{"_id":"694c4a148bc5af5fb60ce851","slug":"ganderbal-water-filtration-project-remains-incomplete-even-after-eight-years-srinagar-news-c-10-lko1027-794271-2025-12-25","type":"story","status":"publish","title_hn":"Srinagar News: गांदरबल में वाटर फिल्ट्रेशन प्रोजेक्ट आठ साल बाद भी अधूरा","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Srinagar News: गांदरबल में वाटर फिल्ट्रेशन प्रोजेक्ट आठ साल बाद भी अधूरा
संवाद न्यूज एजेंसी, श्रीनगर
Updated Thu, 25 Dec 2025 01:46 AM IST
विज्ञापन
विज्ञापन
वर्ष 2017 में शुरू हुआ था प्रोजेक्ट, देरी से स्थानीय लोगों की दिनचर्या हो रही प्रभावित
संवाद न्यूज एजेंसी
गांदरबल। मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में पीने के पानी की पुरानी कमी को दूर करने के लिए शुरू किए जाने के आठ साल बाद भी जिले के हरिपोरा में वाटर फिल्ट्रेशन प्लांट अधूरा पड़ा है। इससे लगभग 300 परिवार एक पुरानी सप्लाई सिस्टम पर निर्भर हैं जिस पर पहले से ही ज्यादा बोझ है।
जानकारी के अनुसार यह प्रोजेक्ट वर्ष 2017 में शुरू हुआ था। इसमें बार-बार देरी हुई है। इससे निवासियों को परेशानी हो रही है। उन्हें पीने के पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने कहा कि अधिकारियों को बार-बार शिकायत करने के बावजूद पिछले कुछ सालों में काम अनियमित रूप से किया गया।
हरिपोरा के एक निवासी मलिक जहूर ने कहा कि देरी से इलाके पर बहुत बुरा असर पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधूरी इमारत जुआ सहित सामाजिक बुराइयों का अड्डा बन गई है। कहा कि प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा किया जाए या पूरी तरह से बंद कर दिया जाए। निवासियों ने कहा कि वे अभी भी पुरानी पानी सप्लाई योजना पर निर्भर हैं जिसे कथित तौर पर बंद करने का प्रस्ताव है।
उन्होंने मांग की कि जब तक नया फिल्ट्रेशन प्लांट पूरी तरह से चालू नहीं हो जाता तब तक मौजूदा सप्लाई लाइन को बनाए रखा जाए। एक अन्य निवासी गुलाम मोहम्मद बाबा ने पीने के पानी की कमी को गंभीर बताया और कहा कि जब प्रोजेक्ट शुरू हुआ था तो लोगों को बहुत उम्मीदें थीं लेकिन वे अभी भी इसके पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं।
केंद्र प्रायोजित योजना के तहत फंड दिया जा रहा
जल शक्ति विभाग गांदरबल के कार्यकारी अभियंता फैयाज अहमद भट ने कहा कि हरिपोरा-बोंज़ल पानी सप्लाई योजना को शुरू में 5.45 करोड़ की लागत से मंजूरी दी गई थी और बाद में इसे केंद्र शासित प्रदेश कैपेक्स बजट में ट्रांसफर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि अब इस प्रोजेक्ट को इलाके में पानी की कमी को दूर करने के लिए केंद्र प्रायोजित योजना के तहत फंड दिया जा रहा है। मुख्य बाधा आपूर्ति के भंडारण के लिए पानी की मुख्य लाइन थी जो अब पूरी हो गई है।
दिसंबर के आखिर तक फिल्ट्रेशन प्लांट की टेस्टिंग की जाएगी। 1.5 लाख गैलन का सर्विस रिजर्व पहले ही पूरा हो चुका है। वितरण पाइपलाइन सहित बाकी काम पूरे हो गए हैं। उम्मीद है कि यह प्रोजेक्ट मौजूदा वित्तीय वर्ष के आखिर तक पूरी तरह से चालू हो जाएगा। अगर ठेकेदार तय समय सीमा के भीतर काम पूरा करने में विफल रहता है तो कार्रवाई की जाएगी।
-फैयाज अहमद भट, कार्यकारी अभियंता, जल शक्ति विभाग, गांदरबल
Trending Videos
संवाद न्यूज एजेंसी
गांदरबल। मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में पीने के पानी की पुरानी कमी को दूर करने के लिए शुरू किए जाने के आठ साल बाद भी जिले के हरिपोरा में वाटर फिल्ट्रेशन प्लांट अधूरा पड़ा है। इससे लगभग 300 परिवार एक पुरानी सप्लाई सिस्टम पर निर्भर हैं जिस पर पहले से ही ज्यादा बोझ है।
जानकारी के अनुसार यह प्रोजेक्ट वर्ष 2017 में शुरू हुआ था। इसमें बार-बार देरी हुई है। इससे निवासियों को परेशानी हो रही है। उन्हें पीने के पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने कहा कि अधिकारियों को बार-बार शिकायत करने के बावजूद पिछले कुछ सालों में काम अनियमित रूप से किया गया।
विज्ञापन
विज्ञापन
हरिपोरा के एक निवासी मलिक जहूर ने कहा कि देरी से इलाके पर बहुत बुरा असर पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधूरी इमारत जुआ सहित सामाजिक बुराइयों का अड्डा बन गई है। कहा कि प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा किया जाए या पूरी तरह से बंद कर दिया जाए। निवासियों ने कहा कि वे अभी भी पुरानी पानी सप्लाई योजना पर निर्भर हैं जिसे कथित तौर पर बंद करने का प्रस्ताव है।
उन्होंने मांग की कि जब तक नया फिल्ट्रेशन प्लांट पूरी तरह से चालू नहीं हो जाता तब तक मौजूदा सप्लाई लाइन को बनाए रखा जाए। एक अन्य निवासी गुलाम मोहम्मद बाबा ने पीने के पानी की कमी को गंभीर बताया और कहा कि जब प्रोजेक्ट शुरू हुआ था तो लोगों को बहुत उम्मीदें थीं लेकिन वे अभी भी इसके पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं।
केंद्र प्रायोजित योजना के तहत फंड दिया जा रहा
जल शक्ति विभाग गांदरबल के कार्यकारी अभियंता फैयाज अहमद भट ने कहा कि हरिपोरा-बोंज़ल पानी सप्लाई योजना को शुरू में 5.45 करोड़ की लागत से मंजूरी दी गई थी और बाद में इसे केंद्र शासित प्रदेश कैपेक्स बजट में ट्रांसफर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि अब इस प्रोजेक्ट को इलाके में पानी की कमी को दूर करने के लिए केंद्र प्रायोजित योजना के तहत फंड दिया जा रहा है। मुख्य बाधा आपूर्ति के भंडारण के लिए पानी की मुख्य लाइन थी जो अब पूरी हो गई है।
दिसंबर के आखिर तक फिल्ट्रेशन प्लांट की टेस्टिंग की जाएगी। 1.5 लाख गैलन का सर्विस रिजर्व पहले ही पूरा हो चुका है। वितरण पाइपलाइन सहित बाकी काम पूरे हो गए हैं। उम्मीद है कि यह प्रोजेक्ट मौजूदा वित्तीय वर्ष के आखिर तक पूरी तरह से चालू हो जाएगा। अगर ठेकेदार तय समय सीमा के भीतर काम पूरा करने में विफल रहता है तो कार्रवाई की जाएगी।
-फैयाज अहमद भट, कार्यकारी अभियंता, जल शक्ति विभाग, गांदरबल