रोहड़ू। जुब्बल तहसील के गिल्टाड़ी गांव में मंगलवार को देवता गुडारू की नव निर्मित पालकी का प्राण प्रतिष्ठा समारोह चल रहा है। समारोह में चिड़गांव तहसील के डिस्वाणी गांव से देवता गुडारू और उत्तराखंड के ठडियार से देवता पवासी की पालकी पहुंच गई है। देवताओं के स्वागत के लिए देवता गुडारू के कारदार, पुजारी और ग्रामीण उत्साह के साथ इंतजार में थे। गिल्टाड़ी गांव में दोनों देवताओं का ऐतिहासिक मिलन हुआ। इस दौरान ढोल-नगाड़ों के साथ देवताओं के जयकारे से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। झाल्टा, गिल्टाड़ी और क्वालटा तीन गांवों के ग्रामीण समारोह में पहुंचे। डिस्वाणी गांव के देवता गुडारू और ठडियार के देवता पवासी दो दिन के पैदल यात्रा के बाद इस अनुष्ठान में पहुंचे हैं। मंगलवार को सुबह गुडारू देवता के मंदिर की छत पर ध्वजारोहण किया गया। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पांच दिसंबर से चल रहा है। गिल्टाड़ी गांव में गुडारू देवता महासू देवताओं में एक प्रमुख देवता हैं। देवता गुडारू की गिल्टाड़ी के अतिरिक्त झालटा और क्वालटा गांव के लोग भी पूजा करते हैं। देवता गुडारू के वजीर लायक राम जगटा ने बताया कि पालकी की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर महासू देवता के मूल स्थान हनोल (उत्तराखंड) से बोठा महासू, वाशिक महासू, पवासी महासू और चालदा महासू देवताओं के चिह्न स्वरूप डोरिया पहले ही गिल्टाड़ी में विराजमान हैं। मंगलवार को दोपहर बाद देवता पवासी उत्तराखंड और देवता गुडारू डिस्वाणी की पालकी देवलुओं के साथ यहां पहुंच गई है। शाम का भोजन सभी के लिए मंदिर में रहेगा। बुधवार 10 दिसंबर को यहां पर स्थानीय देवता की ओर से धाम का आयोजन किया जाएगा। 11 दिसंबर को देवताओं की विदाई का कार्यक्रम रखा गया है। -संवाद

गिल्टाड़ी गांव में पालकी की प्राण प्रतिष्ठा को पहुंचे लोग

गिल्टाड़ी गांव में पालकी की प्राण प्रतिष्ठा को पहुंचे लोग