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UP: 30 रुपये का इंजेक्शन ठीक करेगा एड़ी-घुटने का दर्द, अध्ययन को स्प्रिंगर नेचर के क्यूरस जर्नल में मिला स्थान

अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ Published by: भूपेन्द्र सिंह Updated Tue, 13 May 2025 03:35 PM IST
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सार

केजीएमयू के फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन विभाग ने एक सस्ता और प्रभावी इलाज खोज निकाला है। शोध में पाया कि डीएनएस का मात्र 30 रुपये का इंजेक्शन, एड़ी और घुटने  के पुराने दर्द में स्टेरॉयड का बेहतर और सुरक्षित विकल्प बन सकता है।

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घुटने और एड़ी में दर्द - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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एड़ी और घुटने का दर्द अब 30 रुपये के इंजेक्शन से ठीक हो सकता है। लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय ने अपने अध्ययन में इसे साबित किया है। अल्ट्रासाउंड की सहायता से डेक्सट्रोज नॉर्मल सलाइन (डीएनएस) का इंजेक्शन देकर दर्द से राहत मिल सकती है। इस अध्ययन को स्प्रिंगर नेचर के क्यूरस जर्नल में स्थान मिला है।

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केजीएमयू में फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन विभाग के प्रमुख प्रो. अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि एड़ी और टखने में दर्द की समस्या वयस्कों में काफी हो रही है। विशेष रूप से एथलीट और 40 से 60 वर्ष की आयु के बीच की महिलाएं और 65 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है।
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इसमें मरीज आमतौर पर एड़ी के मध्य भाग में कोमलता की शिकायत करते हैं। अभी तक स्टेरॉयड का इंजेक्शन इसके लिए सामान्य इलाज था। स्टेरॉयड से मरीज को राहत मिल जाती थी, लेकिन मांसपेशियां कमजोर पड़ने के साथ कई अन्य समस्याएं होती है। इसे देखते हुए नए इलाज की खोज की जा रही है।

ऐसे किया गया मरीजों पर शोध

सामान्य मरीजों को चढ़ाए जाने वाले सलाइन के साथ ही प्लाज्मा थेरेपी भी इसका विकल्प हो सकता है। इनकी प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए 22-22 रोगियों के दो समूह बनाकर अध्ययन किया गया। इसमें रोगियों की औसत आयु 36 साल थी।

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पहले समूह को अल्ट्रासाउंड की सहायता से 25% डेक्सट्रोज का इंजेक्शन दिया गया। दूसरे समूह के मरीजों में उनके शरीर के खून से प्लाज्मा निकालकर इंजेक्शन के माध्यम से दर्द वाले स्थान पर लगाया गया। छह सप्ताह तक इनका फॉलोअप किया गया।

मरीजों को मिली दर्द से राहत

देखा गया कि दोनों ही तकनीक से दर्द में काफी राहत मिली। प्लाज्मा थेरेपी अपेक्षाकृत थोड़ी महंगी पड़ती है, लेकिन डेक्सट्रोज नॉर्मल सलाइन जो करीब 30 रुपये में ही आ जाती है, का इंजेक्शन काफी सस्ता उपचार है। अध्ययन में नीलम कुमारी, सुधीर मिश्रा, अनिल कुमार गुप्ता, तूलिका चंद्रा, दिलीप कुमार, गणेश यादव और सुनील कुमार शामिल रहे।

दाएं पैर में समस्या ज्यादा

अध्ययन में महिला और पुरुष दोनों तरह के मरीजों को शामिल किया गया। 40.9% फीसदी को दोनों पैर में समस्या थी। वहीं 40.9% फीसदी में दाएं और 18.2% को बाएं हिस्से में दर्द की समस्या थी।

11 से 15 फीसदी आबादी को समस्या

अध्ययन में बताया गया है कि एड़ी और घुटने में दर्द की समस्या 11 से 15 फीसदी आबादी को हो सकती है। एथलीट में पांच से 10 फीसदी में यह समस्या देखी जाती हैं। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में दर्द की समस्या ज्यादा पाई जाती है।
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