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Leh-Ladakh: इलेकि्ट्रक व हाइड्रोजन बसों के साथ हरित परिवहन अभियान में लद्दाख अग्रणी, देश के लिए बना उदाहरण

जैनब संधू अमर उजाला नेटवर्क, लेह Published by: निकिता गुप्ता Updated Mon, 29 Dec 2025 12:17 PM IST
सार

लद्दाख ने इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन बसों की शुरुआत कर स्वच्छ व हरित परिवहन के क्षेत्र में देश में अग्रणी भूमिका निभाई है।

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Ladakh leads the green transport movement with electric and hydrogen buses
लेह में चल रही हाइड्रोजन चालित बस। - फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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भारत के सबसे अधिक पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्रों में से एक लद्दाख ने स्वच्छ व हरित परिवहन व्यवस्था को अपनाकर एक निर्णायक कदम उठाया है। केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने वर्ष 2023 में इलेक्ट्रिक बस सेवाएं शुरू कीं। इनके सफल परीक्षण के बाद इसी वर्ष जून में लेह में व्यावसायिक संचालन के लिए पांच हाइड्रोजन फ्यूल सेल बसें शुरू की गईं।

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यह पहल उच्च हिमालयी मार्गों पर सार्वजनिक परिवहन के लिए हाइड्रोजन चालित बसों की भारत की पहली व्यावसायिक तैनाती है जिसने चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों में स्वच्छ परिवहन के लिए एक नया मानक स्थापित किया है। इन बसों को नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को सौंपा गया।
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इस उपलब्धि में एक और महत्वपूर्ण कड़ी जोड़ते हुए पिछले वर्ष नवंबर में लेह में दुनिया का सबसे ऊंचाई पर स्थित हाइड्रोजन फ्यूलिंग स्टेशन का थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने शुभारंभ किया। यह स्टेशन समुद्र तल से 11,562 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। ये 1.7 मेगावाट सौर संयंत्र से प्राप्त नवीकरणीय ऊर्जा पर संचालित होता है। इस परियोजना से प्रतिवर्ष लगभग 350 मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आने की उम्मीद है।

यह पहल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड और लद्दाख प्रशासन के बीच मजबूत सहयोग का परिणाम है जो नवीकरणीय ऊर्जा नवाचार में भारत के नेतृत्व को दर्शाती है। इस स्वच्छ ऊर्जा यात्रा में लद्दाख की भूमिका इसे देश में एक अग्रणी क्षेत्र के रूप में स्थापित करती है। क्षेत्र में भीषण सर्दियों के बावजूद हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक बसें ऊंचाई वाले मार्गों पर नियमित रूप से संचालित हो रही हैं।

बस चालक निस्सार हुसैन ने बताया कि इन बसों को सर्दियों में भी संचालित करने के निर्देश हैं। ये बसें तीन वर्ष की परीक्षण अवधि पर हैं और यदि यह परियोजना सफल रहती है तो लद्दाख में और अधिक हाइड्रोजन बसें तैनात की जाएंगी। पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ यात्री सेवा भी इस पहल का प्रमुख उद्देश्य है। बसें यात्रियों की संख्या की परवाह किए बिना प्रतिदिन संचालित की जाती हैं जिससे शून्य से नीचे तापमान में भी विश्वसनीय सार्वजनिक परिवहन सुनिश्चित होता है।

विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन साधते हुए इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन परिवहन के क्षेत्र में लद्दाख के अग्रणी प्रयास देश के अन्य उच्च हिमालयी और पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्रों के लिए एक आदर्श उदाहरण बनकर उभरे हैं। लद्दाख में वायु प्रदूषण के स्तर में भी चिंताजनक वृद्धि देखी जा रही है। शुक्रवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 104 दर्ज किया गया जिसे उच्च हिमालयी क्षेत्र के लिए अस्वास्थ्यकर माना जाता है।

इस आंकड़े ने सार्वजनिक परिवहन को पर्यावरण-अनुकूल समाधानों में बदलने की आवश्यकता को और अधिक स्पष्ट कर दिया। परिणामस्वरूप लेह और कारगिल शहरों तथा उनके आसपास के क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक बसें सफलतापूर्वक संचालित की जाने लगीं।

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