सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Jharkhand ›   Farmers of Jharkhand Khunti district are losing interest in opium cultivation

Jharkhand News: अफीम की खेती छोड़ेंगे खूंटी के किसान, 25 गांवों के प्रधानों ने की बैठक; वैकल्पिक खेती की मांग

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रांची Published by: तरुणेंद्र चतुर्वेदी Updated Sun, 31 Aug 2025 04:33 PM IST
सार

झारखंड में अफीम की खेती के लिए पहचाना जाने वाला खूंटी जिले के किसानों ने अब अफीम की खेती छोड़कर वैकल्पिक खेती अपनाने का फैसला किया है। जिले के 25 गांवों के ग्रामप्रधानों ने सांसद और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर यह बात साफ तौर पर कही।

विज्ञापन
Farmers of Jharkhand Khunti district are losing interest in opium cultivation
Jharkhand News: बैठक के दौरान ग्राम प्रधानों का एक समूह चर्चा करते हुए। - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

झारखंड में अफीम की खेती के लिए चर्चित खूंटी जिले के किसानों ने अब अफीम की खेती छोड़कर वैकल्पिक खेती अपनाने का फैसला किया है। इसको लेकर जिले के 25 गांवों के ग्रामप्रधानों ने सांसद और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर यह बात साफ तौर पर कही। ग्रामप्रधानों ने बताया कि अफीम की खेती से इलाके की बदनामी होती है और पुलिस भी युवाओं को परेशान करती है। उन्होंने कहा कि गांव में युवाओं को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाएगा ताकि कोई फिर से अफीम की खेती न करे।

Trending Videos


ग्रामीणों का कहना है कि नक्सलवाद, उग्रवाद, पत्थलगड़ी विवाद और अफीम की खेती जैसी समस्याओं की जड़ बेरोजगारी है। अगर सरकार लोगों को रोजगार और आजीविका का साधन दे तो यह इलाका अपराधमुक्त और खुशहाल बन सकता है। ग्रामप्रधानों ने यह भी मांग की कि पुलिस ग्रामप्रधानों को नोटिस भेजना बंद करे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अब अफीम की खेती नहीं की जाएगी।

विज्ञापन
विज्ञापन

'पौधे नहीं मिले, जिससे खेत खाली पड़े हैं'
बैठक में ग्रामीणों ने सांसद को यह भी बताया कि पहले प्रखंड कार्यालय की ओर से लाह की खेती को बढ़ावा देने के लिए सेमियालता के पौधे उपलब्ध कराने की बात हुई थी। कोचांग पंचायत में साढ़े छह एकड़ जमीन पर खेती के लिए आवेदन भी दिया गया, लेकिन पौधे नहीं मिले, जिससे खेत खाली पड़े हैं। ग्रामीणों का मानना है कि सेमियालता पर लाह की खेती अफीम का बेहतर विकल्प हो सकती है।

चिंता: स्कूलों में बच्चों की संख्या घट रही

ग्रामीणों ने शिक्षा की खराब स्थिति पर भी चिंता जताई। उनका कहना है कि स्कूलों में बच्चों की संख्या घट रही है और शिक्षक समय पर नहीं आते, जिससे पढ़ाई का स्तर लगातार गिर रहा है।इस मौके पर ग्रामीण हरि सिंह सोय ने कहा कि पिछली सरकार ने आदिवासियों की सामूहिक जमीन को लैंड बैंक में डाल दिया था। अब आबुआ सरकार को चाहिए कि वह इस लैंड बैंक को खत्म करे।


ये भी पढ़ें- Prem Sagar: रामायण के डायरेक्टर रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर का निधन, बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती थे

अफीम से आदिवासी समाज को बड़ा नुकसान-सांसद
सांसद कालीचरण मुंडा ने कहा कि अफीम से आदिवासी समाज को बड़ा नुकसान हो रहा है। उन्होंने जोर दिया कि इन समस्याओं का हल ग्रामसभा स्तर पर निकाला जाना चाहिए। सांसद ने ग्रामप्रधानों से अलग बैठक भी की और तय हुआ कि जल्द ही कोचांग में एक बड़ी सभा होगी, जिसमें राज्य सरकार के मंत्रियों को बुलाकर समस्याओं के समाधान की मांग की जाएगी।

ये भी पढ़ें- लखनऊ में पटाखा फैक्टरी में भीषण विस्फोट: सात लोगों की मौत की खबर, पांच घायल; सीएम योगी ने लिया घटना का संज्ञान
 

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed