खत्म हुआ इंतजार... पहलगाम पर्यटकों से गुलजार: महीनों की खामोशी के बाद लौटी मुस्कान, घाटी में फिर बहार
कई महीनों बाद पहलगाम में एक बार फिर पर्यटकों की रौनक लौट आई है, जिससे बाजार, होटल और सड़कें गुलजार नजर आ रही हैं। देशभर से आए सैलानी घाटी की खूबसूरती, मौसम और स्थानीय लोगों की मेहमाननवाजी का आनंद ले रहे हैं, जिससे पर्यटन कारोबार को नई उम्मीद मिली है।
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कई महीनों के बाद पहलगाम एक बार फिर चारों ओर से सजा-संवरा और जीवंत नजर आ रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों से आए पर्यटक घाटी की खूबसूरती का लुत्फ उठाते दिखाई दे रहे हैं। बाजारों में रौनक है, होटल गुलजार हैं और सड़कों पर पर्यटकों की आवाजाही बढ़ गई है।
पर्यटकों का कहना है कि जब वे घर से निकले थे तो मन में यह आशंका थी कि शायद वे पहलगाम नहीं जाएंगे लेकिन यहां पहुंचकर उनका अनुभव पूरी तरह बदल गया। एक पर्यटक ने कहा, यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है। पहलगाम की वादियां, मौसम और लोगों की मेहमाननवाजी दिल को छू जाती है।
कई जगहों पर पर्यटक हिंदी नगमों पर झूमते और नाचते हुए नजर आ रहे हैं। स्थानीय कारोबारियों और पर्यटन से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। पहलगाम में लौटी यह रौनक एक बार फिर साबित कर रही है कि शांति और भरोसे के साथ यह वादी सैलानियों की पहली पसंद बनी रह सकती है।
हालात बेहतर होने के साथ घाटी में बढ़ेंगे सैलानी : डॉ. फारूक
नेकां प्रमुख डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को पर्यटन को लेकर उम्मीद जताते हुए कहा कि जैसे-जैसे हालात बेहतर होंगे, वैसे-वैसे घाटी में आने वाले सैलानियों की संख्या में इजाफा होगा। अगर अच्छी बर्फबारी होती है तो और भी सैलानी आएंगे। बांग्लादेश में हिंसा के सवाल पर उन्होंने कहा कि बांग्लादेश एक अलग मुल्क है और वहां शांति बहाल होना बेहद जरूरी है। अल्लाह करे कि बांग्लादेश में अमन के साथ चुनाव कराए जाएं।