Kashmir: घाटी में हिंसा फैलाने की कोशिश, धार्मिक शिक्षा के नाम पर युवाओं को कट्टरता की ओर भड़काने का षड्यंत्र
लाल किले विस्फोट और दिल्ली-बम धमाके के षड्यंत्र में मौलवी इरफान अहमद वागे की संलिप्तता उजागर हुई है, जो कश्मीर में हिंसा फैलाने की कोशिश बताई जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां धर्मगुरुओं की आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों की पहचान कर मुख्यधारा की राह पर लाने के लिए सतर्क हैं।
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लाल किले के पास विस्फोट के षड्यंत्र में मौलवी इरफान अहमद वागे की संलिप्तता कश्मीर को फिर से हिंसा के दौर में धकेलने की साजिश बताई जा रही है। यह 1990 के दौर की याद दिलाती है जब धर्मगुरु और मौलवी धार्मिक शिक्षा के नाम पर युवाओं को कट्टरता का पाठ पढ़ाते थे।
युवाओं को धर्म और जिहाद के नाम पर बंदूक उठाने के लिए उकसाया जाता था। अब फिर से इसी षड्यंत्र को हवा देने की कोशिश की जा रही है। कर्नल विरेंद्र कुमार साही ने कहा कि धर्मगुरुओं को देश-प्रदेश को अस्थिर करने की सोच रखने वालों को मुख्यधारा की राह पर लाने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
उन्हें आतंकवाद और अलगाववादी सोच का समर्थन करने वालों के खिलाफ बोलना होगा। हर धर्म के लोगों को सही राह पर चलने की सीख देनी चाहिए। फरीदाबाद में विस्फोटक की बरामदगी और दिल्ली बम धमाके के षड्यंत्र में मौलवी की संलिप्तता ने प्रशासन व सुरक्षा एजेंसियों के कान फिर से खड़े कर दिए हैं। सुरक्षा एजेंसियों को एक बार फिर आतंकवाद की सोच रखने वाले धर्म गुरुओं की पहचान करनी होगी।
तीन साल पहले ही किश्तवाड़ से पकड़ा गया था जासूस माैलवी अब्दुल वाहिद
सितंबर 2022 में किश्तवाड़ में पाकिस्तानी जासूस मौलवी अब्दुल वाहिद (25) पकड़ा गया था। वह पाकिस्तान के आतंकी संगठन कश्मीरी जांबाज फोर्स तक सेना व प्रशासन से जुड़ी खुफिया सूचनाएं पहुंचाता था। उसने सेना की तैनाती, अधिकारियों की तस्वीरें व मूवमेंट की जानकारी सीमा पार पहुंचाई थी। वह घुसपैठ के रास्ते भी बताता था।
सितंबर 2022 में ही शोपियां में धार्मिक उपदेश देने वाले सरजान बरकाती को गिरफ्तार किया था। उसने 2016 में हिजबुल के पोस्टर बॉय बुरहान वानी की मौत के बाद खुलेआम भड़काऊ भाषण देता था। आतंक समर्थित भाषण देने के कारण उसे फ्रीडम चाचा के नाम से जाना जाता था। धर्मगुरु मुश्ताक अहमद वीरी व अब्दुल राशिद दाऊदी को पीएसए के तहत पकड़ा था।