कुल्लू। झनियार गांव के 16 परिवारों के घर 10 नवंबर को आग की भेंट चढ़ गए। अब रात के समय माइनस तापमान के बीच प्रभावित परिवारों के सिर पर सिर्फ तिरपाल ही बचा है।
जैसे-जैसे सर्दियां बढ़ रही हैं, तंबुओं में रातें काटना हर पल एक परीक्षा बन गया है। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह संघर्ष आसान नहीं है। राहत के इंतजार में परिवार अभी भी सरकार से विशेष पैकेज की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं।
अग्निकांड से उजड़े परिवारों के पास सर्दियां तंबुओं में काटने के सिवाय और कोई विकल्प नहीं है। सर्दियां शुरू हो गई हैं, इससे घर बनाने का काम भी शुरू नहीं कर सकेंगे। ऐसे में अगले साल मार्च तक उन्हें तंबुओं का ही सहारा लेना होगा।
प्रभावितों को अभी सरकार से मुआवजा तक नहीं मिला है। रेडक्रॉस सोसायटी, संस्थाओं और दानी सज्जन भले ही मदद के लिए आगे आए हैं लेकिन इससे घर बनाना असंभव है। प्रभावित अभी सरकार से विशेष राहत पैकेज की घोषणा के इंतजार में हैं। आलम यह है कि प्रभावित 16 परिवारों ने तंबू गाड़ दिए हैं। इनकी मानें तो उनके पास तंबुओं में सर्दियां काटने के सिवाय दूसरा कोई विकल्प नहीं है। हर परिवार ने एक छोटा और एक बड़ा तंबू तैयार कर लिया है।
प्रभावित दीनानाथ, विजय सिंह, पदम सिंह, अमृता, डोले राम और कृष्णा देवी के अनुसार जैसे जैसे सर्दियां बढ़ रही हैं, वैसे-वैसे तंबुओं में रहना मुश्किल हो रहा है। जब बर्फ गिरेगी तो चुनौतियां और बढ़ेंगी।
प्रभावित हरीश कुमार ने बताया कि अभी तक रेडक्रॉस सोसायटी, निजी संस्थाओं और दानी सज्जनों से सहायता मिली है। सरकार से मुआवजा मिलना बाकी है। प्रभावितों के लिए सरकार को विशेष पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।
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10 नवंबर को भड़की आग से बेघर हो गए थे 80 से अधिक सदस्य
बंजार उपमंडल के झनियार गांव में आग की घटना 10 नवंबर को आग की घटना हुई थी। इसमें 16 घर जल गए थे। घटना में इन परिवारों के 80 से अधिक सदस्य बेघर हो गए थे। प्रभावितों ने कुछ दिन पड़ोसियों और रिश्तेदारों के घरों में गुजारे। अब तंबू लगाकर रहने लगे हैं। सर्दियों के दिनों में बर्फबारी के दौरान महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को तंबुओं में रहना चुनौती से कम नहीं होगा।
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झनियार गांव के प्रभावित परिवारों के लिए राहत मेन्यू के हिसाब से प्रशासन की ओर से केस स्वीकृत कर दिए गए हैं। इसकी राशि प्रभावितों के खाते में पड़ेगी। रही बात विशेष पैकेज की तो इसकी अधिसूचना सरकार के स्तर पर होती है। - पंकज शर्मा, उपमंडल अधिकारी, बंजार
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प्रभावित बोले- बर्फ गिरेगी तो बढ़ेंगी चुनौतियां, अभी सरकार से नहीं मिली राहत
कहा- अग्निकांड के बाद कुछ दिन रिश्तेदारों के घर काटे, अब गाड़ दिए हैं तंबू
गौरीशंकर
कुल्लू। झनियार गांव के 16 परिवारों के घर 10 नवंबर को आग की भेंट चढ़ गए। अब रात के समय माइनस तापमान के बीच प्रभावित परिवारों के सिर पर सिर्फ तिरपाल ही बचा है।
जैसे-जैसे सर्दियां बढ़ रही हैं, तंबुओं में रातें काटना हर पल एक परीक्षा बन गया है। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह संघर्ष आसान नहीं है। राहत के इंतजार में परिवार अभी भी सरकार से विशेष पैकेज की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं।
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अग्निकांड से उजड़े परिवारों के पास सर्दियां तंबुओं में काटने के सिवाय और कोई विकल्प नहीं है। सर्दियां शुरू हो गई हैं, इससे घर बनाने का काम भी शुरू नहीं कर सकेंगे। ऐसे में अगले साल मार्च तक उन्हें तंबुओं का ही सहारा लेना होगा।
प्रभावितों को अभी सरकार से मुआवजा तक नहीं मिला है। रेडक्रॉस सोसायटी, संस्थाओं और दानी सज्जन भले ही मदद के लिए आगे आए हैं लेकिन इससे घर बनाना असंभव है। प्रभावित अभी सरकार से विशेष राहत पैकेज की घोषणा के इंतजार में हैं। आलम यह है कि प्रभावित 16 परिवारों ने तंबू गाड़ दिए हैं। इनकी मानें तो उनके पास तंबुओं में सर्दियां काटने के सिवाय दूसरा कोई विकल्प नहीं है। हर परिवार ने एक छोटा और एक बड़ा तंबू तैयार कर लिया है।
प्रभावित दीनानाथ, विजय सिंह, पदम सिंह, अमृता, डोले राम और कृष्णा देवी के अनुसार जैसे जैसे सर्दियां बढ़ रही हैं, वैसे-वैसे तंबुओं में रहना मुश्किल हो रहा है। जब बर्फ गिरेगी तो चुनौतियां और बढ़ेंगी।
प्रभावित हरीश कुमार ने बताया कि अभी तक रेडक्रॉस सोसायटी, निजी संस्थाओं और दानी सज्जनों से सहायता मिली है। सरकार से मुआवजा मिलना बाकी है। प्रभावितों के लिए सरकार को विशेष पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।
10 नवंबर को भड़की आग से बेघर हो गए थे 80 से अधिक सदस्य
बंजार उपमंडल के झनियार गांव में आग की घटना 10 नवंबर को आग की घटना हुई थी। इसमें 16 घर जल गए थे। घटना में इन परिवारों के 80 से अधिक सदस्य बेघर हो गए थे। प्रभावितों ने कुछ दिन पड़ोसियों और रिश्तेदारों के घरों में गुजारे। अब तंबू लगाकर रहने लगे हैं। सर्दियों के दिनों में बर्फबारी के दौरान महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को तंबुओं में रहना चुनौती से कम नहीं होगा।
झनियार गांव के प्रभावित परिवारों के लिए राहत मेन्यू के हिसाब से प्रशासन की ओर से केस स्वीकृत कर दिए गए हैं। इसकी राशि प्रभावितों के खाते में पड़ेगी। रही बात विशेष पैकेज की तो इसकी अधिसूचना सरकार के स्तर पर होती है। - पंकज शर्मा, उपमंडल अधिकारी, बंजार