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Solan News: हाईकोर्ट ने दभोटा में ठेके को ठहराया सही, पुलिस को सहयोग के आदेश
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ग्रामीणों ने फिर ठेके के विरुद्ध आंदोलन की दी चेतावनी
संवाद न्यूज एजेंसी
नालागढ़(सोलन)। दभोटा में शराब के ठेके के खुलने को लेकर उच्च न्यायालय ने ठेकेदार के पक्ष में फैसला सुनाया है। साथ ही न्यायालय ने इस दौरान डीएसपी नालागढ़ को ठेकेदार को सहयोग करने के निर्देश भी दिए हैं। हालांकि दभोटा के लोग शराब ठेके का लगातार विरोध कर रहे हैं।
ग्रामीणों ने एक माह से अधिक समय तक ठिकरी पहरा देकर ठेके को चालू नहीं होने दिया। इस दौरान ग्रामीणों ने ठेके के बाहर आबकारी विभाग के खिलाफ नारेबाजी भी की। ठेका बंद होने तक ग्रामीण धरने पर बैठे रहे। बाद में मामला उच्च न्यायालय में जाने के बाद कुछ समय के लिए शांत हो गया था, लेकिन अब न्यायालय ने इस प्रकरण में ठेकेदार के पक्ष में फैसला सुना दिया है।
दभोटा के प्रधान कर्णवीर सिंह, उपप्रधान जगतार सिंह, संतोष कुमार, रावल सिंह, राजकुमार, गुरप्रीत सिंह, गुरचरण सिंह और रमन ने बताया कि वे उच्च न्यायालय के आदेशों का सम्मान करते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि उनका गांव खिलाड़ियों का गांव है और यहां शराब का ठेका खोलना युवाओं तथा गांव की पहचान पर सीधा हमला है। ठेका गांव के बीच महज 200 मीटर के दायरे में खोला गया है, जो नियमों का उल्लंघन है। इससे पहले माजरा रोड पर दो शराब के ठेके हैं। ऐसे में गांव में तीसरा ठेका खोलना उचित नहीं है।
ग्रामीणों ने कहा कि वे पहले दिन से ही इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि करीब 30 साल पहले भी गांव में शराब ठेके के खिलाफ आंदोलन हुआ था। उसमें गोलीकांड तक की घटना सामने आई थी। यदि सरकार ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।
दूसरी ओर डीएसपी नालागढ़ भीष्म ठाकुर ने बताया कि उच्च न्यायालय ने ठेकेदार के पक्ष में फैसला सुनाया है। पुलिस को ठेकेदार को सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं। उच्च न्यायालय के आदेशों की पूर्ण पालना की जाएगी।
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संवाद न्यूज एजेंसी
नालागढ़(सोलन)। दभोटा में शराब के ठेके के खुलने को लेकर उच्च न्यायालय ने ठेकेदार के पक्ष में फैसला सुनाया है। साथ ही न्यायालय ने इस दौरान डीएसपी नालागढ़ को ठेकेदार को सहयोग करने के निर्देश भी दिए हैं। हालांकि दभोटा के लोग शराब ठेके का लगातार विरोध कर रहे हैं।
ग्रामीणों ने एक माह से अधिक समय तक ठिकरी पहरा देकर ठेके को चालू नहीं होने दिया। इस दौरान ग्रामीणों ने ठेके के बाहर आबकारी विभाग के खिलाफ नारेबाजी भी की। ठेका बंद होने तक ग्रामीण धरने पर बैठे रहे। बाद में मामला उच्च न्यायालय में जाने के बाद कुछ समय के लिए शांत हो गया था, लेकिन अब न्यायालय ने इस प्रकरण में ठेकेदार के पक्ष में फैसला सुना दिया है।
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दभोटा के प्रधान कर्णवीर सिंह, उपप्रधान जगतार सिंह, संतोष कुमार, रावल सिंह, राजकुमार, गुरप्रीत सिंह, गुरचरण सिंह और रमन ने बताया कि वे उच्च न्यायालय के आदेशों का सम्मान करते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि उनका गांव खिलाड़ियों का गांव है और यहां शराब का ठेका खोलना युवाओं तथा गांव की पहचान पर सीधा हमला है। ठेका गांव के बीच महज 200 मीटर के दायरे में खोला गया है, जो नियमों का उल्लंघन है। इससे पहले माजरा रोड पर दो शराब के ठेके हैं। ऐसे में गांव में तीसरा ठेका खोलना उचित नहीं है।
ग्रामीणों ने कहा कि वे पहले दिन से ही इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि करीब 30 साल पहले भी गांव में शराब ठेके के खिलाफ आंदोलन हुआ था। उसमें गोलीकांड तक की घटना सामने आई थी। यदि सरकार ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।
दूसरी ओर डीएसपी नालागढ़ भीष्म ठाकुर ने बताया कि उच्च न्यायालय ने ठेकेदार के पक्ष में फैसला सुनाया है। पुलिस को ठेकेदार को सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं। उच्च न्यायालय के आदेशों की पूर्ण पालना की जाएगी।