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वामपंथी उग्रवाद से निपटने को पुलिस बल का होगा आधुनिकीकरण : राजनाथ

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ Updated Tue, 25 Sep 2018 12:33 AM IST
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advancement of police force to deal with Left wing extremism
बैठक में मौजूद सीएम योगी व गृहमंत्री राजनाथ सिंह
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मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में सोमवार को राज्यों के बीच के अधिकतर मुद्दों को सुलझा लिया गया। इस दौरान वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए पुलिस बल के आधुनिकीकरण पर सहमति बनी। यूपी व उत्तराखंड जमरानी बांध परियोजना को लेकर एमओयू के लिए राजी हो गए हैं।

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नई रेल परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण के साथ ही मॉडल स्कूल स्कीम पर फिर से विचार करने और शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) में भी संशोधन पर सहमति बनी है।
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मध्य क्षेत्रीय परिषद की 21वीं बैठक केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में यहां योजना भवन में हुई। इसमें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री रामसेवक पैकरा और मध्य प्रदेश के गृह व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह शामिल हुए। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा व केशव प्रसाद मौर्य और ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेंद्र सिंह भी मौजूद थे। 

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि क्षेत्रीय परिषदों का उद्देश्य राज्यों के बीच पारस्परिक सहयोग बढ़ाकर विचार-विमर्श के जरिये समस्याओं का समाधान करना है। मध्य क्षेत्र की बैठक में कुल 22 मुद्दों पर चर्चा हुई।

इनमें से 17 का समाधान निकाला गया। तीन मामलों का कुछ दिशा-निर्देशों के साथ समाधान किया गया है। दो मामलों पर स्टैडिंग कमेटी की बैठक में विचार किया जाएगा। 

अंतरराज्यीय परिषद के सचिव आर. बुहरिल ने बताया कि बैठक में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 19 जनवरी 2015 की बैठक में लिए गए निर्णयों के अमल की समीक्षा की गई। क्षेत्रीय परिषद की अगली बैठक छत्तीसगढ़ में होगी।

एनएचएम में लचीलेपन पर सभी राज्यों का जोर 

मध्य क्षेत्रीय परिषद की स्टैंडिंग कमेटी के सचिव ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत राज्य विशेष की आवश्यकताओं के आधार पर लचीलापन प्रदान करने पर जोर दिया गया। सीसीटीएनएस के लिए बेहतर कनेक्टिविटी और राज्यों में शिक्षा से संबंधित मुद्दे पर भी आम राय बनी। इसके अलावा वन संरक्षित क्षेत्रों के अंदर के गांवों का बाहर पुनर्स्थापन, वन क्षेत्रों में बिजली की लाइनों के इंसुलेशन, उत्तर प्रदेश विद्युत निगम लि. द्वारा मध्य प्रदेश को बकाया राशि का भुगतान, बुंदेलखंड पैकेज के लिए राज्यों को भारत सरकार से अवशेष धनराशि दिया जाना, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन नीति-2005 से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की गई।

इन मुद्दों को सुलझाया गया

रेलवे द्वारा नया रायपुर में पुरानी छोटी लाइन की भूमि की वापसी, कैंपा की धनराशि जारी करने, कारागार आधुनिकीकरण योजना फेज-2, पर्यावरण संबंधी अनापत्ति जारी करने की प्रक्रिया में संशोधन, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम- 2013 के अमल से संबंधित मुद्दे, छात्रावास की सुविधा प्रदान करने के लिए मॉडल स्कूल स्कीम का पुनर्निरीक्षण, नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 में संशोधन, प्रस्तावित नई परिवहन और सड़क सुरक्षा नीति के प्रावधानों पर पुनर्विचार, उत्तर प्रदेश में भूमिगत जल के रिचार्ज, जमरानी बांध परियोजना के संबंध में यूपी व उत्तराखंड के बीच समझौता ज्ञापन, उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन लि. द्वारा रेलवे कर्षण उप केंद्रों के लिए ट्रांसमिशन लाइनों का निर्माण, नई रेलवे लाइन परियोजनाओं के लिए भू-अधिग्रहण, क्षेत्रीय परिषद और उसकी स्थायी समिति में सचिव की भूमिका का पुनर्निर्धारण आदि शामिल हैं।

ये भी रहे शामिल

बैठक में केंद्रीय गृह मंत्रालय के सलाहकार हरि कृष्ण पालीवाल, यूपी के मुख्य सचिव डॉॅ. अनूप चंद्र पांडेय, डीजीपी ओपी सिंह, उत्तराखंड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अंतरराज्यीय परिषद के सचिव आर. बुहरिल, केंद्रीय गृह, राजस्व, वित्त, नागरिक उड्डयन, वाणिज्य, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण, ग्राम्य विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, वन, पर्यावरण एवं जलवायु, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, आवास एवं शहरी विकास आदि मंत्रालयों के अधिकारी, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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