सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Madhya Pradesh ›   Supreme Court says Arya Samaj has no busimess giving marriage certificates news in Hindi

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, आर्य समाज का विवाह प्रमाणपत्र देने से कोई लेना-देना नहीं

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: गौरव पाण्डेय Updated Fri, 03 Jun 2022 04:02 PM IST
विज्ञापन
सार

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि आर्य समाज को विवाह प्रमाणपत्र जारी करने का कोई अधिकार नहीं है और इसका प्रमाणपत्र अस्वीकार्य है।

Supreme Court says Arya Samaj has no busimess giving marriage certificates news in Hindi
Supreme Court - फोटो : PTI (File)
loader
Trending Videos

विस्तार
Follow Us

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, शादी का प्रमाणपत्र जारी करना आर्य समाज का काम नहीं है। इसके साथ ही अदालत ने नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म के आरोपी की जमानत खारिज कर दी। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बीवी नागरत्ना की अवकाशकालीन पीठ ने आरोपी के वकील की उस दलील को भी सिरे से खारिज कर दिया कि लड़की बालिग थी। 

Trending Videos


दोनों ने आर्य समाज मंदिर में शादी की थी और उनका शादी का प्रमाणपत्र कोर्ट के समक्ष मौजूद है। पीठ ने कहा, प्रमाणपत्र देना अधिकारियों का काम है, आर्य समाज का नहीं। कैविएट पर पेश शिकायतकर्ता के वकील ऋषि मतोलिया ने कहा, अभियोजन पक्ष ने अपने बयान में धारा 164 के तहत दुष्कर्म के विशिष्ट आरोप लगाए हैं। 
विज्ञापन
विज्ञापन


इसके बाद पीठ ने आरोपी की राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली अर्जी खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने 5 मई को उसे जमानत देने से इनकार कर दिया था। आरोपी के वकील ने हाईकोर्ट में दलील दी थी कि उक्त मामले में एफआईआर डेढ़ साल बाद दर्ज कराई गई है और शिकायतकर्ता ने इस देरी के लिए कोई तर्क भी नहीं दिया। 

सादे कागज पर धोखे से दस्तखत कराए, दुष्कर्म का वीडियो बनाया
पीड़िता ने अपने बयान में कहा, आरोपी ने धोखे से उससे सादे कागज पर दस्तखत कराए थे और दुष्कर्म का वीडियो भी बनाया। 

4 अप्रैल को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई थी रोक 
सुप्रीम कोर्ट ने 4 अप्रैल को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाई थी जिसमें अदालत ने आर्य समाज को विशेष विवाह अधिनियम 1954 के प्रावधानों के तहत शादी को मान्यता देने का निर्देश दिया था। शीर्ष अदालत ने तब मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा था। आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 363, 366ए, 384, 376(2)(एन), 384 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 5(एल)/6 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed