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Mandi News: कांगनीधार में बनेगा न्यायिक न्यायालय परिसर
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मंडी में वन स्वीकृति सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते उपायुक्त अपूर्व देवगन, मौजूद अधिका
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मंडी। न्यायिक न्यायालय परिसर मंडी के निर्माण की बड़ी बाधा दूर हो गई है। इसके लिए भारत सरकार की ओर से वन स्वीकृति के दूसरे चरण को अंतिम मंजूरी प्रदान कर दी गई है। शहर के साथ सटे डीपीएफ कांगनीधार में 9.6 हेक्टेयर वन भूमि में न्यायिक न्यायालय परिसर मंडी का निर्माण होगा। इसके अलावा लोक निर्माण विभाग मंडी डिवीजन-एक के तहत तांदी-सिरिम बटाहण सड़क के लिए भी भारत सरकार की ओर से अंतिम मंजूरी मिल गई है। 1.62 हेक्टेयर क्षेत्र वन भूमि लोक निर्माण विभाग के नाम हस्तांतरित हो गई है। अंतिम मंजूरी मिलने से अब न्यायिक न्यायालय परिसर और सड़क का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
वन संरक्षण अधिनियम 1980 के अंतर्गत वन भूमि उपयोग परिवर्तन मामलों की समीक्षा के लिए वन स्वीकृति सलाहकार समिति की बैठक उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में जिले के 139 मामलों की विस्तृत समीक्षा की गई। उपायुक्त ने बताया कि समिति की नियमित बैठकों के कारण वन स्वीकृति प्रक्रियाएं अधिक सुव्यवस्थित और तेज हुई हैं।
विभिन्न विभागों की परियोजनाओं को समयबद्ध स्वीकृतियां प्राप्त हो रही हैं। विभागों को निर्देश दिया कि लंबित मामलों से संबंधित सभी औपचारिकताएं निर्धारित समय सीमा में पूरी की जाएं। थाना-पलौन बिजली परियोजना से संबंधित लंबित औपचारिकताओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने पर जोर दिया।
बैठक में न्यायिक परिसरों के 9 मामलों, परिवेश पोर्टल 1.0 के 33 मामलों, परिवेश पोर्टल 2.0 के 74 मामलों और सैद्धांतिक मंजूरी के 23 मामलों की अवस्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई। न्यायिक न्यायालय परिसर मंडी तथा लोक निर्माण विभाग मंडी डिवीजन-1 के अंतर्गत तांदी-सिरिम बटाहण सड़क को भारत सरकार की ओर से वन स्वीकृति के दूसरे चरण की अंतिम मंजूरी प्रदान कर दी गई है। मंजूरियां जिले में लंबित विकास कार्यों को गति देने में महत्वपूर्ण साबित होंगी।
बैठक का संचालन समिति के सदस्य सचिव एवं डीएफओ (मुख्यालय) अंबरीश शर्मा ने किया। बैठक में सीजेएम मंडी असलम बेग, डीएफओ मंडी वासु डोगर, डीएफओ नाचन एसएस कश्यप, डीएफओ करसोग केबी नेगी, एसीएफ सुकेत मनीष रांगडा, एसीएफ जोगिंद्रनगर अश्विनी कुमार सहित लोक निर्माण, जलशक्ति और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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वन संरक्षण अधिनियम 1980 के अंतर्गत वन भूमि उपयोग परिवर्तन मामलों की समीक्षा के लिए वन स्वीकृति सलाहकार समिति की बैठक उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में जिले के 139 मामलों की विस्तृत समीक्षा की गई। उपायुक्त ने बताया कि समिति की नियमित बैठकों के कारण वन स्वीकृति प्रक्रियाएं अधिक सुव्यवस्थित और तेज हुई हैं।
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विभिन्न विभागों की परियोजनाओं को समयबद्ध स्वीकृतियां प्राप्त हो रही हैं। विभागों को निर्देश दिया कि लंबित मामलों से संबंधित सभी औपचारिकताएं निर्धारित समय सीमा में पूरी की जाएं। थाना-पलौन बिजली परियोजना से संबंधित लंबित औपचारिकताओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने पर जोर दिया।
बैठक में न्यायिक परिसरों के 9 मामलों, परिवेश पोर्टल 1.0 के 33 मामलों, परिवेश पोर्टल 2.0 के 74 मामलों और सैद्धांतिक मंजूरी के 23 मामलों की अवस्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई। न्यायिक न्यायालय परिसर मंडी तथा लोक निर्माण विभाग मंडी डिवीजन-1 के अंतर्गत तांदी-सिरिम बटाहण सड़क को भारत सरकार की ओर से वन स्वीकृति के दूसरे चरण की अंतिम मंजूरी प्रदान कर दी गई है। मंजूरियां जिले में लंबित विकास कार्यों को गति देने में महत्वपूर्ण साबित होंगी।
बैठक का संचालन समिति के सदस्य सचिव एवं डीएफओ (मुख्यालय) अंबरीश शर्मा ने किया। बैठक में सीजेएम मंडी असलम बेग, डीएफओ मंडी वासु डोगर, डीएफओ नाचन एसएस कश्यप, डीएफओ करसोग केबी नेगी, एसीएफ सुकेत मनीष रांगडा, एसीएफ जोगिंद्रनगर अश्विनी कुमार सहित लोक निर्माण, जलशक्ति और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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