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विश्व पर्यावरण दिवस: जम्मू कश्मीर में बदल रहा बारिश का दौर, गर्मी के सीजन में भी मार्च जैसी ठंडक
अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू
Published by: kumar गुलशन कुमार
Updated Mon, 05 Jun 2023 12:40 PM IST
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सार
जलवायु परिवर्तन की बात करें तो बीते साल की तुलना में इस बार मई में सिर्फ तीन दिन ही 44 डिग्री सेल्सियस औसतन तापमान दर्ज किया गया। शेष दिन ठंडक रही।

जम्मू में बारिश (फाइल)
- फोटो : अमर उजाला

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विस्तार
विश्व पर्यावरण दिवस पांच जून यानी आज है। इसके लिए लोगों में जागरूकता की हुंकार जरूरी है ताकि पर्यावरण को सुरक्षित व संरक्षित किया जा सके। स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों समेत अन्य संस्थानों, एनजीओ, पर्यावरण विभाग और सरकार को भी उचित कदम उठाने की जरूरत है। कारण- वन कटाव, प्रदूषण और गैस उत्सर्जन से प्रदेश में निर्धारित समय से पहले मौसम में बदलाव हो रहा है जिससे जनजीवन पर गहरा असर पड़ रहा है।
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जलवायु परिवर्तन की बात करें तो बीते साल की तुलना में इस बार मई में सिर्फ तीन दिन ही 44 डिग्री सेल्सियस औसतन तापमान दर्ज किया गया। शेष दिन ठंडक रही। 15 मई, 2022 को जम्मू का औसतन तापमान 43.9, 27 मई, 2021 में 41.6, 28 मई, 2020 में 42.6, 31 मई, 2019 को 44.1 सेल्सियस तापमान रहा था।
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जम्मू विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के बीस साल के शोध में सामने आया है कि बारिश का पैट्रन बदला है। शिक्षाविद और विशेषज्ञ डॉ. सरफराज असगर का कहना है- अचानक तापमान में गिरावट और वर्षा पैट्रन बदलना कृषि के लिए भी हानिकारक है। शोध के आधार पर कहा कि 30 साल में कटड़ा में औसतन तापमान 1.448, भद्रवाह में 1.42 और जम्मू में 0.427 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है।
कार्यशैली में बदलाव करने की जरूरत
डॉ. सरफराज का कहना है कि व्यक्ति को भी कार्यशैली में बदलाव करना होगा। बीस साल पहले जिस तरह की कृषि की जाती थी। उससे हटकर काम करने की जरूरत है। सुझाव दिया कि मक्की, धान, गेहूं के पुराने फसली चक्र को छोड़ना होगा। इसके साथ मनुष्य को प्रकृति के साथ उचित व्यवहार करना होगा। इसके लिए जरूरी है कि अधिक पौधारोपण किया जाए।
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